विधान सभा में विस्फोटक पहुंचने के बाद जारी एलर्ट का इलाहाबाद में नहीं कोई असर
शनिवार को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के रियलिटी चेक में जिला कचहरी की सुरक्षा भगवानभरोसे रही
प्रवेश द्वार पर नहीं थे सुरक्षाकर्मी, मेटल डिटेक्टर भी मिला खराब, कहीं भी जाने पर नहीं हुई रोक-टोक
ALLAHABAD: उत्तर प्रदेश विधान सभा के मुख्य भवन में पीईटीएन जैसे विस्फोटक पाउडर मिलने के बाद प्रदेश में एलर्ट जारी है। इसे ध्यान में रखते हुए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने जिला कचहरी का रियलिटी चेक किया तो यहां सुरक्षा व्यवस्था भगवानभरोसे मिली। गेट पर तैनात पुलिसकर्मी गायब थे तो यहां लगा मेटल डिटेक्टर खराब पड़ा था। परिसर में आने जाने वाले सभी लोग बेरोकटोक घुम रहे थे। दीवानी गेट का हाल भी यही था।
जिला जज गेट पर कोई नहीं
जिला जज की तरफ के गेट पर कोई भी पुलिसकर्मी नहीं था। गेट पर तलाशी की कोई व्यवस्था नहीं थी। ऐसे ही हालात चंद कदम की दूरी पर स्थित दूसरे गेट के भी थे। पीडब्ल्यूडी कार्यालय की तरफ पड़ने वाले तीसरे गेट का हाल भी यही था।
बस शोपीस मेटल डिटेक्टर
जिला अदालत की मुख्य बिल्डिंग के गेट पर लगे दोनों मेटल डिटेक्टर खराब थे। ये दोनों प्रथम तल पर लगे हुए हैं। ये कब से खराब हैं के सवाल पर रोज आने वालों ने कहा कि जब से देख रहे हैं खराब ही हैं। सीनियर अधिवक्ता राम सुमेर ने बताया कि जिला कचहरी में रोज पन्द्रह से बीस हजार की भीड़ जुटती है।
वाहनों का भी जमावड़ा
जिला कचहरी में कर्मचारियों, पब्लिक और अधिवक्ताओं को मिलाकर दो से तीन हजार दो पहिया वाहन पार्क होते हैं। आज तक कभी इनकी चेकिंग नहीं की गई।
08 हजार अधिवक्ता रोज कचहरी में जुटते हैं
15 कर्मचारी भी रोज कचहरी पहुंचते हैं
14 हजार के लगभग वादकारी रोज कचहरी आते हैं
70 जजेज भी प्रतिदिन यहां आते हैं
जिला कचहरी में कोई भी विस्फोट या दूसरी वारदात को अंजाम दे सकता है। अधिकारियों को सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम करना चाहिए।
जय प्रकाश पाण्डेय, अधिवक्ता
रोज यहां पन्द्रह से बीस हजार लोग जुटते हैं। कोई भी इन्हें निशाना बना सकता है, लेकिन सुरक्षा को लेकर अधिकारी उदासीन हैं।
विजय मिश्रा, अधिवक्ता
पुलिस प्रशासन को चाहिए कि वह कचहरी की सुरक्षा पर ध्यान दें। लेकिन इसकी जिम्मेदारी उठाने को कोई तैयार नहीं है जो घातक हो सकता है।
चंदन मिश्रा, अधिवक्ता
अधिवक्ता सुरक्षा को लेकर फिक्रमंद हैं। पुलिस प्रशासन को चाहिए कि जगह-जगह पुलिसकर्मियों को तैनात करें, लेकिन कोई ध्यान नहीं दे रहा।
मो आलम, अधिवक्ता
परिसर में कई घटनाएं हो चुकी हैं इसके बाद भी प्रशासन उदासीन है। हजारों की संख्या में लोग यहां आते है, उनकी सुरक्षा भगवानभरोसे है।
कौशल सिंह, अधिवक्ता