- जारी पत्र में शहर काजी ने निदा खान को दी सलाह समेत इस्लाम से खारिज करने के संकेत

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- जारी पत्र में शहर काजी ने निदा खान को दी सलाह समेत इस्लाम से खारिज करने के संकेत

BAREILLY:

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शहर काजी मौलाना असजद रजा खां ने आला हजरत खानदान की बहू निदा खान को इस्लाम से खारिज करने की चेतावनी दी है। निदा पर शौहर से तलाक के मसले को लेकर आवाम को गुमराह करने की बात शहर काजी ने कही। उनका कहना कि दारुल इफ्ता को निदा का कभी कोई पत्र नहीं मिला। जबकि, वह दारुल इफ्ता को पत्र लिखने की बात कर चुकी हैं।

इस्लाम से होंगी खारिज

जमात-रजा-ए-मुस्तफा कमेटी की ओर से जारी प्रेस नोट में शहर काजी के पत्र में लिखा है कि नियमानुसार शरीअत के किसी भी हुक्म को इनकार करने वाला मर्द हो या औरत वह इस्लाम से खारिज कर दिया जाता है। शरई अदालत में जो भी फैसला दिया जाता है वह भाई-भतीजा, रिश्तेदार देखकर नहीं बल्कि कुरआन और हदीस देखकर दिया जाता है। उन्होंने निदा खान को अपनी नसीहत बंद कर इस मसले को हल करने की सलाह दी है। साथ ही, निदा खान को नसीहतें देना बंद न करने पर इस्लाम से खारिज करने के संकेत भी दे दिए हैं। शहर काजी ने निदा को शरीअत या कोर्ट जिस पर भी भरोसा हो वहां जाकर अपनी बात रखने की छूट दी है।

तलाक पर सवाल

आला हजरत खानदान की बहू निदा खान और शीरान के बीच तलाक हुआ या नहीं यह सवाल अभी पेचीदा बना हुआ है। कोर्ट में दाखिल तलाकनामा हालांकि कानूनी नजरिए से साफ नहीं है, लेकिन शरीयत में इसे तलाक माना जा सकता है। शहर काजी के सामने निदा के दोबारा पेश न होने से फैसला अभी नहीं आया है। बता दें कि निदा और शीरान की शादी क्8 फरवरी ख्0क्भ् को हुई। दोनों में विवाद और आरोप प्रत्यारोप का दौर चला। फिर निदा थाने पहुंची और रिपोर्ट दर्ज न होने पर अदालत का सहारा लिया। मामले पर शीरान ने अदालत में तलाकनामा दाखिल किया, जिसे निदा फर्जी बता रही हैं।

निदा ने लगाए आरोप

निदा ने बताया कि शीरान ने अदालत में कागजात पेश किए है, उसके मुताबिक तलाक निदा के घर पर दोनों परिवारों की सहमति से हुआ है, जिसे गलत ठहराते हुए निदा का कहना है कि शीरान ने कब और कहां तलाक दिया उसे नहीं पता। अदालत में दाखिल तलाकनामा एकतरफा है। उसमें सिर्फ शीरान और उन्हीं के दो गवाहों के हस्ताक्षर हैं। उनकी ओर से कोई हस्ताक्षर न मेरे और न ही गवाहों के हैं। तो फिर रजामंदी से कैसे तलाक हुआ।