-स्टाफ के भरोसे चल रहा है मंडलीय हॉस्पिटल कबीरचौरा का बर्न यूनिट

-प्लास्टिक सर्जन की कमी से झुलसे मरीज प्राइवेट हॉस्पिटल्स में ले रहे शरण

VARANASI

सूबे की सरकार सबसे अधिक जोर स्वास्थ्य सुविधाओं पर दे रही है। हर किसी को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिले इसके लिए तमाम प्रयास भी किए जा रहे हैं। इसके बावजूद गवर्नमेंट हॉस्पिटल्स में कंडीशन नहीं सुधर रही है। कहीं दवाओं का टोटा है तो कहीं स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स की कमी मरीजों की परेशानियां बढ़ा रही है। बनारस सहित पूर्वाचल, बिहार-मध्य प्रदेश तक के मरीजों से भरे रहने वाले एसएसपीजी मंडलीय हॉस्पिटल कबीरचौरा के बर्न यूनिट में डॉ। एके प्रधान के रिटायर होने बाद से ही प्लास्टिक सर्जन की दरकार है। बिना सर्जन के चल रहे इस बर्न यूनिट में झुलसे मरीजों को सिर्फ मलहम-पट्टी करके ही टरका दिया जा रहा है। यदि कोई गंभीर रूप से झुलसा है तो उसे प्लास्टिक सर्जरी के लिए प्राइवेट हॉस्पिटल्स की ओर रुख करना पड़ रहा है।

BHU के अलावा कहीं नहीं

एकमात्र बीएचयू का ही बर्न यूनिट ऐसा है जहां प्लास्टिक सर्जन मिल जाएंगे, लेकिन यहां हर किसी का इलाज संभव नहीं है। बेड फुल रहने की कंडीशन में प्राइवेट हॉस्पिटल्स ही जाना पड़ता है। लेकिन यहां भी पहुंचना गरीब मरीजों के लिए संभव नहीं हो पाता है। ऐसे में झुलसे मरीज बेहतर चिकित्सा के अभाव में दम तोड़ देते हैं या फिर बदन पर जख्म एक दाग बनकर रह जाता है।

मंत्रियों ने भी देखी है हकीकत

गर्मी इतनी कि धूप में निकलते ही बदन झुलस जा रहा है। सोचिए कि जो आग की लपटों से झुलस कर मंडलीय हॉस्पिटल पहुंचता होगा उसका क्या हाल होता होगा? ख्भ् बेड के इस बर्न यूनिट में महज चार एसी ही काम कर रहे हैं। आठ लाख का बजट भी एसी के लिए पास जरूर हुआ लेकिन अभी तक और एसी नहीं लग सके हैं। स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह, नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना से लगायत राज्यमंत्री डॉ। नीलकंठ त्रिपाठी तक बर्न यूनिट को बेहतर बनाने के लिए दिशा निर्देश जारी कर चुके हैं।

प्लास्टिक सर्जन की पोस्ट को लेकर शासन को लेटर लिखा जा चुका है। इस मामले में कई बार ऊपर के अधिकारियों से भी बात की गई है। उम्मीद है कि जल्द ही सर्जन मिल जाएंगे।

डॉ। बीएन श्रीवास्तव

एसआईसी, मंडलीय हॉस्पिटल

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बेड हैं मंडलीय हॉस्पिटल में

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ओपीडी हैं यहां

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मरीज हर रोज ओपीडी के लिए कटाते हैं पर्ची

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बेड है बर्न यूनिट में

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रुपये में होता है हर रोग का इलाज

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जांच व दवाइयां हैं फ्री