- जिला महिला अस्पताल में घूस मांगने पर परिजनों ने किया जमकर हंगामा

- डॉक्टर व नर्स पर लगाया धनउगाही का आरोप

GORAKHPUR: जिला महिला अस्पताल में घूस मांगने पर गुरुवार की शाम जमकर हंगामा हुआ। प्रसव के बाद बच्चा देने के नाम पर पैसा मांगने को लेकर फैमिली मेंबर्स ने जमकर बवाल काटा। नाराज परिजनों ने इसकी सूचना पुलिस के साथ ही सीएम और डीएम को भी दी। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले को शांत कराया। साथ ही परिवार के एक मेंबर ने कोतवाली थाने में तहरीर देने की भी बात कही है।

यह नहीं सुधरेंगे

चिलुआताल एरिया के डोमिनगढ़ निवासी सपा यूथ ब्रिगेड सचिव रविंद्र यादव गुरुवार की सुबह 8 बजे जिला अस्पताल पहुंचे। इस दौरान उन्होंने अपनी 30 वर्षीय पत्‍‌नी निशा यादव को जिला महिला अस्पताल में एडमिट कराया। उसे प्रसव पीड़ा हो रही थी। डॉक्टर व स्टाफ नर्स ने गर्भवती को लेबर रूम में ले गई। करीब 12 बजे उसने नॉर्मल एक बच्चे को जन्म दिया। स्टाफ नर्स बाहर निकल कर फैमिली मेंबर्स को खुशखबरी दी कि बेटा हुआ है। परिवार के लोग काफी खुश थे। इस बीच हेल्थ एंप्लाइज ने पैसे की डिमांड की। रविंद्र का कहना है कि खुशी के इस माहौल में 1000 हजार रुपये दिया।

बच्चे के लिए रोने लगी मां

एक हजार रुपए लेने के बाद भी उनका मन नहीं भरा और उन्होंने दोबारा पैसे की डिमांड की। पैसा नहीं मिला तो वह बच्चा देने से इनकार करने लगी। इससे परिवार के लोग काफी परेशान हो गए। उधर नवजात शिशु की मां निशा उनके इस रवैए से प्रताडि़त होकर रोने लगी। इस दौरान रविंद्र अपने घर गए थे। करीब वह 4 बजे घर से लौटे तो पत्‍‌नी की हालत देखकर बौखला गए। स्टाफ नर्स से जब बच्चा मांगा गया तो वह 1500 रुपये की मांग करने लगी। इस बरताव से आक्रोशित परिवार के लोग हंगामा करने लगे। रविंद्र ने तुरंत 100 नंबर पर पुलिस कंट्रोल रूम को सूचित किया। साथ ही डीएम और सीएमओ से इसकी शिकायत की। उन्होंने डॉक्टर व स्टाफ नर्स पर लापरवाही व घूस मांगने का आरोप लगाया।

लगातार मिल रही शिकायत

जिला अस्पताल में दो दिन पहले एक गर्भवती महिला इलाज के अभाव में ढाई घंटे तड़पती रही, लेकिन किसी ने इसकी सुधि नहीं ली। मामला सामने आने के बाद आला अफसरों ने सुधरने जाने की नसीहत दी थी। उनके इस फरमान का असर गुरुवार को एक बार फिर दिखा। उपचार के नाम पर फैमिली मेंबर्स से घूस मांगा जा रहा था। जब परिवार के लोगों ने आपत्ति और हंगामा किया तो मामला खुल कर सामने आया। इस तरह के तमाम मामले सामने आए, लेकिन सिर्फ कार्रवाई का हवाला देकर मामले को टाल दिया गया।

मामले की जानकारी ली गई। फैमिली मेंबर्स की शिकायत पर पूरे प्रकरण की जांच होगी। जांच के दौरान दोषी पाए गए हेल्थ एंप्लाइज पर कार्रवाई की जाएगी।

डॉ। आरके पांडेय, प्रभारी एडी हेल्थ