-प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में मानकों की अनदेखी का आरोप

-डीजी को पत्र भेजकर विरोध जताएंगे डॉक्टर

DEHRADUN : मैदानी जिलों से ख्फ्7 डॉक्टरों के पहाड़ों में ट्रांसफर किये जाने के बाद सोमवार को प्रांतीय चिकित्सा संघ के डॉक्टरों की कार्यकारिणी की बैठक दून में हुई। बैठक में ट्रांसफर में नियमों का उल्लंघन किये जाने के मुद्दे पर मुख्य रूप से चर्चा की गई। डॉक्टरों का आरोप था कि शासन स्तर पर हड़बड़ी में ये ट्रांसफर किये गये हैं और कई डॉक्टरों के ट्रांसफर में मानकों की अनदेखी की गई है। हालांकि डॉक्टरों ने डॉक्टरों को पहाड़ों में भेजकर दुर्गम स्थानों पर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध किये जाने के सरकार के प्रयासों की सराहना भी की।

बिना पेास्ट भेजे डॉक्टर

बैठक में प्रदेश भर से आये डॉक्टरों के प्रतिनिधियों ने ट्रांसफर में हुई अनियमितताओं को सामने रखा। डॉक्टरों का कहना था कि ये ट्रांसफर कितनी हड़बड़ी में किये गये, यह इसी से साफ हो जाता है कि कई डॉक्टर ऐसी जगहों पर भेजे गये, जहां उनकी पोस्ट ही नहीं है। उत्तरकाशी में एनेस्थेटिक्स की दो पोस्ट हैं, लेकिन वहां चार एनेस्थेटिक्स भेजे गये हैं। इसी तरह टिहरी में फ् रेडियोलॉलिस्ट भेजे गये हैं, जबकि वहां पोस्ट सिर्फ एक है।

कुछ डॉक्टरों को छोड़ दिया

बैठक में यह बात भी सामने आई कि कुछ ऐसे डॉक्टरों के ट्रांसफर नहीं किये गये हैं, जो पिछले क्0-क्भ् सालों से मैदानों में जमे हुए हैं, जबकि कुछ डॉक्टरों को नियम विरुद्ध तबादला कर दिया गया है। डॉक्टरों का कहना था कि कुछ डॉक्टर झूठे मेडिकल ग्राउंड पर छोड़ दिये गये हैं, जबकि कई ऐसे डॉक्टर हैं जिनका मेडिकल ग्राउंड जेनुअन होते हुए भी उनका ट्रांसफर किया गया है।

भ्भ् साल से अधिक वालों का भी तबादला

डॉक्टरों का कहना है कि मैदानी क्षेत्रों से जिन फ्फ्7 डॉक्टरों का तबादला किया गया है, उनमें कई ऐसे भी हैं जिनकी उम्र भ्भ् वर्ष से अधिक है, नियमानुसार भ्भ् वर्ष से अधिक उम्र के डॉक्टरों का ट्रांसफर नहीं किया जा सकता। इन अनियमिताओं के खिलाफ प्रांतीय चिकित्सा संघ ने डीजी हेल्थ को पत्र भेजने का निर्णय लिया।

काउंसिलिंग करने की मांग

डॉक्टरों ने मांग की है कि जिस तरह तबादले से पहले सीएमओ और सीएमएस रैंक के अधिकारियों की काउंसिलिंग की जाती है, उसी तरह विशेषज्ञ डॉक्टरों की भी काउंसिलिंग की जानी चाहिए और काउंसिलिंग के बाद ही उनका तबादला किया जाना चाहिए।