एक तरफ गरीबी की मार, तो दूसरी तरफ इलाज में लापरवाही का आलम। रांची में रविवार को राज्य के सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल रिम्स से लेकर नामी-गिरामी ऑर्किड हॉस्पिटल में दो मौतों की खबर ने सिटी को झकझोर कर रख दिया। रिम्स में एक गरीब परिवार के एक साल के मासूम बच्चे की जान सिर्फ 50 रुपए की कमी के कारण चली गयी। वहीं ऑर्किड हॉस्पिटल में एक व्यक्ति की डॉक्टरों की लापरवाही के कारण मौत हो गई। रिम्स में बच्चे की मौत पर खामोशी के साथ परिजन अपने बच्चे की लाश ले गए, लेकिन ऑर्किड में हुई मौत पर साढ़े तीन घंटे तक हंगामा होता रहा।

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बुलाते रहे परिजन, नहीं आए डॉक्टर, मरीज की मौत पर जमकर हंगामा

- किडनी में इन्फेक्शन की शिकायत पर भर्ती कराए गए थे नंदलाल प्रसाद

- हॉस्पिटल मैनेजमेंट ने लौटाए 10 हजार रुपए, शव लेकर लौटे लोग

RANCHI (20 Aug) : एचबी रोड स्थित ऑर्किड हॉस्पिटल में रविवार नगर उंटारी के म्भ् वर्षीय नंदलाल प्रसाद की मौत हो गई। इसके बाद परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाकर दिन के बारह बजे से साढ़े तीन बजे तक खूब हंगामा किया। इस दौरान हॉस्पिटल में अफरा-तफरी का आलम रहा। नंदलाल प्रसाद को क्0 अगस्त को ऑर्किड में भर्ती कराया गया था। उनकी किडनी में इन्फेक्शन था। परिजनों ने आरोप लगाया कि डॉ एचडी शरण और डॉ हेमंत रोहतगी को बीती रात से ही बुलाने का निवेदन किया जाता रहा, लेकिन दोनों डॉक्टर नहीं आये। रविवार को जब दिन के क्क् बजे डॉक्टर पहुंचे, तब तक मरीज की मौत हो चुकी थी। परिजनो का कहना है कि हॉस्पिटल ने क्0 दिन के इलाज में 99 हजार का बिल बनाया और मरीज की मौत भी हो गई।

लौटाने पड़े पैसे, नहीं हुआ एफआईआर

नंदलाल प्रसाद की बहू ने इस प्रकरण में एक लिखित शिकायत लालपुर थाने से की, लेकिन बाद में हॉस्पिटल प्रबंधन ने परिजनों के साथ समझौता कर लिया, जिस कारण कोई एफआईआर दर्ज नहीं किया गया। दरअसल, नंदलाल के इलाज को लेकर ब्भ् हजार रुपए बकाया था। रविवार की सुबह ही परिजनों ने दस हजार रुपए जमा किया था। जब मरीज की मौत हो गई, तो परिजन हंगामा करने लगे। उन्होंने थाने में डॉ एचडी शरण और डॉ हेमंत रोहतगी के खिलाफ कार्रवाई करने का लिखित आवेदन दे दिया। इसी बीच प्रबंधन ने परिजनों से बातचीत की। सुबह जो दस हजार रुपए जमा कराए गए थे, उसे लौटाया गया और एफआईआर नहीं करने का निवेदन किया गया। इसके बाद परिजन मान गए और शव लेकर वापस नगर उंटारी लौट गए।