- डॉक्टरों ने दिल्ली किया कूच, बंद रहे क्लीनिक

-डाक्टरों की हड़ताल से इमरजेंसी चिकित्सा हुई ठप

- सभी अस्पताल व क्लीनिक रहे बंद

मेरठ: डाक्टरों को धरती का भगवान कहा जाता है। लेकिन प्राइवेट डॉक्टर्स की हड़ताल से मरीज परेशान रहे। वहीं डॉक्टर्स की राष्ट्रव्यापी हड़ताल से मरीजों को खामियाजा भुगतना पड़ा। क्लीनिकल बिल इस्टेबलिशमेंट एक्ट-2010 के विरोध में डाक्टरों ने मंगलवार को इमरजेंसी समेत चिकित्सा व्यवस्था को पूरी तरह ठप रही। चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई। डाक्टरों ने मेरठ से दिल्ली तक कई स्थानों पर धरना प्रदर्शन किया।

सभी दुकानें रही बंद

आईएमए की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की अपील पर चिकित्सा मंगलवार को सभी डॉक्टर एकजुट दिखाई दिए। मंगलवार सुबह छह बजे करीब दो सौ डाक्टर आइएमए हाल में जुटे, जहां से वह नई दिल्ली के लिए रवाना हो गए। उध्र शेष डॉक्टरों ने क्लीनिक बंद कर हड़ताल का समर्थन किया।

कलेक्ट्रेट पर किया प्रदर्शन

दस बजे चिकित्सकों का एक दल कमिश्नरी पार्क पहुंचा। डाक्टरों के हाथ में बैनर एवं पोस्टर थे, जिसमें क्लीनिकल बिल इस्टैबलिशमेंट एक्ट-2010 के विरोध में कई स्लोगन लिखे गए थे। आइएमए के पूर्व अध्यक्ष डा। दिनेश अग्रवाल, डा। एसएम शर्मा, डा। जेवीएस चिकारा और अन्य चिकित्सकों की अगुआई में डाक्टरों की टीम डीएम से मिलने पहुंची।

लेकिन तहसील दिवस की वजह से मुलाकात नहीं हुई। इसके बाद डाक्टर आइएमए हाल लौट आए।

अस्पतालों पर पसरा सन्नाटा

डॉक्टरों की हड़ताल को लेकर डॉक्टरों की तैयारियों का पूरा असर देखने को मिला। छीपी टैंक, बच्चा पार्क, सिटी सेंटर, बेगमबाग और इंदिरा चौक के आसपास कोई क्लीनिक खुली नहीं मिली। गढ़ रोड, सूरजकुंड, शास्त्रीनगर से लेकर हापुड़ चौराहे पर भी बंद पूरी तरह नजर आया।

वर्जन

हड़ताल पूरी तरह सफल रही है। यह एक्ट डाक्टरों की बर्बादी की वजह बनेगा। कार्पोरेट का दखल बढ़ाने के लिए डाक्टरों का मनोबल तोड़ा जा रहा है। डाक्टरों की सुरक्षा का कोई कानून क्यों नहीं है। हालांकि मरीजों की असुविधा के लिए आइएमए खेद जताता है।

डॉ। वीरोत्तम तोमर, अध्यक्ष, आइएमए

मेडिकल इमरजेंसी में मरीजों का लोड ज्यादा रहा। 20 बेडों पर 84 मरीजों को भर्ती करना पड़ा। बुलंदशहर दुर्घटना के घायलों के लिए अलग व्यवस्था बनानी पड़ी, जबकि हेड इंजरी के तीन, जबकि गनशॉट के एक मरीज को वेंटीलेटर पर रखा गया है। स्टाफ पूरी तरह मुस्तैद रहा।

डॉ। नितिन यादव, ईएमओ, मेडिकल कालेज

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जिला अस्पताल में रही भीड़

फोटो-

-प्राइवेट डॉक्टर्स की हड़ताल के मद्देनजर जिला अस्पताल ने की तैयारी

मेरठ: प्राइवेट डॉक्टर्स की हड़ताल के मद्देनजर डिस्ट्रिक्ट हॉस्पीटल में खास बंदोबस्त किए गए थे। सीएमएस डॉ। पीके बंसल ने बताया कि सभी डॉक्टर्स को किसी भी इमरजेंसी से निपटने के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए गए थे। ओपीडी भी सामान्य दिनों की अपेक्षा लेट आवर्स तक खुली।

ये थे सामान्य निर्देश

-परचा बनाने के लिए काउंटर को डेढ़ बजे से बढ़ाकर तब तक खोला गया जब तक काउंटर पेसेंट था।

-ओपीडी में तैनात सभी डॉक्टर्स को तब तक बैठने के निर्देश थे जबतक कि एक भी पेसेंट ओपीडी के बाहर हो।

-इमरजेंसी को मुस्तैद किया गया। क्रिटिकल और ट्रामा पेसेंट को मेडिकल कॉलेज या दिल्ली रेफर करने के लिए वेंटीलेटर वैन तैनात रही।

-सीएमएस ने सभी वार्डो में राउंड लिया, डॉक्टर्स को मिलकर जाने के आदेश।

-फार्मेसी को शाम तक खोलने के आदेश, इमरजेंसी पेसेंट के लिए दवाओं का बंदोबस्त।

-वार्ड में भर्ती पेसेंट के लिए वार्ड में ही दवाएं रखवा दी गई।

कम ही रही ओपीडी

आम दिनों के अपेक्षा मंगलवार को जिला अस्पताल की ओपीडी कम ही रही। कारण स्पष्ट करते हुए सीएमएस ने कहा कि भीषण गर्मी और रमजान के चलते पेसेंट आजकल कम आ रहे हैं। रही बात डॉक्टरों की हड़ताल की तो लगातार हो रहे प्रचार-प्रसार से इमरजेंसी मरीज ही घर से निकला है। ओपीडी में मंगलवार 1410 मरीज पहुंचे। आम दिनों से ओपीडी 20 प्रतिशत तक कम रही।

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प्राइवेट डॉक्टरों की हड़ताल के मद्देनजर जिला अस्पताल में एक्स्ट्रा एफर्ट किए गए हैं। सभी डॉक्टर्स को एलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं।

डॉ। पीके बंसल, सीएमएस, जिला अस्पताल