-आए दिन महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा के मामले आते हैं सामने

-घरेलू हिंसा रोकने के लिए बना है महिला संरक्षण अधिनियम 2005

>BAREILLY: महिलाओं के साथ उत्पीड़न की घटनाएं अब रोजाना सामने आती हैं। पुलिस अधिकारियों के ऑफिस और थानों में पहुंचने वालों की संख्या में ज्यादातर महिलाएं होती हैं। कोई दहेज के लिए प्रताडि़त होती हैं तो किसी को संतान न होने के लिए अपमानित करता है। महिलाओं पर घरेलू हिंसा रोकने के लिए महिला संरक्षण अधिनियम 2005 बना है। इसके तहत महिलाओं को कई अधिकार दिए गए हैं। आइए हम बताते हैं कि किस तरह से महिलाओं के साथ हिंसा हो रही है और महिलाओं को हिंसा से बचाने के लिए कौन से अधिकार हैं।

रोज एक से युवती छेड़छाड़

बरेली पुलिस के आंकड़ों पर ही गौर करें तो यहां रोजाना महिला उत्पीड़न के मामले सामने आते हैं। आंकड़े काफी चौंकाने वाले हैं। वर्ष 2016 में महिला उत्पीड़न के मामलों में दोगुना का इजाफा हुआ है। औसतन 2 दिन में 3 महिलाएं उत्पीड़न का शिकार हुई हैं। घरेलू ंिहंसा की बढ़ती वारदातें साफ गवाही दे रही हैं कि महिलाओं का घर में रहना मुश्किल हो गया है। कई महिला को दहेज के लिए प्रताडि़त किया जाता है तो कभी उसके चरित्र पर सवाल उठाए जाते हैं। कई बार संतान न होने के चलते उसे परेशान किया जाता है।

जलकर या जहर देकर लेते हैं जान

महिला उत्पीड़न के मामलों में अक्सर देखने में आता है कि परेशान होकर महिला अपनी जान दे देती हैं। कोई महिला खुद पर मिट्टी का तेल डालकर आग लगाकर जान दे देती हैं तो कई बार उसे ससुराल वाले ही आग के हवाले कर देते हैं। इसी तरह कई महिलाएं जहर खाकर तो कई फांसी के फंदे पर झूलकर अपनी जान दे देती हैं। कई महिलाएं तो परिवार के खातिर घर के अंदर जिंदगी भर घुटती रहती हैं और अपनी आवाज तक नहीं उठाती हैं।

ीगर स्पीक

महिला उत्पीड़न के केस

425-महिला उत्पीड़न, 69-दहेज हत्या

आंकड़े 1 जनवरी से 30 नवंबर 2016 तक

क्या कहता है कानून

शारीरिक दुरुपयोग-कोई भी कार्य या आचरण जो ऐसी प्रकृति का हो जो कि पीडि़त महिला के जीवन अंग या स्वास्थ्य को शारीरिक कष्ट पैदा करता है, इसके अंतर्गत हमला करना और आपराधिक बल इस्तेमाल करना श्ामिल है।

यौन दुरुपयोग-यौन प्रकृति का कोई भी आचरण जो महिला की गरिमा का दुरुपयोग करता है, अपमानित करता है, तिरस्कृत करता है या उसको भंग करता है।

मौखिक और भावनात्मक दुरुपयोग-अपमान, हंसी उड़ाना, तिरस्कार, गाली देना और संतान विशेषकर लडक़ा नहीं होने पर अपमानित करना और हंसी उड़ाना।

आथिर्क दुरुपयोग-कोई भी या सभी आर्थिक या वित्तीय स्त्रोत जिसकी व्यथित महिला विधि या प्रथा के अधीन हकदार है, व्यथित महिला और उसकी संतानों को घर से वंचित करना, स्त्रीधन, संयुक्त संपत्ति, साझी गृहस्थी के इस्तेमाल से अलग करना शामिल है।

-घर के सामानों के खर्च, बहुमूल्य सेवाएं, प्रतिभूतिए बॉण्ड या अन्य सामान, जिसमें पीडि़त महिला हित रखती है या घरेलू नातेदारी के कारण इस्तेमाल करने का अधिकार रखती हैं, जिसकी महिला की संतानों को आवश्यकता हो।

-संसाधन या सुविधाएं जिसकी पीडि़त महिला घरेलू नातेदारी के कारण उपयोग या उपभोग करने की हकदार है, उस पर रोक लगाना।

यहां दे घरेलू हिंसा की सूचना

-कोई भी व्यक्ति घरेलू हिंसा की सूचना संबंधित संरक्षण अधिकारी को दे सकता है।

-सूचना देने वाले व्यक्ति का कानून में कोई दायित्व नहीं है

-पीडि़त महिला स्थानीय थाने या जिले के थाने में भी शिकायत कर सकती है

-पीडि़त महिला पुलिस के सीनियर अधिकारियों के पास जाकर भी शिकायत कर सकती है

-पुलिस कंट्रोल रूम 100 या फिर वूमेन पावर लाइन 1090 में भी शिकायत दर्ज करा सकती हैं