डॉ। बंसल हत्याकांड के बाद सहमे हुए हैं शहर के डॉक्टर

अपनी सुरक्षा की लगा रहे हैं गुहार, नहीं सुन रहे कोई भी अधिकारी

ALLAHABAD: डॉक्टर को धरती का भगवान कहा जाता है। वह लोगों को नया जीवन प्रदान करता है लेकिन आज उसका जीवन ही खतरे में हैं। अपराधी तत्व इतने हावी हैं कि आए दिन डॉक्टरों पर हमले की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। इसकी सबसे ताजा नजीर जीवन ज्योति हॉस्पिटल के निदेशक डॉ। एके बंसल हत्याकांड है। हत्यारों ने डॉक्टर को चैंबर में घुसकर मौत के घाट उतार दिया। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने मंगलवार को डॉक्टरों की दुखती नब्ज पर हाथ रखी तो उनका दर्द छलक आया।

लाइसेंस दीजिए, हम निपट लेंगे

डॉ। बंसल हत्याकांड का अब तक खुलासा नहीं हो सका। डॉक्टरों के जूते पुलिस और प्रशासन के चक्कर काटते घिस चुके हैं। अब डॉक्टरों का कहना है कि अपराधी उन्हें असहाय और कमजोर समझते हैं, लेकिन ऐसा है नहीं। डॉक्टर अपनी सुरक्षा कर सकते हैं। यदि पुलिस प्रशासन उनकी मदद नहीं कर सकता तो उन्हें आ‌र्म्स का लाइसेंस दे दे। डॉक्टरों ने कहा कि रंगदारी और अपहरण जैसी घटनाएं वे झेलते आ रहे हैं। अब अपराधियों के हौसले बुलंद हो गए हैं, वे हत्या तक कर दे रहे हैं।

आज कोई भी डाक्टर हो, डरा और सहमा है। डा बंसल की हत्या के बाद से तमाम डाक्टर असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। हमारी सुरक्षा को लेकर न तो सरकार कोई निर्णय ले रही है और न ही पुलिस प्रशासन कोई कदम उठा रहा है।

डॉ। प्रवीन सिंह

हम जिस प्रोफेशन में है, उसमें मरीज दिखाने के बहाने कोई भी चैम्बर में घुसकर हमला कर सकता है। ऐसी स्थिति में हम लोगों को अपनी सुरक्षा का जिम्मा खुद उठाना पड़ रहा है। पिछले कुछ सालों में लगातार डाक्टरों को निशाना बनाया जा रहा है।

डॉ। अजीत सिंह

डाक्टरों की सुरक्षा बड़ा सवाल है। जनवरी में डॉ। बंसल की हत्या ने साबित कर दिया है कि अपराधी जब चाहें आसानी से किसी भी डाक्टर के चैम्बर में घुसकर उसकी हत्या कर सकते हैं। सरकार को इस दिशा में कुछ सोचने की जरुरत है।

डॉ। शिवजी जायसवाल

डाक्टरों से रंगदारी मांगी जा रही है। हास्पिटल तोड़े जा रहे हैं। चैम्बर में घुसकर हत्या कर दी जाती है। मेडिकल एसोसिएशन और डेंटल एसोसिएशन का प्रतिनिधि मंडल प्रदेश सरकार से मिल चुका है लेकिन सुरक्षा को लेकर कुछ नहीं किया गया।

डॉ। पीपी उपाध्याय

डाक्टर हास्पिटल में आने वाले हर मरीज की सेवा भाव से इलाज करता है। उसे ठीक करने के लिए दिन रात एक कर देता है। डाक्टर कभी नहीं चाहता कि उसका मरीज ठीक न हो। इसके बावजूद अनहोनी होने पर परिजन तोड़फोड़ हंगामा करते हैं।

डॉ। रविन्द्र कुमार सिंह

क्या होना चाहिए

डाक्टर से मिलने आने वाले मरीज और उसके परिजन की आईडी रजिस्टर में मेनटेन हो

डाक्टर के चैम्बर में जाने से पूर्व मरीज और उसके परिजन की सही तरह से तलाशी ली जाए

प्रदेश सरकार डाक्टरों की सुरक्षा के लिए आ‌र्म्स लाइसेंस प्रदान करें

पुलिस प्रशासन की तरफ से हर हास्पिटल के बाहर एक पुलिस सुरक्षा कर्मी तैनात किया जाए

हाल फिलहाल में हुई वारदातें

डॉ। एके बंसल की चैम्बर में गोली मारकर हत्या

डॉ। रंजन बाजपेई के साथ क्लीनिक में मारपीट और दस लाख की रंगदारी की मांग

कटरा स्थित आंनद हास्पिटल में तीमारदारों ने डाक्टर के साथ की मारपीट और तोड़फोड़

मेडिकल चौराहा स्थित एक निजी हास्पिटल में डाक्टर के साथ हाथापाई