एक्सक्लुसिव न्यूज

- एनजीटी ने शासन को और प्रमुख सचिव ने नगर निगम को गाइड लाइंस के मुताबिक निस्तारण के दिए निर्देश

- बरेली में तीन माह से चल रहा क्रमिक अभियान, ध्वस्तीकरण के बाद नहीं उठाया जा रहा मलबा

BAREILLY:

नगर निगम द्वारा चलाए जा रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों का जमकर उल्लंघन हो रहा है। ध्वस्तीकरण के बाद मलबे को न उठाने पर एनजीटी ने नाराजगी जताते हुए शासन को पत्र लिखकर प्रदेश में चल रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान गाइड लाइंस को फॉलो कराने की हिदायत दी है। मामले पर प्रमुख सचिव ने नगर निगम, आवास विकास, बीडीए को ध्वस्तीकरण के बाद मलबे के नियमानुसार निस्तारण के सख्त आदेश दिए हैं। वहीं, उल्लंघन करने पर दंडात्मक कार्रवाई की चेतावनी भी दी है।

प्रदूषण से लोग हो रहे हैं बीमार

आवास एवं शहरी नियोजन अनुभाग उत्तर प्रदेश शासन के प्रमुख सचिव नितिन रमेश गोकर्ण द्वारा जारी पत्र में कहा गया है निर्माण अथवा ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के दौरान वायु प्रदूषण होता है। ध्वस्तीकरण के दौरान भारी मात्रा में धूल के संपर्क में आने से आम जनमानस के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। मलबा न उठाने से नाले नालियां चोक हो जाती हैं जिससे जलभराव समेत एक्सीडेंट की संभावना बनी रहती है। ऐसे में उसके प्रभावी रोकथाम के लिए कार्रवाई किया जाना जरूरी है। उन्होंने निर्माणदायी संस्थाओं को बिन्दुवार मलबे के निस्तारण और उनके रखरखाव की कार्रवाई का आदेश दिया है।

मलबा से भरी पड़ी हैं गलियां

पिछले करीब 3 माह से बरेली को अतिक्रमण और अवैध कब्जा मुक्त करने का अभियान चल रहा है। लेकिन अब तक कहीं भी नगर निगम ने निर्माण को ध्वस्त करने के बाद मलबा साफ नहीं किया है। लोग नगर निगम पहुंचकर मलबा न हटाने की शिकायत और हटाने की मांग कर रहे हैं पर कोई एक्शन नहीं हो रहा। कुछ शहरवासी खुद ही अपने घर के सामने का मलबा साफ करा रहे हैं तो कई जगहों पर अब तक मलबा पड़ा हुआ है। सैलानी, गुलाबनगर, सुभाषनगर, मालगोदाम रोड, मीरा की पैठ, ईट पजाया चौराहा समेत अन्य कई जगहों पर मलबे का ढेर लगने से जलभराव और दुर्घटनाएं हो रही हैं।

'लोग चाहते हैं न उठे मलबा'

एनजीटी के आदेशों के अनुपालन के संबंध में जब अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि लोग ही नहीं चाहते कि उनका मलबा हटाया जाए। क्योंकि उसमें लोहे की सरिया, रॉड, वायरिंग, बोर्ड, टीन शेड, ईट और कई कीमती सामान होते हैं। जिसका यूज किया जा सकता है। ऐसे में लोगों की मंशानुसार मलबा छोड़ दिया जाता है। जबकि आए दिन नगर निगम पहुंच रहे पीडि़तों के बारे में जब पूछा गया तो कहा कि कुछ लोग मौके पर मलबा हटाने नहीं देते हैं और जब टीम वापस चली आती है तो नगर निगम पहुंचकर प्रदर्शन करते हैं। टीम को एक तरफ एक ही बार जाने के आदेश हैं। टीम मलबा उठाती रहेगी तो कार्रवाई कब करेगी।

क्या है एनजीटी की गाइड लाइन

- निर्माण या ध्वस्तीकरण के दौरान उत्सर्जित धूल का नियंत्रण किया जाना

- निर्माण सामग्री या मलबा को ढंक कर रखना और पानी का छिड़काव करना

- निर्माण सामग्री या मलबा को लाने व ले जाने वाले वाहनों के टायर व बॉडी की धुलाई

- निर्माण या ध्वस्तीकरण से जनित अपशिष्ट को ढंक कर ले जाना अति आवश्यक

- सड़कों के किनारे अनियंत्रित तौर पर मलबा या निर्माण सामग्री एकत्र न करना

- निर्माण या ध्वस्तीकरण से जनित अपशिष्ट को फिर प्रयोग के लिए प्लांट स्थापित करना

डेमोलिशन के बाद मलबा निर्देशानुसार टीम हटा रही है। जहां लोग मलबा खुद हटा लेने का आश्वासन देते हैं वहां छोड़ दिया जाता है। अगर कहीं टीम निर्देशों का अनुपालन नहीं कर रही है तो कार्रवाई की जाएगी।

ईश शक्ति कुमार सिंह, प्रभारी नगर आयुक्त