-बाहुबली कांवड़ से लेकर मॉडर्न श्रवण कुमार का आकर्षण

- आकर्षक झांकियों को देखने के लिए उमड़े लोग

Meerut । बदलते दौर में कांवड़ यात्रा सिर्फ भक्ति तक सीमित नही रह गई है। आज के युवा कांवड़ यात्रा के साथ साथ देशभक्ति और समाज हित के संदेश देने का प्रयास कर रहे हैं। इसलिए हर साल कांवड़ के स्वरुप में कई नए बदलाव होते जा रहे हैं। आज कांवड़ में भगवान शिव के पूजन के साथ-साथ बाहुबली का जोश भी शामिल है और श्रवण कुमार की तरह माता पिता का सेवा भाव भी शामिल है। तरह तरह की लाइट, संगीत और सजावट के माध्यम से युवा कांवडि़ये प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी का नतीजा है कि कांवड़ यात्रा में निकाली जाने वाली झांकियां रोचक होती जा रही हैं।

कांवड़ में बाहुबली का रंग

बाहुबली फिल्म का जादू इस बार कांवड यात्रा पर भी दिख रहा है। हरिद्वार से कांवडि़ए बाहुबली की तरह शिवलिंग को कंधे पर रखकर अपनी यात्रा पूरी कर रहे हैं।

श्रवण कुमार की कांवड़

अपने माता पिता की इच्छा को पूरा करने के लिए माता पिता को कंधे पर उठाकर हरिद्वार से गाजियाबाद ले जा रहे मार्डन श्रवण कुमार कपिल समाज को एक बेहतरीन संदेश दे रहे हैं। कई सालों से कपिल अपने माता पिता को इस यात्रा पर ले जाते हैं। कपिल की यह यात्रा आज के युवाओ के लिए प्रेरणादायक बनी हुई है।

बच्चे के साथ यात्रा

अपने तीन माह के बच्चे को पालने में लेटाकर कांवड़ यात्रा कर रही मोदीनगर निवासी महिला कांवडि़या लोगों के आकर्षण का केंद्र रही। मंगलवार को परतापुर पहुंची महिला के बच्चे को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी।

मोर पंख से बनी कांवड़

इस साल कांवड यात्रा में मोर पंख से बनी झांकी दर्शकों के खासे आकर्षण का केंद्र है। बुधवार को मोर पंख की 24 फुट की विशाल कांवड़ मेरठ में पहुंची तो लोग उसके साथ सेल्फी लेने के लिए उमड़ पडे़। शास्त्रीनगर के देवेंद्र, कपिल और पंकज पहली बार मोर पंख की कांवड़ लेकर अपनी यात्रा पर गए थे।

100 किलो की जल कांवड़

फरीदाबाद के सुमित हरिद्वार से बडे बडे कलश में सौ किलो करीब जल लेकर अपनी यात्रा पूरी कर रहे हैं। इतना अधिक वजन लेकर यात्रा कर रहे सुमित भक्ति और शक्ति दोनो का उदाहरण पेश कर रहे हैं।

िक्त का जज्बा

दिव्यांगों की भक्ति में कोई कमी नही आ रही है। हरिद्वार से आ रहे कांवडि़यों की भीड़ में कई कांवडि़ए ऐसे भी शामिल रहे जो पैरों से अपाहिज होने के बाद भी वैसाखी के सहारे अपनी यात्रा पूरी कर रहे हैं।