पर्यावरण को संवारने के लिए जिले के आलाधिकारियों के साथ ही प्रोफेशनल्स और बिजनेसमैन भी दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की ट्री ब्रेक मुहिम से जुड़ गए हैं। मुहिम की सराहना करते हुए उन्होंने शहरवासियों से भी पौधे लगाने और स्वच्छ पर्यावरण बनाने का अनुरोध किया है। मंडे को क्रिएथिक्स पब्लिक स्कूल के चेयरमेन, फर्नीचर पैलेस के डायरेक्टर, बांके बिहारी हीरो के डायरेक्टर ने पौधरोपण किया।

BAREILLY:

ताकि हरा भरा रहे पर्यावरण

क्रिएथिक्स पब्लिक स्कूल के चेयरमैन अंकित अग्रवाल ने मंडे को स्पर्श लॉन में पौधा लगाकर शहर को प्रदूषण मुक्त बनाने में सहयोग दिया। क हा कि शहर में बढ़ रहे प्रदूषण की बड़ी समस्या पेड़ों को लगातार काटने से हुई है। जिससे आक्सीजन की मात्रा घट रही है और अन्य हानिकारक गैसेज की मात्रा बढ़ती जा रही है। जिसे काबू करने के लिए पेड़ों को लगाना बेहद जरूरी है। उन्होंने नन्हें मेहमान का नाम आरव रखा है। जिसका अर्थ है शांति का समर्थक।

कृष्ण का अवतरण जरूरी

पीलीभीत बाईपास स्थित फर्नीचर पैलेस के डायरेक्टर अंकित अग्रवाल ने अपने शॉप के बाहर पौधरोपण किया और उसका नाम कृष्णा रखा। कहा कि द्वापर युग में श्रीकृष्ण का जन्म दानवों को खत्म करने के लिए हुआ था। उन्होंने अपने वचन और कर्म से पृथ्वी को दानवों के भार से मुक्त किया था। ऐसे ही आज प्रदूषण दानव की तरह बढ़ता जा रहा है। जिसके खात्मे के लिए कृष्ण का अवतरण जरूरी है। उन्होंने कहा कि इसीलिए उन्होंने पौधे का नाम कृष्णा रखा है।

अंकुर पल्लवित, पुष्पित हो

पीलीभीत बाईपास स्थित बांके बिहारी पैलेस के डायरेक्टर पंकज अग्रवाल ने अपने शोरूम के बाहर पौधा लगाया और उसका नामकरण किया। नन्हें मेहमान का नाम उन्होंने अंकुर रखा। वहां मौजूद लोगों समेत शहरवासियों से पौधों को अंकुरित, पल्लवित और पुष्पित होने की सीख दी। कहा कि एक पौधा सदैव समाज को प्रदूषण मुक्त करने के लिए अंकुरित होता है। पर आजकल पेड़ों को काट दिया जा रहा है। ऐसा न करने का अनुरोध और काटने वालों पर कार्रवाई की मांग की है।

पेड़ों से ही पृथ्वी का अस्तित्व है। भोजन, हवा और पानी सब पेड़ों से ही मिलते हैं। अगर यह नहीं रहेंगे तो जीवन की कल्पना संभव नहीं है।

डॉ। अंकिता बजाज, डायरेक्टर, हीरा अस्पताल

हमे प्रकृति के संवर्धन और संरक्षण के लिए पेड़ लगाने होंगे। हर किसी को चाहिए कि वह अपने जन्मदिन पर एक पेड़ जरूर लगाए।

इंजीनियर गीत सूरी, डायरेक्टर, सूरी एजुकेशनल सेंटर

पेड़ों को काटे जाने की सूचनाओं पर सख्त कार्रवाई किया जाना चाहिए। पर ऐसा होता नहीं। अगर सख्त कार्रवाई हो तो पेड़ न कटें।

सहरिश हुसैन, प्रिंसिपल, क्रीसेंट पब्लिक स्कूल

मैंने कई पेड़ लगाए हैं। उन्हें बढ़ते हुए देखना बेहद अच्छा लगता है। पौधों को पेड़ बनने तक बच्चे की तरह देखभाल करनी पड़ती है।

डॉ। वैभव शर्मा, डायरेक्टर, एक्टिव लाइफ केयर