20 सदस्यों की बनेगी सोसायटी

ईपीएफओ की इस हाउसिंग स्कीम के तहत पीएफ खाताधारक नौकरी के दौरान ही मकान खरीद सकेंगे। पीएफ अकाउंट होल्डर्स को उनके नियोक्ताओं के साथ मिलकर एक ग्रुप हाउसिंग सोसायटी बनानी होगी। यह सोसायटी बैंकों, बिल्डरों एवं विक्रेताओं से गठजोड़ करेगी। जिससे इसके सदस्य घर खरीद सकें। सोसायटी बनाने के लिए कम से कम 20 सदस्यों की जरूरत होगी।

ऐसे मिलेगा हाउसिंग स्कीम का लाभ

सोसायटी के मेंबर्स विभिन्न आवास योजनाओं जैसे कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिलने वाले लाभों को एक साथ जोड़ सकते हैं। जिससे सरकार द्वारा सभी के लिए आवास उपलब्द कराने की दिशा में कदम बड़ाया जा सके।

सोसायटी करेगी विवाद का फैसला

संगठित क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए ईपीएफओ उनकी साख और किस्त चुकाने की क्षमता को लेकर प्रमाण पत्र जारी करेगा। किसी भी तरह के कानूनी विवाद को लेकर ईपीएफओ उत्तरदायी नहीं होगा। विवाद होने पर सोसायटी के प्रमुख के आग्रह पर ईपीएफओ खाताधारक के किस्त के भुगतान को रोक सकेगा।

मिलेंगे सभी को सस्ते मकान

साल 2016 में केंद्रीय श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने ऐसी स्कीम लाने का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि इसके तहत डीडीए और हूडा जैसी अथॉरिटीज के साथ मिलकर ईपीएफओ मेंबर्स को सस्ते मकान दिलाने की योजना पर काम किया जाएगा।

पीएम मोदी का सपना होगा पूरा

इस स्कीम के तहत पीएम नरेंद्र मोदी के 2022 तक सबको घर देने के सपने को पूरा किया जा सकेगा। ईपीएफओ के ज्यादातर मेंबर्स की कमाई महज 15,000 रुपये के करीब है, ऐसे में कम आय वाले लोगों का भी घर का सपना इस स्कीम के जरिए पूरा होने की उम्मीद है।

सरकार की इच्छा सबको मिले घर

केंद्र सरकार के प्रस्ताव के मुताबिक ईपीएफओ अपने 15 पर्सेंट कोष को हाउसिंग सोसायटीज को कर्ज के तौर पर मुहैया कराएगा। फिलहाल भविष्य निधि संगठन के पास 6.5 लाख करोड़ रुपये का फंड है। सरकार चाहती है कि इस बड़ी रकम का इस्तेमाल सबको घर देने की योजना में किया जा सकता है।

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