-डेंगू, मलेरिया, स्वाइन फ्लू जैसी शासन से नोटीफाइड डिसीज की जांच में भी मरीजों से ली जा रही फीस
- मेडिकल कॉलेज की माइक्रोबायोलॉजी लैब में कई तरह की जांच के लिए हर साल मुफ्त भेजी जाती हैं जांच किट
- शासन की ओर से भी सभी जांचें निशुल्क होने का दावा, फिर यूजर चार्ज के नाम पर लिए जा रहे 250 रुपए
KANPUR: डेंगू, मलेरिया और स्वाइन फ्लू इन तीनों ही बीमारियों को शासन ने नोटीफाइड डिसीज में शामिल किया है। जिसमें दावा है कि सभी मरीजों की जांचें और इलाज फ्री होगा, लेकिन जिले में जहां इसकी जांच की सुविधा है वहां इसके एवज में मरीजों से फीस ली जा रही है। वह भी तब जब इन जांचों के लिए महंगी किट लैब को फ्री में उपलब्ध कराई जाती हैं।
जांच किट फ्री फिर भी फीस
मेडिकल कॉलेज की माइक्रोबायोलॉजी लैब में कई तरह की जांच के लिए हर साल जांच किटें आती हैं। स्वाइन फ्लू पेशेंट्स के लिए लार का सैंपल लेने व उसे प्रिजर्व करने का सामान हो या फिर डेंगू की जांच के लिए लगने वाली किटें ज्यादातर सामान शासन या फिर पुणे स्थित नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ वायरोलॉजी से भेजा जाता है। फिर भी प्राइवेट हॉस्पिटल्स से आने वाले डेंगू की जांच के सैंपल के लिए ख्भ्0 रुपए लिए जाते हैं। वहीं स्वाइन फ्लू की जांच इसी साल शुरू हुई हैं। साथ ही शासन की तरफ से यहां सरकारी सैंपल्स की जांच की अनुमति नहीं हैं ऐसे में इसकी जांच फिलहाल मुफ्त की जा रही है।
माइक्रोबायोलॉजी लैब में जांचें एक नजर में
-ख्भ्0 रुपए डेंगू की जांच के लिए चार्ज किए जाते हैं
- फ्भ्00 से ज्यादा सैंपल की बीते साल हुई थी जांच
-ख्भ् जांचें हो चुकी स्वाइन फ्लू की
-क्00 से ज्यादा सैंपल्स की डेंगू जांच हो चुकी इस सीजन में
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वर्जन-
मेडिकल कॉलेज से संबंद्ध अस्पताल व स्वास्थ्य विभाग की तरफ से आने वाले सैंपल्स की जांच फ्री में होती है। स्वाइन फ्लू की जांच भी अभी निशुल्क की जा रही है। लैब को फंक्शनल बनाए रखने के लिए फंड की जरूरत होती है। ऐसे में यूजर चार्ज लिया जाता है।
- डॉ। नवनीत कुमार, प्रिंसिपल, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज
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