-एयरपोर्ट अथॉरिटी ने दिए जमीन अधिग्रहण के लिए दिए थे 21 करोड़

-अब आगे धन मिलने के बाद हो सकेंगी अन्य रजिस्ट्रियां

KANPUR : चकेरी एयरपोर्ट के विस्तार पर लगी बाधाएं अभी दूर होने का नाम नहीं ले रही हैं। किसानों की अधिग्रहित की गई जमीनों की रजिस्ट्री शुरू हुई तो मात्र 24 रजिस्ट्रियां होने के बाद धन खत्म हो जाने की वजह से यह काम भी रुक गया। अब आगे शासन धन भेजेगा तभी बची हुई जमीन की रजिस्ट्री कर उन्हें कब्जे में लिया जाएगा। चकेरी एयरपोर्ट के विस्तार की योजना बनने के बाद शुरुआत से ही इस पर एक बार नहीं कई बार ग्रहण के बादल छाए। विस्तार के लिए कुल 21 हेक्टेयर जमीन की जरूरत है। इसमें 5 हेक्टेयर जमीन ग्राम समाज की शेष 17 हेक्टेयर चकेरी क्षेत्र के किसानों की जमीन है।

5 हेक्टेयर जमीन की रजिस्ट्री हो सकी

प्रारम्भ में मुआवजे को लेकर किसानों से मामला फंसा, लेकिन फरवरी 2016 में यह मामला सुलझ गया। किसानों को मुआवजा देकर रजिस्ट्री कराने के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी ने 21 करोड़ रुपए भी भेज दिए। इस रकम से मात्र 24 किसानों से रजिस्ट्रियां कराई जा सकीं। यानी कुल पांच हेक्टेयर जमीन की रजिस्ट्री ही अभी हो सकी है। 12 हेक्टेयर जमीन की रजिस्ट्री अभी होनी बाकी है।

इस हफ्ते धन मिलने की संभावना

धन समाप्त होने पर डीएम ने चार दिन पूर्व लखनऊ में हुई मुख्य सचिव की बैठक में इसकी जानकारी सिविल एविएशन के सचिव को दी। डीएम कौशलराज शर्मा ने बताया कि उन किसानों की जमीन की रजिस्ट्री करा ली गई है जिनकी जमीन का क्षेत्रफल ज्यादा था। अब उन किसानों से रजिस्ट्रियां होनी बाकी है जिनकी जमीन की हिस्सा बहुत कम है। एविएशन के सचिव ने आश्वासन दिया है कि अगले हफ्ते मुआवजे की रकम भेज दी जाएगी, जिससे बाकी बची हुई रजिस्ट्रियां करा ली जाएंगी।

ग्राम समाज की जमीन का क्या होगा

किसानों की अधिग्रहित जमीन केबाद बचती है ग्राम समाज की पांच हेक्टेयर जमीन। उस जमीन को भी लिया जाना है, लेकिन अभी शासन से यह तय नहीं हो पाया है कि इस जमीन का भुगतान कब और कैसे किया जाएगा। कुल मिलाकर अभी ग्राम समाज की जमीन का पेंच फंसा हुआ है जिसका हल शासन द्वारा निकाला जाना है।

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'किसानों से जमीन की रजिस्ट्री कराने की प्रक्रिया चल रही है। इस हफ्ते बची हुई राशि आ जाएगी, जिससे अन्य रजिस्ट्रियां भी करा ली जाएंगी'

-कौशलराज शर्मा, डीएम कानपुर