ROORKEE: खुद को उप जिलाधिकारी बताकर एक महिला से एलआईसी में नौकरी लगवाने के नाम पर चार लाख रुपये की ठगी करने वाले आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने ठगी में शामिल उसकी पत्नी को भी गिरफ्तार कर लिया है। दोनों पिछले एक साल से फरार चल रहे थे। पुलिस ने दोनों आरोपियों को अदालत में पेश करने के बाद जेल भेज दिया है।

 

खुद को बताया अल्मोड़ा का एसडीएम

प्राप्त जानकारी के अनुसार गणेशपुर निवासी मधु यादव गणेशपुर स्थित एक नर्सिंग होम पर नर्स है। वर्ष 2016 में फेसबुक के माध्यम से उसकी पहचान मयंक सनवाल निवासी भीमताल से हुई थी। मयंक सनवाल ने खुद को एसडीएम बताते हुए अल्मोड़ा में तैनात होना बताया था। मंयक सनवाल, उसकी पत्नी ¨पकी सनवाल अक्सर फेसबुक के माध्यम से मधु यादव से चे¨टग करते रहते थे।

 

नौकरी लगवाने के एवज में मांगे चार लाख रुपए

मधु ने उन्हें कहीं नौकरी दिलवाने की बात कही थी। इस पर फर्जी एसडीएम मंयक सनवाल ने बताया था कि वह एलआईसी में उसकी नौकरी लगवा सकता है। इसके एवज में उसने चार लाख रुपये की मांग की। मधु उसकी बातों में आ गई और उसने फर्जी एसडीएम मंयक सनवाल और उसकी पत्नी ¨पकी को चार लाख रुपये दे दिये थे। जब उसकी नौकरी नहीं लगी और उसने मयंक के बारे में जानकारी की तो पता चला कि वह एसडीएम नहीं है। तब जाकर मधु को ठगी का अहसास हुआ। मधु यादव की तहरीर पर गंगनहर कोतवाली पुलिस ने 25 दिसंबर 2016 को मयंक सनवाल और उसकी पत्नी ¨पकी सनवाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। गंगनहर कोतवाली के एसआई राकेश भट्ट ने बताया कि आरोपी मयंक सनवाल और उसकी पत्नी ¨पकी संगलाकोटी को एकेश्वर ब्लॉक पौड़ी गढ़वाल से गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने आरोपियों को अदालत में पेश कर दोनों को जेल भेज दिया है।

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