- ग्रामीण इलाकों में नहीं जाना चाहतीं महिला कांस्टेबल

- SSP office में पेंडिंग पड़े रहते हैं आवेदन

GORAKHPUR: जिले के देहात वाले थाना क्षेत्रों में ड्यूटी करने से महिला कांस्टेबल कतरा रही हैं। तरह-तरह के बहाने बनाकर महिला कांस्टेबल देहात के थाना क्षेत्रों में नहीं जाना चाहती हैं। पोस्टिंग के बाद मन ना लगने पर महिला कांस्टेबल आवेदन देकर शहर में तैनाती की मांग उठाती हैं। दफ्तरों और महिला थाना में तैनाती कराने का आवेदन लेकर महिला कांस्टेबल भटकती रहती हैं। एसएसपी का कहना है कि देहात के थानों में महिला कांस्टेबल की तैनाती की गई है। विशेष परिस्थितियों में उनके तबादले किए जाते हैं।

ऑफिस में ड्यूटी की च्वॉइस

जिले में तैनात ज्यादातर महिला कांस्टेबल की पहली पंसद ऑफिस ड्यूटी है। तैनाती के दौरान महिला कांस्टेबल इस बात पर जोर देती हैं कि उनकी ड्यूटी ऑफिस के कामों में लगाई जाए। ऑफिस में अटैच ना होने की दशा में रिजर्व पुलिस लाइन या फिर महिला थाना पर तैनाती पाना चाहती हैं। इसमें भी कोई प्रॉब्लम आने पर महिला कांस्टेबल शहरी इलाके के थानों में डयूटी पर जोर देती हैं। ऑफिस ड्यूटी में तयशुदा समय के अनुसार कार्य कर वह घर लौट जाती हैं। इससे उनको काफी समय मिल जाता है। फील्ड में ड्यूटी का समय फिक्स ना होने से कई तरह की प्रॉब्लम होती है। जिले में तकरीबन 124 महिला कांस्टेबल हैं। इनमें आधे से ज्यादा शहर में ड्यूटी कर रही हैं।

इन वजहों से नहीं जाना चाहतीं दूर

- शहर में रहने पर ड्यूटी में सहूलियत मिलती है।

- पुलिस लाइंस में आवास होने पर परिवार संग रहने में प्रॉब्लम नहीं होती है।

- देहात के थानों की ड्यूटी में कई बार शहर से आवागमन करना पड़ता है।

- शुरू से शहर में रहने वाली महिला कांस्टेबल को देहात में अच्छा नहीं लगता है।

- किसी जरूरत पर शहर से आवागमन करने में काफी परेशानी होती है।

- ऑफिस डयूटी में तय समय से ड्यूटी करके घर लौट जाती हैं।

- महिला मुल्जिम को लेकर कोर्ट, जेल जाने में समस्या आती है।

जिले में तैनात फोर्स

इंस्पेक्टर 34

सब इंस्पेक्टर 200

कांस्टेबल 1800

महिला कांस्टेबल 124

वर्जन

जरूरत के हिसाब से महिला कांस्टेबल की ड्यूटी लगाई जाती है। जिले के हर थाना में महिला कांस्टेबल की तैनाती की गई है। आवश्यकता के अनुसार ही कार्यक्षेत्र में फेरबदल किया जाता है।

- आरपी पांडेय, एसएसपी