इन धाराओं में दर्ज हुआ मामला

लखनऊ (प्रेट्र)। न्नाव गैंगरेप मामले में भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के मामले में आज पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह व प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस की। इस दौरान प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार ने बताया कि सरकार आज सुबह उन्नाव में विधायक के खिलाफ आईपीसी के विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है। माखी पुलिस थाने में विधायक के खिलाफ आईपीसी की धारा 363 (अपहरण), 366 (अपहरण कर शादी के लिए दवाब डालना), 376 (बलात्कार), 506 (धमकाना) और पॉस्को एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मामले में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए आज इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने के लिए पत्र भेजा जाएगा।

विधायक का नाम नहीं लिया था

वहीं जब तक सीबीआई को यह जांच सौंपी नहीं जाएगी तक पुलिस इस मामले में अपनी जांच प्रक्रिया जारी रखेगी लेकिन इस दौरान विधायक को अरेस्ट नहीं किया जाएगा। सीबीआई की जांच के बाद ही भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की गिरफ्तारी होगी। वहीं इस मामले में पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह का कहना है कि इसके पहले इस मामले में दर्ज हुई एफआईआर में विधायक का नाम नहीं था। इसकी वजह ये थी कि पीड़िता ने मजिस्ट्रेट के सामने दिए बयान में उनका नाम नहीं लिया था। हालांकि पीड़ित पक्ष की मांग पर अब विधायक के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गई है। पीड़ित पक्ष ने इस मामले में कल जांच करने गई विशेष जांच दल (एसआईटी) को बताया कि उन्होंने डर की वजह से विधायक का नाम नहीं लिया था।

किसी शख्स को बख्शा नहीं जाएगा

इसके लिए अलावा यह पुलिस पर भी आरोप लगाया था कि वह मामले की निष्पक्ष जांच नहीं कर रही है। पुलिस विधायक को बचाने की कोशिश कर रही है। ऐसे में अब इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी जा रही है। वहीं सरकार ने भी पीड़िता और उसके परिवार को पूरी सुरक्षा देने निर्णय लिया है। इसके अलावा अधिकारियों ने  आश्वासन दिया कि दोषी पाए जाने वाले किसी भी शख्स को बख्शा नहीं जाएगा। वहीं कुछ पुलिसकर्मियों और डॉक्टरों के खिलाफ ढिलाई और लापरवाही के लिए कार्रवाई पहले ही कर दी गई है।

यह था पूरा मामला

बतादें हाल ही में बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और उनके भाई पर रेप का आरोप लगाने वाली नाबालिग पीडि़ता के पिता की सोमवार को उन्नाव के जिला कारागार में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गयी। आरोप है कि उसके पिता को हफ्ते भर पहले विधायक के भाई और समर्थकों ने जमकर पीटा था जिससे उसे गंभीर चोटें आई थी। पुलिस ने एकपक्षीय कार्रवाई करते हुए दबंगों के बजाय पीडि़ता के पिता को ही जेल भेज दिया था। ध्यान रहे कि रेप पीडि़ता द्वारा रविवार को मुख्यमंत्री आवास पर आत्मदाह का प्रयास किया गया था। आज उसके पिता की मौत के बाद राज्य सरकार हरकत में आई और उन्नाव के माखी थाने में तैनात छह पुलिसकर्मियों को लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया गया।

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