-मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ऑफिस के फ‌र्स्ट फ्लोर पर लगी आग

-बिल्डिंग में ऑक्सीजन कांड से जुड़े दस्तावेज होने और तीसरी बार आग लगने से उठने लगे हैं सवाल

-पिछली आग की अब तक नहीं आ सकी है जांच रिपोर्ट

GORAKHPUR: बीआरडी मेडिकल कॉलेज में एक बार फिर प्रिंसिपल ऑफिस में आग से अफरा-तफरी मच गई। सुबह करीब छह बजे लगी आग को काबू पाने में जिम्मेदारों को करीब 45 मिनट लग गए। एक ही बिल्डिंग में दूसरी बार आग लगने से एक बार फिर मामला गरम हो गया है। मेडिकल कॉलेज में दिनभर इस बात की चर्चा होती रही कि आखिर किस चीज को बार-बार जलाने की नाकाम कोशिश की जा रही है। जनवरी में भी इसी बिल्डिंग में भयंकर आग लगी थी और ऑक्सीजन कांड से जुड़े कुछ दस्तावेज जलकर खाक हो गए थे, इसकी जांच भी चल रही है।

बच गया मेनटेनेंस ऑफिस

मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ऑफिस बिल्डिंग के सेकेंड फ्लोर की गैलरी में आग लग गई। इससे आखिरी सिरे में रखी कुर्सियां व कबाड़ तो जल गए, लेकिन इससे सटे मेनटेनेंस ऑफिस व स्टेट बैंक का रिकार्ड रूम जलने से बच गए। घटना की जानकारी तब हुई जब एक गार्ड ने भवन के दूसरे तल की गैलरी के आखिरी छोर से धुआं निकलते देखा। उन्होंने पहले फायर ब्रिगेड व उसके बाद सौ नंबर पर पुलिस को इसकी सूचना दी। 6 बजकर 40 मिनट पर पहुंचे फायर बिग्रेड कर्मियों ने आग पर काबू की कोशिश शुरू की और 45 मिनट में पूरी तरह काबू पा लिया।

रिकॉर्डरूम का दरवाजा जला

गैलरी के जिस कोने पर कुर्सियां व कबाड़ में आग लगी थी, उसके ठीक बगल में मेनटेनेंस डिपार्टमेंट का रिकॉर्ड रूम है। आग से इस कमरे का दरवाजा जल गया। दरवाजे पर लगे शीशे भी टूट गए, लेकिन जब तक आग कमरे में रखे दस्तावेजों तक पहुंचती, इससे पहली ही आग पर काबू पा लिया गया। कमरे के बगल में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की मेडिकल कॉलेज ब्रांच का रिकॉर्ड रूम भी है, लेकिन आग की लपटें वहां तक नहीं पहुंच सकीं।

पहले से चल रही है अाग की जांच

मेडिकल कॉलेज में आठ जनवरी 2018 को भी प्रिंसिपल ऑफिस में आग लग गई थी। सुबह करीब साढ़े नौ बजे हुई इस घटना में प्रिंसिपल ऑफिस पूरी तरह जलकर खाक हो गया था। प्रिंसिपल और उनके सेक्रेटरी का कंप्यूटर भी जल गया था, जिसमें ऑक्सीजन त्रासदी के साथ ही दूसरे अहम डाटा होने के चांस हैं। वहीं प्रिंसिपल ऑफिस के बगल में रखी तीन अलमारियों में रखे दस्तावेज भी जलकर खाक हो गए। इस पूरे मामले की जांच कॉलेज प्रिंसिपल ने एफओ की अध्यक्षता में बनी कमेटी को सौंपी थी, जबकि जिला प्रशासन अपने लेवल पर जांच कर रहा था।

कुछ सवाल -

- आखिर एक ही बिल्डिंग में बार-बार आग क्यों लग रही है?

- अब तक जांच कमेटी ने रिपोर्ट क्यों नहीं सौंपी है और अगर सौंप दी है तो गुनाहगारों को सजा क्यों नहीं हुई?

- मेडिकल कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन सभी डाटा डिजिटलाइज क्यों नहीं कर रहा है?

-आग शॉर्ट सर्किट से नहीं लगी है, तो आखिर किसने यह कोशिश की है?

-आखिर कैसे कोई मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ऑफिस में सेकेंड फ्लोर तक पहुंच गया?

-सुरक्षा को लेकर मेडिकल कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन ने अब तक कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठाया, जबकि जनवरी माह में ही आग लगी थी?

-अहम दस्तावेजों को वहां से क्यों नहीं हटाया जा रहा है?

वर्जन

बिल्डिंग के सेकेंड फ्लोर पर स्थित गैलरी के आखिरी छोर पर मंगलवार सुबह आग लग गई थी। घटना में बेकार पड़ी कुर्सियां व कबाड़ जला है। फायर ब्रिगेड ने पहुंचकर आग पर काबू पा लिया। जहां आग लगी उसके बगल में अनुरक्षण विभाग के रिकार्ड रूम में रखा दस्तावेज सुरक्षित बच गया। मामले की जांच के लिए कमेटी गठित की जाएगी।

डॉ। गणेश कुमार, प्रिंसिपल, बीआरडी मेडिकल कॉलेज