- प्रदेश के एकलौते एसी बस अड्डे पर आग से निपटने के पर्याप्त इंतजाम नहीं
- बीते शुक्रवार की रात यहां अवैध रूप से खड़े टेम्पो में शॉर्ट सर्किट से लगी थी आग
LUCKNOW:
प्रदेश का मॉडल बस अड्डा कैसरबाग डिपो आग के मुहाने पर खड़ा है। यहां आग से निपटने के लिए ना तो अग्नि शमन यंत्र हैं और ना ही वॉटर लाइन। जबकि आग को भड़काने के लिए यहां पेट्रोल, डीजल और सीएनजी समेत खासा ईधन मौजूद है। बीते शुक्रवार को ही यहां आग लगी थी, जिस पर समय रहते काबू पा लिया गया था। अगर आग बेकाबू हो जाती तो जानमाल का काफी नुकसान हो सकता था।
शार्ट सर्किट से लगी आग
बीती शुक्रवार रात कैसरबाग बस अड्डे की पार्किंग में खड़ी टेम्पो में आग लग गई। आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है। इस सीएनजी टेम्पो में आग लगने के बाद आस-पास खड़े अन्य ऑटो में भी आग लग गई। जिस समय आग लगी उस समय पार्किंग व्यवस्था देखने वाला सो रहा था। जलती हुई गाडि़यों की तपिश से जब उसकी आंख खुली तो उसने पहले बाल्टी से पानी डालकर आग पर काबू पाने की कोशिश की। लेकिन जब आग की लपटें छत तक पहुंचने लगीं तो उसने शोर मचाया।
घरों से बाल्टी में लाए पानी
इसके बाद आस-पास रहने वाले अपने घरों से बाल्टियों में पानी लेकर आए। कुछ देर में फायर ब्रिगेड की गाड़ी भी वहां पहुंची और आग बुझाई। आग बुझने के बाद जिन लोगों के वाहन अंदर खड़े थे वे धुआं कम होने पर अंदर गए और अपने वाहन बाहर लेकर आए। इस आग से एक टेम्पो और छह ऑटो को नुकसान हुआ है।
बेसमेंट में तारों का जंजाल
बस अड्डे पर मौजूद कर्मचारियों ने बताया कि एसी बस अड्डे के लिए प्लांट की अधिकांश मशीनरी का हिस्सा भी बेसमेंट में है। इसके अलावा अधिकतर बिजली के तार भी बेसमेंट से ही गए हैं। पहले भी यहां कई बार आग लगी है। वर्ष 2016 में जब आग लगी थी तो परिवहन निगम के पूर्व चेयरमैन प्रवीर कुमार और पूर्व एमडी के रविन्द्र नायक ने यहां का दौरा कर यहां पर अवैध ऑटो और टेम्पो को हटाने के निर्देश दिए थे। लेकिन इस पर अमल नहीं किया गया। बस अड्डे के नीचे बनी पार्किंग में हर वक्त एक हजार से अधिक गाडि़यां खड़ी रहती हैं। ऐसे में यहां कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
कोट
बेसमेंट में अग्निशमन यंत्रों के साथ ही वहां वाटर लाइन डालने के लिए कई बार परिवहन निगम मुख्यालय को पत्र लिखा गया। बजट के अभाव में अब तक काम नहीं शुरू हुआ है।
मनोज शर्मा
एआरएम, कैसरबाग बस अड्डा
यूपी राज्य सड़क परिवहन निगम
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बंद थे सीसीटीवी वाले रूम
कैसरबाग बस पर 16 कैमरे लगे हैं। जिन पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी स्टेशन इंचार्ज और स्टेशन प्रबंधक के कमरे में सिस्टम लगा है। रात में जब आग लगी उस समय दोनों ही अधिकारियों के कमरे बंद थे।
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यात्रियों के लिए उपलब्ध सुविधाएं
- ऑनलाइन टिकटिंग की सुविधा
- एडवांस टिकट की सुविधा
- यात्रियों के लिए एमएसटी बनाए जाने की सुविधा
- यात्रा के लिए स्मार्ट कार्ड की सुविधा
- वॉल्वो और स्कैनिया के यात्रियों के लिए अलग वेटिंग रूम
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बस अड्डे से जुड़ी अन्य जानकारियां
- 20 दिसंबर 2016 में पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने किया बस अड्डे का उद्घाटन
- 11 करोड़ की लागत से लगभग एक साल में तैयार किया गया बस अड्डा
- बस अड्डे के अंदर से बाहर तक नजर रखने के लिए लगे हैं 16 सीसीटीवी कैमरे
- कैसरबाग बस अड्डे से रोजाना 350 बसों का होता है संचालन
- 35 हजार से अधिक यात्री दिन भर में यहां से आते-जाते हैं
- बस अड्डे के अंदर मौजूद है एक कैंटीन और आठ दुकानें
- इंट्री और एग्जिट प्वाइंट पर यात्रियों के लिए हर वक्त मौजूद रहते हैं 200 से अधिक ऑटो और ई-रिक्शा
- इंट्री और एग्जिट प्वाइंट पर हर समय रहते हैं पांच से छह हजार लोग
लोगों से बातचीत
यात्रियों की जान जोखिम में डाली जा रही है। फ्यूल रखने की जगह भी आग से निपटने के इंतजाम पूरे नहीं हैं। जिम्मेदारों को इस ओर तुरंत ध्यान देना चाहिए।
हरीश कुमार, डॉली गंज
आग से निपटने के लिए व्यापक इंतजाम होने चाहिए। इंतजाम न होने से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। यात्रियों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करना ठीक नहीं है।
सुबहान खान, चौक
भरी आबादी के बीच यह बस अड्डा है। ऐसे में यहां पर सबसे पहले आग बुझाने वाले उपकरणों की व्यवस्था की जानी चाहिए। यहां आग लगी तो बड़ा नुकसान हो सकता है।
अखिलेश सिंह, गोमती नगर
यहां आग से निपटने के पुख्ता इंतजाम नहीं हैं। बस अड्डा संचालित करने वालों को सबसे पहले आग से निपटने के इंतजाम करने चाहिए। यात्रियों की सुरक्षा के लिए यह जरूरी है।
प्रवीण गर्ग, चौक
वेब लिंक
आखिर इस अनदेखी के लिए कौन जिम्मेदार है?