- लखनऊ, मेरठ, मुरादाबाद, वाराणसी और गोरखपुर शामिल

- आगरा में कई वर्षो से जारी है विद्युत वितरण फ्रेंचाइजी व्यवस्था

- फ्रेंचाइजी में प्रतिनियुक्ति पर काम कर सकेंगे निगमों के कर्मचारी

LUCKNOW:मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट ने सूबे के पांच महानगरों में विद्युत वितरण फ्रेंचाइजी व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया है। इस फैसले से लखनऊ, मेरठ, मुरादाबाद, वाराणसी और गोरखपुर में बिजली वितरण का काम निजी कंपनियों को सौंप दिया जाएगा। ध्यान रहे कि देश के कुछ महानगरों की तरह यूपी के आगरा में कई वर्षो से यह व्यवस्था लागू है। सरकार को उम्मीद है कि इस व्यवस्था से लाइन लॉस कम किया जा सकेगा और उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधाएं मुहैया होंगी। राज्य सरकार ने यह भी साफ किया है कि इस व्यवस्था के लागू होने पर विद्युत वितरण निगम के अधिकारियों व कर्मचारियों के हितों की रक्षा भी की जाएगी।

पूंजी निवेश भी होगा

प्रदेश के विद्युत सेक्टर को वित्तीय रूप से स्वावलंबी बनाने के लिए लाइन लॉस में कमी करने, विद्युत आपूर्ति की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए आवश्यक पूंजी निवेश करने तथा उपभोक्ताओं को मिलने वाली सुविधाओं में सुधार लाने के लिए पांच महानगरों में कैम्पेक्स बेस्ड विद्युत वितरण फ्रेंचाइजी व्यवस्था लागू की जानी है। दरअसल राज्य सरकार ने आगरा में लागू इस व्यवस्था का एक अध्ययन कराया था जिसमें पाया गया कि फ्रेंचाइजी द्वारा लगभग 800 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश किया गया है। इससे लाइन लास में कमी आई है और उपभोक्ताओं की संतुष्टि सभी मानकों पर बढ़ी है। इसे ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने लखनऊ, मेरठ, मुरादाबाद, वाराणसी और गोरखपुर में इस व्यवस्था को लागू करने का फैसला लिया है। इसकी बदौलत अब प्रदेश के सीमित वित्तीय संसाधनों को ग्रामीण क्षेत्रों के मजरों के विद्युतीकरण तथा विद्युत वितरण प्रणाली के सुदृढीकरण के लिए उपलब्ध कराया जा सकेगा।

प्रतिनियुक्ति पर जा सकेंगे कर्मचारी

राज्य सरकार ने यह भी साफ किया है कि इस व्यवस्था के लागू होने के बाद विद्युत वितरण निगमों के अधिकारियों व कर्मचारियों के हितों की पूरी सुरक्षा की जाएगी। वित्तीय संसाधनों की कमी के बावजूद राज्य सरकार ने विद्युत क्षेत्र के निगमों में सातवें वेतन आयोग को लागू किया है। साथ ही इंसेंटिव स्कीम भी लागू की है। जिन महानगरों में यह व्यवस्था लागू होनी है वहां कार्यरत अधिकारियों व कर्मचारियों को फ्रेंचाइजी की सहमति से प्रतिनियुक्ति पर कार्य करते रहने का विकल्प मौजूद होगा। इस विकल्प को चुनने वालों के वेतन-भत्ते किसी भी दशा में कम नहीं किए जा सकेंगे। जो स्टाफ फ्रेंचाइजी के साथ काम करने का इच्छुक नहीं है उन्हें वर्तमान सेवा शर्तो पर प्रदेश के अन्य विद्युत खंडों में तैनात किया जाएगा।