- ट्रेनों में फॉग सेफ डिवाइस से हादसों पर लगेगी लगाम

-घने कोहरे में 20 किमी आगे तक की स्थिति देगा सेंसर

-सफल ट्रायल के बाद ट्रेनों में डिवाइस लगाने की योजना

 

sunder.singh@inext.co.in

Meerut: सर्दियों के दिनों में ट्रेन का सफर करने वालों के लिए खुशखबरी है। सर्दियों में पड़ने वाले कोहरे के बीच यात्रियों को सुरक्षित सफर मुहैया कराने के लिए रेलवे ने ट्रेन चालकों को जीपीएस युक्त फॉग सेफ डिवाइस उपलब्ध कराई है। यह डिवाइस घने कोहरे के बावजूद चालक को रूट पर पड़ने वाली क्रॉसिंग रेल पुल और सिग्नल का नाम व नंबर तथा उसकी स्थिति की जानकारी पहले से ही उपलब्ध करा देगा। इसके अलावा किस रूट पर अगले 20 किलोमीटर तक कितना कोहरा है, यह भी सेंसर के माध्यम से पता चल सकेगा। साथ ही यह भी पता चल सकेगा कि ट्रैक पर कहां-कहां कॉशन लगा है और कितनी रफ्तार से ट्रेन चलानी है।

 

डिवाइस ऐसे करेगी काम

ट्रेनों में जीपीएस पहले से लगा हुआ है। इसके साथ फॉग सेफ डिवाइस भी लगाई जाएगी, जो जीपीएस से कनेक्ट होगी। इसे वायर के माध्यम से ट्रेन के बाहरी हिस्से में लगे सेंसर से जोड़ा जाएगा। यह सेंसर तरंगों के माध्यम से बीस किलोमीटर तक कोहरे के बीच टारगेट को मापने में सक्षम होगा। सेंसर के माध्यम से जीपीएस वाली स्क्रीन पर ही चालक कोहरे की स्थिति जान सकेंगे। साथ ही यह भी पता लगा सकेंगे कि रूट पर अगले 20 किलोमीटर कितने पार्ट पर मिलियन कोहरा है।

 

नहीं होंगे हादसे

कोहरे के चलते हादसों की आशंका को देखते हुए सर्दियों में अक्सर ट्रेन की आवाजाही प्रभावित होती है। इसी को ध्यान में रखते हुए रेलवे ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम युक्त डिवाइस उपलब्ध करायागा। प्रथम चरण में उत्तर रेल मुख्यालय ने दिल्ली-बरेली रूट पर डिवाइस मुहैया कराने का फैसला लिया है। ट्रायल सफल होने के बाद मेरठ-सहारनपुर रूट पर भी डिवाइस उपलब्ध कराया जाएगा। इससे कोहरे में ट्रेनों का आवागमन सुचारू होने के साथ दुर्घटनाओं की आशंकाओं को भी कम किया जा सकेगा। जीपीएस सिस्टम से चालक रूट की जानकारी कर सकेगा।

 

इनसेट्स

डिवाइस में रेल रूट की फीडिंग

रेलवे इंजीनियरिंग विभाग ने फॉग सेफ डिवाइस में अलग-अलग रेल रूट की फीडिंग भी की है। जीपीएस युक्त होने के कारण स्क्रीन पर चालक को रूट की पूरी जानकारी मिलती रहेगी। इसके साथ ही किलोमीटर की रीडिंग भी मिलती रहेगी।

 

पटाखों का वितरण शुरू

रेलवे फॉग सेफ डिवाइस केवल प्रमुख ट्रेनों को ही मुहैया कराया जाएगा। पैसेंजर व मालगाड़ी फिलहाल पुरानी व्यवस्था पटाखों के सहारे ही चलेगी। इसके लिए रेल मंडल ने पटाखों का वितरण शुरू कर दिया है। इस बार तीन लाख से ज्यादा पटाखें बांटने की तैयारी है।

 

सिग्नल के पास रंगाई

कोहरे की दस्तक से पहले ही सिग्नल के पास सफेद पुताई की जा रही है.ट्रेन की लाइट पड़ने पर कोहरे में यह पट्टी काफी चमकती है। इससे चालक सिग्नल की स्थिति जान सकेंगे।

 

वर्जन

यह सिस्टम ट्रेनों की लेट-लतीफी को देखते हुए शुरू की जा रही है। आशा है इससे ट्रेनों का टाइम-टेबल काफी हद तक सुधर जाएगा।

-राकेश सचान

डीआरएम, उत्तर रेलवे

 

फॉग सेफ डिवाइस सुविधा अभी दिल्ली से बरेली रूट पर की गई है। सफल ट्रायल के बाद मेरठ से सहारनपुर भी डिवाइस देने की खबर है।

-आरपी त्रिपाठी

स्टेशन अधीक्षक, मेरठ सिटी