PATNA : बिहार राज्य कर्मचारी चयन आयोग के पेपर लीक कांड में किंगपिन का चेहरा बेनकाब हो गया है। ये किंगपिन कोई और नहीं, बल्कि बीएसएससी के ही चेयरमैन व क्987 बैच के आईएएस अधिकारी सुधीर कुमार निकले। एसआईटी ने इनके प्रोफेसर भाई, इनकी वाइफ और भांजा पर भी अपना शिकंजा कसा है।

दरअसल, इंवेस्टिगेशन के दौरान चेयरमैन के खिलाफ एसआईटी को ठोस सबूत मिले थे लेकिन सुधीर कुमार कोई मामूली व्यक्ति तो थे नहीं। इसलिए एसआईटी ने सबसे पहले कोर्ट में उनके खिलाफ मिले सबूतों को पेश किया। ठोस सबूतों के आधार पर गुरुवार को कोर्ट ने सुधीर कुमार की गिरफ्तारी का वारंट जारी कर दिया। जिसकी भनक किसी को भी नहीं लगने दी गई। एक फुलप्रूफ प्लान के तहत शुक्रवार को एसआईटी ने चेयरमैन को पूछताछ के लिए वेटनरी कॉलेज के गेस्ट हाउस में बुलाया। जहां पूछताछ के बाद मनु महाराज के अगुआई वाली एसआईटी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

- ये है गिरफ्तारी का आधार

चेयरमैन सुधीर कुमार की गिरफ्तारी ऐसे ही नहीं की गई। इन्हें गिरफ्तार करने के लिए एसआईटी के पास ठोस आधार थे। एग्जाम से पहले क्वेश्चन पेपर की सेटिंग, इसकी प्रिंटिंग और उसके मूल्यांकन की पूरी जिम्मेदारी चेयरमैन के पास होती है। क्वेश्चन पेपर किसने सेट किए और आंसर की किसने तैयार की। इस बारे में कई बार पूछने के बाद सुधीर कुमार ने आईआईटी के एक प्रोफेसर का नाम लिया था। जब प्रोफेसर से पूछताछ हुई तो क्वेश्चन पेपर सेट करने की बात से इनकार कर गए। जिसके बाद चेयरमैन पर एसआईटी का शक और गहरा गया। इस मामले में चेयरमैन से फिर से पूछताछ हुई। लेकिन अब तक उन्होंने एसआईटी के किसी भी सवाल का सही जवाब नहीं दिया। दूसरा आधार ये है कि क्वेश्चन पेपर आउट होने के बाद भी बगैर कोई जांच कराए इन्होंने पूर्व सेक्रेटरी परमेश्वर राम के जरिए विज्ञापन निकलवा पेपर लीक होने की बात से इनकार कर दिया।

- फैमिली के भ् लोग दे रहे थे एग्जाम

सुधीर के गिरफ्तारी का एक और सबसे बड़ा आधार ये है कि इनकी फैमिली के भ् लोग इस बार बीएसएससी एग्जाम के कैंडिडेट थे। जिसमें प्रोफेसर भाई अवधेश कुमार की वाइफ मंजू देवी, आशीष समेत दो भांजा और रिश्तेदार हरिओम व रंजन शामिल हैं। पेपर लीक मामले में भी भांजा आशीष और रिश्तेदार हरिओम व रंजन भी शामिल हैं।

- लापरवाही नहीं, मिलीभगत है

चेयरमैन सहित म् लोगों की गिरफ्तारी की जानकारी एसआईटी इंचार्ज मनु महाराज ने खुद प्रेस क्रांफ्रेंस कर दी। एसआईटी के अनुसार गिरफ्तार चेयरमैन की ये लापरवाही नहीं, बल्कि मिलीभगत मानी जाएगी। इन्हें सबकुछ पता था। बावजूद इसके वो अनजान बने रहने और बार-बार पेपर लीक होने की बात से इनकार करते रहने का नाटक करते रहे।

चेयरमैन सुधीर कुमार की गिरफ्तारी ऐसे ही नहीं हुई है। उनके खिलाफ ठोस सबूत थे। जिसे कोर्ट में पेश किया गया। एक दिन पहले ही कोर्ट से उनकी गिरफ्तारी का वारंट एसआईटी को मिल गया था।

मनु महाराज, एसएसपी, पटना