- शहर में सक्रिय हुआ ठगों का गैंग

- फेरीवाले बन कॉलोनियों में महिलाओं को बना रहे निशाना

- चोरी का सामान कहकर सस्ते रेट का लालच दे बेच दे रहे कबाड़

Case 1

शास्त्रीपुरम कॉलोनी की रहने वाली निवेदिता हाउस वाइफ हैं। तीन दिन पहले दोपहर के वक्त उनके घर के बाहर एक फेरीवाला आया। उसके पास डनलप के गद्दे थे। निवेदिता ने पूछा तो उसने दो हजार रुपए रेट बताया। इतने सस्ते रेट का कारण पूछने पर वह कहने लगा कि सामान चोरी का है इसीलिए इतने सस्ते में बेच रहा हूं। निवेदिता को गद्दे की जरूरत थी इसलिए उन्होंने भी सस्ते में गद्दा मिलता देख खरीद लिया। लेकिन खरीदने के बाद जब देखा तो पता चला कि फेरीवाला थर्मोकोल पर कवर लगाकर थमा गया है।

Case 2

वहीं, शास्त्रीपुरम की ही रहने वाली हाउस वाइफ संयोगिता राय भी फेरीवाले इन ठगों का निशाना बन चुकी हैं। उन्होंने बताया कि एक दिन एक फेरीवाला सूट लेंथ लेकर आया। उसने बोला कि चोरी का है कम रेट पर दे दूंगा। देखने में तो ब्रांडेड लग रहा था लेकिन बाद में पता चला कि कपड़ा हाथ से छूते ही फट जा रहा है।

GORAKHPUR: हाथ में सूट पीस, गद्दा, गैस चूल्हा या फिर अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान लिए फेरीवाला चोरी का सामान बोलकर सस्ते में दे तो फौरन खुश मत हो जाइएगा। सस्ती चीज के चक्कर में आपके हाथ कूड़ा लग सकता है। जी हां, शहर में ठग फेरीवालों का गैंग घूम रहा है। जो कॉलोनी-कॉलोनी घूमकर महिलाओं को चोरी का सामान सस्ते में खरीदने का लालच देकर चूना लगा दे रहे हैं। महिलाएं भी मार्केट से आधी कीमत पर सामान मिलता देख आसानी से इनके झांसे में आ जा रही हैं। लेकिन जब खरीदे गए सामान को बारीकी से देखा जा रहा तो पता चल रहा है कि यह सामान नहीं बल्कि कूड़ा है।

गद्दे के नाम पर थर्मोकोल

बता दें, मार्केट में डबल बेड डनलप गद्दे की कीमत करीब 10 हजार से भी अधिक है। ऐसे में अगर दो से ढाई हजार रुपए में कोई घर पर लाकर यही गद्दा दे तो इस मौके को शायद की कोई गंवाना चाहेगा। हां, थोड़ा संशय तो होगा कि पता नहीं सामान कैसा हो। बावजूद इसके अधिकांश लोग इसे यह समझकर खरीद लेंगे कि अगर कुछ दिन भी चल गया तो कोई नुकसान का सौदा नहीं है। लेकिन ऐसा करना आपको भारी पड़ सकता है। इन दिनों भी ऐसा ही हो रहा है। शहर की कॉलोनियों में ऐसे फेरीवाले घूम रहे हैं जो डबल बेड डनलप गद्दे दो से ढाई हजार रुपए में बेच रहे हैं। अगर कोई महिला पूछ रही है कि इतना महंगा गद्दा इतना सस्ता क्यों तो वे कह दे रहे हैं कि माल चोरी का है इसीलिए इतना सस्ता दे रहे हैं। महिलाएं भी फायदे का सौदा समझ गद्दा खरीद ले रही हैं। लेकिन जब बाद में गद्दे का कवर हटाकर देखा जा रहा है जो खरीदारों के पैरों तले जमीन खिसक जा रही है। पता चल रहा है कि गद्दे की साइज के एक मोटे थर्मोकोल पर गद्दे जैसा कवर लगाकर बेच दिया गया है।

ब्रांडेड सूट के नाम पर सड़ा कपड़ा

इसके साथ ही ये फेरीवाले महिलाओं को विमल, रेमंड व सियाराम जैसी ब्रांडेड कंपनियों के सूट लेंथ भी यह कहकर काफी कम रेट में बेच रहे हैं कि यह ट्रकों पर से माल उतरते समय चोरी का है। हैरानी वाली बात तो ये है कि हजारों रुपए कीमत के सूट लेंथ को महज दो से तीन सौ रुपए प्रति लेंथ के दाम पर खरीद ले रहे लोगों को जरा भी शक नहीं हो रहा। इस सूट लेंथ की हकीकत तब पता चल रही है जब इसे गौर से देखा जाए। एक बार धुलने के बाद यह कपड़ा घरों में पोंछा लगाने के लायक भी नहीं रह रहा। साथ ही कपड़े की सिलाई भी नुकसान हो रही है।

मिक्सर के नाम पर भी ठगी

इन सबके अलावा यह ठग इलेक्ट्रॉनिक आइट्म्स के नाम पर भी लोगों को चूना लगा रहे हैं। इसमें मिक्सर से लेकर गैस चूल्हा आदि सामानों को भी यह चोरी का सामान कहकर बेच दे रहे हैं। जो बाहर से देखने में तो विभिन्न ब्रांडेड कंपनियों के ही सामान लग रहे। लेकिन इस्तेमाल करते ही ये खराब हो जा रहे हैं।

एक इलाका सिर्फ एक बार

इस ठग गैंग की एक खास बात ये कि ये रोजाना नए-नए एरिया चुन रहे हैं। एक दिन जिस एरिया में सामान बेच दिया उस एरिया में दोबारा नहीं जाते। क्योंकि इन्हें पता है कि इनके सामानों की हकीकत एक दिन में ही उजागर हो जाएगी। ऐसे में दूसरे दिन यह नए एरिया में लोगों को निशाना बनाते हैं।

पूरे सामन के कितने पैसे

यही नहीं चीजें दिखाते समय तो ये लोग महिलाओं को अपने पास मौजूद सभी चीजें एक साथ खरीदने का भी ऑफर देते हैं। इस पर जब कोई चीजों को देखने लगता है तो वे अपने बात करने का अंदाज बदल देते हैं। कहते हैं कि रहने दीजिए, आपकी हैसियत नहीं है ये सारी चीजें खरीदने की। ये कह महिलाओं को उकसा वे आसानी से कम रेट की बात कह सारा सामान बेच देते हैं। महिलाएं भी तय रेट से भी कम पर पूरा सामान खरीदकर खुश हो जाती हैं।

कोट्स

दरवाजे पर फेरीवाला डनलप का गद्दा लेकर आया था। मुझे जरूरत थी तो मैंने दो हजार रुपए में खरीद लिया। सोचा कि अगर लोकल भी होगा तो कुछ दिन तो चल ही जाएगा। लेकिन खरीदने के बाद जब देखा तो पता चला कि गद्दा नहीं बल्कि मैने थर्मोकोल खरीद लिया है।

- निवेदिता, हाउस वाइफ

एक दिन एक फेरीवाला सूट लेंथ लेकर आया। उसने बोला कि चोरी का है कम रेट पर दे दूंगा। उसके पास दस पीस थे। मैंने पूरा खरीद लिया। देखने में तो ब्रांडेड लग रहा था लेकिन बाद में पता चला कि कपड़ा हाथ से छूते ही फट जा रहा है। मेरी तरह आसपास के कई लोगों ने भी सूट लेंथ खरीदा था।

- संयोगिता राय, हाउस वाइफ