- करीब दो हजार से अधिक फर्जी स्कूलों का हो रहा संचालन

- डीआईओएस ने शुरू की इन स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई

LUCKNOW :

नया शैक्षिक सेशन शुरू होते ही राजधानी में फर्जी स्कूलों का खेल जोर-शोर से शुरू हो गया है। शहर में बेसिक और माध्यमिक स्तर के करीब दो हजार ऐसे स्कूल हैं जिनके पास यूपी बोर्ड से मान्यता नहीं है या मान्यता पर तलवार लटकी है। फिर भी इन स्कूलों में एडमिशन लिए जा रहे हैं। इसका खुलासा मंगलवार को डीआईओएस द्वारा स्कूल में मारे गए छापे से हुआ।

पेरेंट्स को जानकारी नहीं

कई माह पूर्व राजधानी में बेसिक और माध्यमिक स्तर के दो हजार से ज्यादा फर्जी स्कूलों की लिस्ट तैयार कर इनके खिलाफ एक्शन का डिसीजन लिया गया था। इन स्कूलों को इस शर्त पर मान्यता दी गई थी कि वे मानकों का पालन करेंगे लेकिन स्कूल प्रशासन इसमें नाकाम रहे। मानकों को पूरा न करने वाले इन स्कूलों में बच्चों का एडमिशन लिया जा रहा है। स्कूलों के बारे में पूरी जानकारी न होने से हजारों पेरेंट्स इनमें अपने बच्चों का एडमिशन करा रहे हैं। उन्हें नहीं पता है कि यहां एडमिशन दिलाने से उनके बच्चों का साल खराब हो सकता है।

जांच शुरू कर दिया गया

इस मामले में डीआईओएस का कहना है कि पहले हम स्कूलों की जांच करेंगे। उसके बाद ही कार्रवाई होगी। जबकि ऐसे स्कूलों के प्रबंधक यूपी बोर्ड से मान्यता का दावा करते हैं। लेकिन कागजात दिखाने के नाम पर टालमटोल करते हैं। शिक्षा विभाग की तरफ से ऐसे स्कूलों को नोटिस भी भेजा जा चुका है। इसके बावजूद जिम्मेदार अधिकारी कार्रवाई को लेकर निर्णय नहीं ले पा रहे हैं।

पकड़े गए थे 221 फर्जी स्कूल

सूत्रों के मुताबिक साल 2011 में डीआईओएस ने करीब 221 स्कूलों के खिलाफ धारा 420 के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। लेकिन इन स्कूलों को बंद नहीं कराया गया। स्कूल संचालकों व पुलिस के बीच गठजोड़ की वजह से इन पर कार्रवाई नहीं हो रही है जिससे ऐसे स्कूलों को संचालित करने वालों के हौसले बुलंद हैं।

मानक पूरे नहीं करने वाले स्कूलों को नोटिस जारी किया जा रहा है। फर्जी स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई जरूरी होगी। ऐसे स्कूलों की मान्यता रद्द करने का आदेश जारी होगा और इन्हें बंद कराया जाएगा। मानकों को न मानने वालों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी।

मुकेश कुमार सिंह, डीआईओएस