JAMSHEDPUR: पोस्टमार्टम हाउस में गुरुवार से रखे गए चार लोगों के शवों का पोस्टमार्टम शनिवार को जिला प्रशासन ने करवाया। इससे पूर्व जिला प्रशासन द्वारा भेजे गये मजिस्ट्रेट ने मृतक के आश्रितों को दो दो लाख रुपये का चेक पोस्टमार्टम हाउस में प्रदान किया। पोस्टमार्टम के बाद परिजन शव को अपने साथ ले गए। मृतक के आश्रितों को मजिस्ट्रेट ने दो-दो लाख रुपये का चेक प्रदान किया। इसके बाद शव का पोस्टमार्टम करवाया गया।

राजनगर में बुधवार की रात व गुरुवार की सुबह मो। नईम, सज्जू, सिराज खान व शेख हलीम की हत्या ग्रामीणों ने कर दी थी। हत्या के बाद तीन शव तो मिल गये थे, लेकिन शेख हलीम का शव दूसरे दिन पुलिस ने राजनगर से बरामद किया। चार लोगों की मौत से आक्रोशित लोगों का नेतृत्व कांग्रेस नेता फिरोज खान व बाबर खान कर रहे थे। फिरोज खान ने मांग की थी कि ख्भ्-ख्भ् लाख रुपये मुआवजा व एक सरकारी नौकरी मृतक के आश्रितों को दिया जाए।

ख्00 लोग आए थे

राजनगर में मारे गये घाटशिला फुलपाल निवासी मो। नईम, हल्दीपोखर निवासी मो। सज्जू सिराज खान व शेख हलीम का शव का पोस्टमार्टम करवाने के लिए गांव के करीब ख्00 से ज्यादा लोग पहुंचे हुए थे। जिसे देखकर पुलिस ने पोस्टमार्टम हाउस को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया था। यहां दो दो वज्र वाहन व एमजीएम, उलीडीह थानों की पुलिस मौजूद थी। वहीं सिटी डीएसपी अनिमेश नथानी खुद पोस्टमार्टम हाउस में कैंप किये हुए थे।

हुई वीडियोग्राफी

शवों का पोस्टमार्टम शनिवार को एमजीएम अस्पताल स्थित पोस्टमार्टम हाउस में वीडियो कैमरे के नजर में किया गया। कार्यपालक दंडाधिकारी अनिता केरकेट्टा सहित तीन डाक्टरों की टीम ने शवों का पोस्टमार्टम किया।

हत्यारों को मिले कड़ी सजा

हल्दीपोखर निवासी मृतक सिराज के बड़े भाई मो। इम्तियाज ने कहा कि सरकार ने उन्हें दो लाख रुपये का चेक सौंपा है। उसके भाई की मौत की कीमत दो लाख रुपये कतई नहीं हो सकती। उसके भाई की जिसने हत्या की है उसे कड़ी से कड़ी सजा मिले। तब जाकर उनके मन में संतुष्टि मिलेगी। ऐसे बेरहमी से भेड़ बकरियों की तरह पीट पीटकर सिराज की ग्रामीणों ने हत्या कर दी है। पुलिस हत्या के सही कारणों का पता लगाये। और हत्यारों को सलाखों के पीछे पहुंचाये। सिराज के भाई ने बताया कि जब से सिराज की मौत की खबर सिराज की पत्नी सुनी है तब से वह बार बार बेहोश हो रही है। पूरा परिवार उसे संभालने में लगा है।

दो लाख से क्या होगा

मृतक शेख हलीम के भाई शेख सलीम ने कहा कि पुलिस ने अपना काम नहीं किया। पुलिस अगर तुरंत एक्शन लेती, फोर्स बुलवाती तो युवकों की हत्या होने से बचाया जा सकता था, लेकिन पुलिस खुद ही ग्रामीणों के भय से दूर जा रही थी। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा दिये गये दो लाख रुपये के मुआवजा से क्या होने वाला है।