11 साल की बच्ची से 5 हैवानों ने किया रेप

-पारा के सलेमपुर पतौरा में डकैतों की दिल दहलाने वाली वारदात

-विरोध पर बेलचे से पिता का सिर फोड़ा

-सूचना के बाद तीन कॉन्सटेबल पहुंचे, एसओ को पहुंचे पांच घंटे बाद

टाइमलाइन

12.45 am घर पर बदमाशों की दस्तक

1.15 ड्डद्व बच्ची को अगवा कर बदमाश ले गए

20 मिनट तक डकैत करते रहे लूटपाट

1.45 ड्डद्व तीन कांस्टेबल पहुंचे

2 ड्डद्व पर गांव और कांस्टेबल वालों ने तलाश शुरू की

2.15 पर बदहवास हाल में पीडि़त किशोरी मिली

7 ड्डद्व पर एसओ पारा विनोद यादव पहुंचे

LUCKNOW (26 Sept): सोमवार को पारा इलाके में डकैतों ने रोंगटे खड़े कर देने वाली हैवानियत को अंजाम देकर राजधानी की कानून-व्यवस्था पर एक बार गंभीर सवाल खड़े कर दिए। पारा के सलेमपुर पतौरा में रहने वाले कारपेंटर के घर बीती रात 10 हथियारबंद डकैतों ने पहले घरवालों पर कहर बरपाया और उसके बाद 11 साल बच्ची को अगवा कर पांच बदमाशों ने गैंगरेप किया। पुलिस कंट्रोल रूम को ग्रामीणों की सूचना पर तीन कॉन्सटेबल मौके पर पहुंचे। हालांकि पांच घंटे तक एसओ पारा मौके तक नहीं पहुंचे सके। पीडि़त लड़की रानी लक्ष्मी बाई हॉस्पिटल में जिंदगी और मौत के बीच झूल रही है। पुलिस ने फिलहाल एफआईआर दर्ज कर ली है। पुलिस को दिए बयान में पीडि़ता ने पांच लोगों द्वारा रेप करने की बात कही है।

नहीं खोला दरवाजा तो तोड़ा

उन्नाव के मूल निवासी पेशे से कारपेंटर छविराम (बदला नाम) पारा एरिया स्थित सलेमपुर पतौरा गांव में पत्‍‌नी, 8 व 3 साल के दो बेटों व 11 वर्षीया बेटी सीमा (बदला नाम) के साथ दो साल से रहते हैं। एक साल पूर्व छविराम ने पड़ोस में ही जमीन खरीदकर उस पर एक कमरे का मकान बना लिया और उसी में शिफ्ट हो गए थे। रात करीब 12.45 बजे किसी ने उनके दरवाजे पर दस्तक दी। छविराम ने दस्तक देने वाले का परिचय पूछा तो बाहर मौजूद बदमाश ने बताया कि पड़ोस में चोरी हो रही है। मामला संदिग्ध लगने पर छविराम ने दरवाजा खोलने से इंकार कर दिया। इसके बाद बदमाशों ने बेलचे से दरवाजे का बेलन तोड़ दिया और पांच बदमाश भीतर घुस गए। जबकि, शेष पांच बाहर ही खड़े रहे।

सामान समेटा और बेटी को खींच ले गए

भीतर घुसे बदमाश करीब 35 साल के थे और उनके हाथों में बेलचे व तमंचे थे। बदमाशों ने सबसे पहले छविराम की पत्‍‌नी की बेतहाशा पिटाई शुरू कर दी। जब छविराम उसे बचाने के लिये बीच में कूदा तो बदमाशों ने उसे भी पीट डाला। इसके बाद बर्तन, दो हजार नकद, दो जोड़ी पायल व एक जोड़ी झुमकी समेट लिया। करीब 20 मिनट तक लूटपाट व मारपीट करने के बाद बदमाश घर के बाहर निकलने लगे। इसी बीच एक बदमाश ने सीमा को दबोच लिया और उसे खींचकर साथ ले जाने लगा। छविराम ने विरोध किया तो बेलचा उसके सिर पर दे मारा और वह लहूलुहान होकर वहीं गिर पड़ा। बदमाश सीमा को खींचते हुए फरार हो गए। बदमाश घर के बाहर पड़ी तीन चारपाई भी साथ ले गए।

बाग में की दरिंदगी

बदमाशों के फरार होने के बाद छविराम भागकर गांव में पहुंचा और शोर मचाकर मदद की गुहार लगाई। शोर सुनकर ग्रामीण जुट आए और बाग की ओर चल पड़े। इसी बीच बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। ग्रामीणों ने वापस लौट पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दी। उधर, बाग में मौजूद बदमाशों ने एक-एक कर सीमा के संग गैंगरेप किया। पड़ोस में रहने वाले अनिल ने बताया कि करीब आधे घंटे बाद एमसीआर वैन पर तैनात तीन कॉन्सटेबल पहुंचे। कॉन्सटेबल बाग की ओर चले लेकिन, वे भी कुछ दूर जाने के बाद वापस लौटने लगे। इसी बीच सीमा बिलखते हुए गांव की ओर आती दिखाई दी।

इलाज नहीं दिलासा दिलाते रहे

पड़ोसी अनिल ने बताया कि तीनों कॉन्सटेबल वापस लौटे और वहीं बैठ गए। पांच घंटे तक वे वहीं बैठे रहे और छविराम व उनकी बेटी को दिलासा देते रहे। सुबह करीब 7 बजे एसओ पारा विनोद यादव पहुंचे और घायल सीमा व छविराम को इलाज के लिये रानी लक्ष्मीबाई हॉस्पिटल पहुंचाया। जानकारी पर आईजी ए.सतीश गणेश, डीआईजी आरकेएस राठौर, एसएसपी मंजिल सैनी, एसपी क्राइम डॉ। संजय कुमार, एसपी पूर्वी शिवराम यादव मौके पर पहुंचे।

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ट्यूबवेल पर जाकर रुका स्निफर

सुराग लगाने के लिये स्निफर डॉग को भी मौके पर बुलाया गया। घटनास्थल को सूंघने के बाद स्निफर करीब एक किलोमीटर दूर स्थित शीतला सिंह के ट्यूबवेल तक गया लेकिन, उसके बाद वह वहीं घूमकर वापस लौट आया। आशंका है कि बदमाशों ने ट्यूबवेल के आसपास गाडि़यां खड़ी की होंगी और वहां से गाडि़यों पर सवार होकर फरार हो गए।

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वारदातों के बावजूद नहीं हुई कार्रवाई

छविराम के पड़ोसी अनिल ने बताया दो साल पहले गांव में ही रहने वाले राजकुमार के घर पर डकैती पड़ी थी। जिसमें डकैत लाखों का सामान समेटकर फरार हो गए। जानकारी मिलने पर पहुंची पुलिस ने बदमाशों को जल्द पकड़ने का तो वायदा किया लेकिन, एफआईआर दर्ज नहीं की। इसी तरह पिछले साल इसी गांव में रहने वाले अनिल कुमार के घर पर लुटेरों ने धावा बोल दिया था। लेकिन, पुलिस ने इस मामले की भी एफआईआर दर्ज नहीं की।

क्या फायदा चेकिंग अभियान का?

डीजीपी जावीद अहमद ने बीती रात 11 बजे से सुबह 4 बजे तक प्रदेश के सभी थानाक्षेत्रों में सघन चेकिंग अभियान चलाने का आदेश दिया था। दावा किया जा रहा है कि अभियान के दौरान पुलिस सड़क पर मौजूद थी और हर आने-जाने वाले की जांच की गई। लेकिन, रात 12.45 बजे 10 डकैतों ने पारा के सलेमपुर पतौरा गांव में दरिंदगी की हद पार कर दी और इलाके के एसओ को घटनास्थल पर पहुंचने में पांच घंटे का वक्त लग गया। ऐसे में सवाल उठ खड़ा हुआ है कि ऐसे अभियान का क्या फायदा जो महज खानापूर्ति के लिये चलाए जाते हों।