युवा खिलाड़ियों को बचाना होगा

भारतीय सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने कहा कि दिल्ली के मुख्य कोच केपी भास्कर ने प्रतिभाशाली युवा खिलाड़ियों में ‘असुरक्षा की भावना’ इतनी अधिक भर दी कि उनके पास उनसे कुछ कड़े सवाल पूछने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था। उन्होंने कहा, ‘अगर युवा खिलाड़ियों का बचाव करना अपराध है तो मैं दोषी हूं।

कई बातें बढ़ा-चढ़ाकर पेश की जाती हैं

गंभीर ने आगे कहा कि, भास्कर उन्मुक्त चंद और नितीश राणा जैसे युवा खिलाड़ियों के करियर से खेलते रहे और मैं चुप बैठा रहूं ऐसा नहीं हो सकता।’ गंभीर ने कहा कि ड्रेसिंग रूम में निजी माहौल होता है। वहां काफी चर्चाएं होती हैं और इसका जिक्र मीडिया से नहीं किया जाता। मैंने कभी नहीं कहा कि भास्कर ने हिमाचल से टी-20 मैच हारने के बाद क्या कहा था या दिल्ली क्रिकेट को उन्होंने क्या दिया है और ये युवा खिलाड़ी इससे क्या हासिल कर रहे हैं। उसके बारे में काफी बातें की गई है कि कैसे मैंने भास्कर को गालियां दीं। चीजें बढ़ा चढ़ाकर पेश कर दी गई।’

कोई नहीं आता हमारा मैच देखने

गंभीर से पूछा गया कि क्या वह चयनकर्ताओं से बात करेंगे उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि कौन चयनकर्ता? किसी भी चयनकर्ता ने एक भी मैच नहीं देखा। वे नेट्स पर नहीं आते। वे केवल बैठक से एक दिन पहले नेट्स पर आते हैं। एक चयनकर्ता चैनलों में व्यस्त रहता है और दूसरा पार्टी करने में। उनसे क्या बात करें। अगर वे दिल्ली क्रिकेट के प्रति वफादार होते तो मैच देखते और केवल खिलाड़ियों को बाहर करने का काम नहीं करते। गंभीर ने इशारों-इशारों में सेलेक्टर निखिल चोपड़ा और अतुल वासन पर निशाना साधा।

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