गूगल मैप्स प्रमाणीकृत नहीं
जी हां हाल ही में राजधानी दिल्ली में एक बड़े इवेंट का आयोजन हुआ। जिसमें भारत के सर्वेक्षक जनरल स्वर्ण सुब्बा राव मौजूद रहे। इस दौरान सुब्बा राव का कहना था कि गूगल मैप्स प्रमाणीकृत नहीं है। आज बड़ी संख्या में यूजर्स रेस्त्रां और पार्कों खोजने के लिए बड़े पैमाने पर इनका उपयोग करते हैं। इसके अलावा आस-पास की छोटी-छोटी लोकेशन के बारे में पता करने के लिए भी लोग गूगल मैप का इस्तेमाल धड़ल्ले से करते हैं। जबकि हकीकत ये है कि विदेशी कंपनियों द्वारा बनाए गए ये मैप्स अप्रमाणित हैं। ऐसे में लोगों को इनका इनका इस्तेमाल कम से कम करना चाहिए।
ये वाले नक्शे भरोसेमंद होते
इसके अलावा उन्होंने यह भी साफ किया सरकारी विभाग किन मैप्स का इस्तेमाल करते हैं। सड़कों और रेलवे पटरियों को बिछाने के लिए राष्ट्रीय एजेंसियों द्वारा तैयार किए गए नक्शों का उपयोग किया जाता है क्योंक ये नक्शे भरोसेमंद होते हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि देहरादून स्थित भारत के सर्वेक्षण का हेडक्वार्टर में जियोफिजिकल सर्वे भौगोलिक नक्शे और एयरोनॉटिकल चार्ट आदि बनाए जाते हैं। जो प्रमाणित होते हैं। ऐसे में सभी लोग सर्वे ऑफ इंडिया के द्वारा तैयार किए गए नक्शे का ही उपयोग करें तो अच्छा होगा। इससे वह बिना किसी परेशानी के एक सही जगह पर पहुंचेंगे।
सरकार नहीं कर रही कंट्रोल
बतादें कि वर्तमान में गूगल अर्थ के जरिए भी लोग सटीक जानकारी हासिल करने की कोशिश करते हैं। जबकि यह भी सही नहीं है लेकिन लोग इसकी फ्री सेवा होने की वजह से इसका धड़ल्ले प्रयोग कर रहे हैं। हाल ही में भारत के एक वरिष्ठ सर्वेक्षक ने इस बात पर जोर दिया था कि सरकार को गूगल अर्थ और गूगल पर कंट्रोल करना चाहिए, लेकिन फिलहाल सरकार ने इन पर कोई शिकंजा नहीं कसा। गूगल अर्थ इसके पहले काफी विवादों में भी रह चुका है। आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने में इसके इस्तेमाल की खबरें चर्चा में रहीं। कई देशों ने तो इसके अपने यहां बैन कर रखा है।
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