-पीसीएस-जे-2015 का रिजल्ट घोषित, 195 अभ्यर्थी सफल

- अंशुमाली दूसरे स्थान पर तो लखनऊ की अंशु शुक्ला पहले स्थान पर रहीं

GORAKHPUR: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा परीक्षा (सिविल जज जूनियर डिवीजन) 2015 में गोरखपुर की अंशुमाली पांडेय ने दूसरा स्थान हासिल किया है। इसमें 195 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया गया है। लखनऊ की अंशु शुक्ला पहले स्थान पर हैं जबकि गोरखपुर के अंशु माली पांडेय दूसरे और सोनभद्र की रुचि श्रीवास्तव तीसरे स्थान पर हैं।

शुभचिंतकों ने दी बधाई

मूल रूप से खजनी क्षेत्र के कैथवलिया हरक सिंह के रहने वाले प्रेम नारायण पांडेय व ज्ञानमती पांडेय के पुत्र अंशुमाली पांडेय ने अपनी इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई कुशीनगर से की है। अंशुमाली ने इससे पहले यूपीपीएससी की सहायक अभियोजन अधिकारी (एपीओ) 2011 की परीक्षा में सातवां स्थान प्राप्त किया था। अंशुमाली फिलहाल मुरादाबाद पुलिस एकेडमी में ट्रेनिंग कर रहे हैं। वर्तमान में महानगर के दिव्य नगर कॉलोनी में रहने वाले अंशुमाली के पिता प्रेम नारायण कुशीनगर जिला न्यायालय में पेशकार रहे हैं।

गोरखपुर से बीए

अंशुमाली पांडेय ने गोरखपुर विश्वविद्यालय से बीए व एलएलबी तथा इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एलएलम की पढ़ाई प्रथम श्रेणी में पूरी की है। विधि में जेआरएफ अंशुमाली एपीओ की ट्रेनिंग कर रहे हैं। अंशुमाली ने बताया कि उन्हें अपने बाबा स्व। रामनरेश पांडेय से विपतरीत परिस्थितियों में न घबराने की प्रेरणा मिली। उन्होंने बलरामपुर में जज मयंक मणि त्रिपाठी व पूर्वोत्तर रेलवे से मुख्य परिचालन प्रबंधक पद से सेवानिवृत्त राकेश त्रिपाठी को अपना प्रेरणारुाोत बताया। उनकी उपलब्धि पर मित्रों व शुभचिंतकों ने बधाई दी है।

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दो सीटों को छोड़कर रिजल्ट

आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर दो सीटें छोड़कर अंतिम रिजल्ट घोषित किया है, क्योंकि दो सवालों को लेकर अब तक विवाद बना है। रिजल्ट को कार्यालय के सूचना बोर्ड पर चस्पा एवं आयोग की वेबसाइट यूपीपीएससी डॉट एनआइसी डॉट इन पर अपलोड कर दिया गया है।

गलत सवालों को चुनौती

लोकसेवा आयोग की उप्र न्यायिक सेवा सिविल जज (जूनियर डिवीजन) 2015 की प्रारंभिक परीक्षा पिछले वर्ष कराई गई थी। इम्तिहान में कुछ सवाल गलत पूछे गए थे उसे प्रतियोगी छात्रों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। आयोग ने कोर्ट में हलफनामा देकर स्वीकार किया था कि दो सवाल गलत हैं। इस पर कोर्ट ने फिर से परिणाम जारी करने को कहा था। आयोग ने इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। इसकी वजह यह थी कि जब हाईकोर्ट ने आदेश दिया उस समय तक आयोग ने मुख्य परीक्षा का परिणाम जारी करके साक्षात्कार तक करा लिए थे। आयोग की मुख्य परीक्षा का परिणाम आठ मार्च 2016 को जारी हुआ इसमें 605 अभ्यर्थी सफल हुए थे और साक्षात्कार सात अप्रैल से 27 अप्रैल तक कराया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने आयोग से सामान्य वर्ग की दो सीटें छोड़कर परिणाम जारी करने का निर्देश दिया था। उसी का अनुपालन करते हुए आयोग ने शुक्रवार को 197 रिक्तियों के सापेक्ष 195 अभ्यर्थियों को अंतिम रूप से सफल घोषित किया है।

जल्द जारी होगा कटऑफ

आयोग के सचिव चंद्रपाल सिंह ने बताया कि परीक्षा परिणाम से संबंधित अभ्यर्थियों का प्राप्तांक एवं श्रेणीवार व पदवार कटऑफ अंक की सूचना जल्द ही वेबसाइट पर अपलोड कर दी जाएगी। इस संबंध में सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत प्रार्थनापत्र स्वीकार नहीं होंगे। साथ ही जिन अभ्यर्थियों के सामने प्रोविजनल अंकित है वह वांछित अभिलेख प्रस्तुत कर दें।