- 24 से अधिक शातिरों की चल रही तलाश, कई की फोटो भी नहीं पुलिस के पास

- सीएम सिटी में भारी पड़ रहे बदमाश, पुलिस नहीं लगा पा रही सुराग

GORAKHPUR: गोरखपुर अब सीएम सिटी बन चुका है, इस लिहाज से यहां की पुलिस से भी तेज-तर्रार होने की उम्मीद की जाती है लेकिन हालत यह है कि पुलिस पर बदमाश भारी पड़ रहे हैं। न सिर्फ पुलिस वारदातों को रोकने में असफल साबित हो रही है, बल्कि फरारियों को पकड़ने में भी नाकाम है। यह हम नहीं कह रहे बल्कि यह साबित करने के लिए इनामी बदमाशों की वह लिस्ट काफी है, जिसके एक नाम वाले शख्स को भी पुलिस छू नहीं पाई है। और तो और, कई फरार बदमाशों की तो पुलिस के पास फोटो तक नहीं। तमाम संसाधनों व भारी-भरकम पुलिस महकमा के सामने मोस्ट वांटेड की फेरहिस्त में शामिल आठ लुटेरों सहित हत्या और अन्य मामलों में फरार बदमाश चुनौती बने हुए हैं।

कुछ को तो पहचानती ही नहीं पुलिस

सीएम सिटी की पुलिस को विभिन्न अपराधों में शामिल 24 बदमाशों की तलाश है। इनकी तलाश कितनी शिद्दत से है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इन सभी के सिर पर इनाम घोषित है। लेकिन, इन्हें ढूंढने में पुलिस कितनी गंभीर है, यह इसी से समझा जा सकता है कि अभी तक कई बदमाशों की तस्वीर तक पुलिस नहीं जुटा पाई है। यानी पुलिस को पता ही नहीं कि वे हैं कैसे, दिखते कैसे हैं? पुलिस रिकार्ड में कुछ बदमाशों की तस्वीर है भी तो वह इतनी पुरानी है कि बदमाश सामने आकर निकल जाए और पुलिस तस्वीर ताकती रह जाए।

मोस्ट वांटेड लेकिन कैसे पहुंचे पुलिस?

प्रॉपर्टी डीलर हत्याकांड में वांटेड सुभाष शर्मा मोस्ट वांटेड है। उसपर घोषित इनाम और बढ़ाने की बात चल रही है लेकिन पुलिस के पास उसकी तस्वीर भी नहीं है। पुलिस रिकार्ड में उसकी जो फोटो है, पांच साल से अधिक पुरानी फोटो है। खुद पुलिस मानती है कि इस फोटो के सहारे सुभाष को पहचानना बहुत मुश्किल है। दावा तो पुलिस का यही है कि सारे बदमाश पकड़े जाएंगे लेकिन सवाल है कि बिना बदमाशों को पहचाने पुलिस उन तक कैसे पहुंचेगी?

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पुलिस का 'फेस' बिगाड़ रहे ये केस

केस एक:

कोतवाली एरिया का चंद्र प्रकाश टिबड़ेवाल मर्डर

11 मई 2017 को घी-तेल के थोक कारोबारी चंद्र प्रकाश टिबड़ेवाल की हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने जिशान सहित दो बदमाशों को गिरफ्तार किया। घटना में शामिल दो बदमाशों की तलाश चल रही है। पुलिस बदमाशों से काफी दूर है। इनके खिलाफ इनाम घोषित करने की तैयारी चल रही है।

केस दो:

खोराबार एरिया के फोरलेन पर 98 लाख की लूट

14 मार्च 2017 को प्राइवेट फर्म की एजेंसी की गाड़ी से लूट की साजिश रचकर 98 लाख रुपए लेकर बदमाश फरार हो गए। इस वारदात में शामिल चार लोगों को पुलिस ने अरेस्ट किया। मुख्य आरोपी छोटू चौबे कोर्ट में सरेंडर कर जेल चला गया लेकिन इस घटना में शामिल दो अन्य अभी भी फरार हैं।

केस तीन:

बेलीपार एरिया का संजय यादव की किडनैपिंग, मर्डर

24 अक्टूबर 2016 को खोराबार एरिया के कजाकपुर निवासी प्रॉपर्टी डीलर, सपा नेता संजय यादव अचानक लापता हो गए। परिजनों ने गुमशुदगी दर्ज कराई। पुलिस की लापरवाही सामने आने पर परिजनों ने गोरखनाथ मंदिर के सामने आत्मदाह की धमकी दी। तब हरकत में आई पुलिस ने वारदात का खुलासा किया। बेलीपार एरिया के चेरिया निवासी दानबहादुर के खेत से संजय यादव की डेड बॉडी बरामद हुई। रुपए के लेनदेन में उसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना में शामिल तीन अभियुक्तों को पुलिस ने अरेस्ट किया। घटना में शामिल सुभाष यादव और अजय यादव उर्फ गुड्डू की तलाश चल रही है।

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ये हैं मोस्ट वांटेड

गिरजा यादव

सुभाष शर्मा

रमेश यादव

रोहित सिंह

सिंटू सिंह

जयंत सरकार

दुर्गा यादव

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इसलिए होती है गड़बड़

- बदमाशों के पकड़े जाने पर पुलिस उनकी फोटो सुरक्षित नहीं रखती।

- पुरानी फाइलों में लगी फोटो को बदला नहीं जाता। थानों पर रिकॉर्ड अपडेट नहीं होता।

- अपने गुडवर्क के फेर में थानेदार, इंस्पेक्टर, दरोगा किसी अन्य को जानकारी मुहैया नहीं कराते।

- बदमाशों तक पहुंचने के लिए पुलिस पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस पर निर्भर होती है।

- संदिग्ध लोगों की सूचना देने के लिए पुलिस के पास भरोसेमंद मुखबिर तंत्र का अभाव है।

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बॉक्स

तैयार हो रहा है डोजियर

अपराधियों पर लगाम कसने के लिए प्रदेश सरकार ने सभी बदमाशों का डोजियर तैयार करने का निर्देश दिया है। डोजियर में अपराधी के संबंध में पूरी जानकारी मौजूद होती है। पुलिस से जुड़े लोगों का कहना है कि सभी का डोजियर तैयार कर शासन को भेजा जाएगा। इसके बाद जो गाइड लाइन जारी होगी, उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

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वर्जन

बदमाशों की तलाश में पुलिस टीम लगी है। उनकी धरपकड़ के लिए समय-समय पर कार्रवाई की जाती है। पुलिस कार्रवाई की मॉनीटरिंग होती है। इनामी बदमाशों को अरेस्ट करने वाली टीम को इनाम देकर प्रोत्साहित किया जाता है।

आरपी पांडेय, एसएसपी