- विपक्ष की अनुपस्थिति में 15 मिनट में 76 विभागों का बजट पारित

- विधानसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच टकराव का दौर जारी

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रुष्टयहृह्रङ्खविधानसभा में शुक्रवार को विपक्ष के सदस्यों ने काली पट्टी और मुंह में टेप बांधकर अपना विरोध जारी रखने के साथ सदन से दूरी बनाए रखी। दूसरे दिन जारी बहिष्कार की वजह से सत्ता पक्ष को अकेले प्रश्नप्रहर की औपचारिकता निभानी पड़ी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संबोधन पर बिफरे विपक्ष के तेवर नरम नहीं हो सके। नतीजतन पांच दिन का एजेंडा समेटते हुए केवल 15 मिनट में 76 विभागों का बजट बिना चर्चा पारित करा दिया। इसके बाद सदन 24 जुलाई तक स्थगित कर दिया गया।

जारी रह सकता है टकराव

सत्ता पक्ष के रवैये से नाराज विपक्ष ने शुक्रवार को सदन की कार्यवाही का बहिष्कार कर विधानभवन परिसर स्थित चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के सामने सांकेतिक धरना दिया। बाहों में काली पट्टी बांधे सपा, बसपा और कांग्रेस के सदस्य अपने मुंह पर टेप लगाए थे। प्रतीकात्मक विरोध जताने के लिए एक ज्ञापन भी स्व.चरण सिंह को अर्पित किया। इसमें भाजपा को सद्बुद्धि देने की प्रार्थना करते हुए कहा गया कि जनता अपराधों की चक्की में पिस रही है और उसके कराह की आवाज भी सदन में उठने नहीं दी जा रही। सदन में माइक को बंद कर आवाज उठाने पर रोक लगाई जा रही है। नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी के नेतृत्व में बसपा के लालजी वर्मा, कांग्रेस के अजय कुमार लल्लू समेत अन्य सदस्य भी धरने में शामिल थे। वहीं शुक्रवार को संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना द्वारा विपक्ष को भूल सुधारने का बयान देने से नाराज नेता विरोधी दल रामगोविंद चौधरी ने कहा कि हम लोग भीख नहीं मांग रहे। सत्ता पक्ष की स्थिति उलटा चोर कोतवाल जैसी बनी है। जब तक सत्ता का रवैया नहीं बदलेगा तब तक सामान्य हालात आसान नहीं।

आरोपों पर दी सफाई

शुक्रवार को सदन की कार्यवाही आगे बढ़ाने से पहले संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने विपक्ष के रवैये की निंदा की और साथ ही विरोधी दलों के नेताओं द्वारा लगाए जा रहे आरोपों पर सफाई भी दी। खन्ना का कहना था कि नेता सदन ने अपने एक घंटे से अधिक के संबोधन में एक भी असंसदीय शब्द प्रयोग नहीं किया। नेता विरोधी दल को भी अपनी बात कहने का पर्याप्त अवसर दिया गया। खन्ना ने नेता विरोधी दल पर अपने संबोधन में अशोभनीय भाषा प्रयोग करने का आरोप लगाया। उनका कहना था कि ऐसी घटिया व स्तरहीन उदाहरण दिए गए जिन्हें सदन के बाहर भी नहीं बोला जा सकता। दरअसल विपक्ष दल नेताओं की बौखलाहट घोटालों की जांच कराने के निर्णय से सामने आ रही है। गलत काम करने वाले दंडित न किए जाए तो क्या उनको मंदिर में बैठाएं?

कोट

हम लोग भीख नहीं मांग रहे। सत्ता पक्ष की स्थिति उलटा चोर कोतवाल जैसी बनी है। जब तक सत्ता का रवैया नहीं बदलेगा तब तक सामान्य हालात आसान नहीं।

-राम गोविंद चौधरी, नेता प्रतिपक्ष

नेता सदन ने अपने एक घंटे से अधिक के संबोधन में एक भी असंसदीय शब्द प्रयोग नहीं किया। बौखलाहट घोटालों की जांच कराने के निर्णय से सामने आ रही है। गलत काम करने वाले दंडित न किए जाए तो क्या उनको मंदिर में बैठाएं?

-सुरेश खन्ना, संसदीय कार्यमंत्री