- योगी सरकार ने दिखाई सख्ती,डीएम, एसपी पर गाज

- डीआईजी बने केएस इमैनुअल, प्रमोद कुमार नए डीएम

- बबलू कुमार को एसएसपी की जिम्मेदारी

LUCKNOW:

सहारनपुर कांड की गाज अफसरों पर गिरनी शुरू हो गयी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकार बनने के बाद सामने आई सबसे बड़ी मुश्किल को सुलझाने के लिए बड़े पैमाने पर कार्रवाई करते हुए सहारनपुर के डीएम नागेंद्र प्रसाद सिंह और एसएसपी सुभाष चंद्र दुबे को सस्पेंड कर दिया है। जबकि, स्थानांतरणाधीन डीआईजी जेके शाही को रिलीव करने व केएस इमैनुअल को डीआईजी पद पर फौरन ज्वाइन करने का आदेश दिया गया है। आगरा विकास प्राधिकरण के वीसी के पद पर भेजे जा रहे प्रमोद कुमार को सहारनपुर का नया डीएम बनाया गया है। वहीं मुजफ्फरनगर के एसएसपी बबलू कुमार को एसएसपी बनाया गया है।

आलाधिकारियों को किया तलब

सहारनपुर में भड़की हिंसा पर काबू न पाने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देर शाम आलाधिकारियों को तलब कर लिया। उन्होंने मुख्य सचिव राहुल भटनागर, प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार और डीजीपी सुलखान सिंह को किसी भी सूरत में हालात पर काबू पाने के सख्त निर्देश दिए हैं। साथ ही दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने से गुरेज न करने को भी कहा है। मालूम हो कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर मंगलवार को सचिव गृह मणि प्रसाद मिश्रा, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर आदित्य मिश्रा, आईजी एसटीएफ अमिताभ यश और डीआईजी सिक्योरिटी विजय भूषण को तत्काल स्टेट प्लेन से सहारनपुर भेजा गया था।

गृह सचिव ने भेजी रिपोर्ट

बुधवार को गृह सचिव मणि प्रसाद मिश्र ने शासन को प्रारंभिक रिपोर्ट भेजी। जिसके बाद मुख्य सचिव राहुल भटनागर, प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार, प्रमुख सचिव नियुक्ति कामरान रिजवी व डीजीपी सुलखान सिंह बीच उच्च स्तरीय बैठक हुई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मामले की जानकारी दी गई। जिसके बाद वहां तैनात डीएम एनपी सिंह व एसएसपी सुभाष दुबे को सस्पेंड कर दिया गया। आईजी एसटीएफ और डीआईजी सिक्योरिटी को हालात सामान्य होने तक सहारनपुर में ही कैंप करने के निर्देश दिए गये हैं। वहीं, सहारनपुर के कार्यवाहक डीआईजी जेके शाही के स्थान पर केएस इमैनुअल को सहारनपुर जाकर चार्ज लेने को कहा गया है। वहीं पांच दिन बाद रिटायर हो रहे जेके शाही को फायर सर्विसेज में भेजा गया है। मालूम हो कि जेके शाही का फायर सर्विसेज में तबादला कुछ दिन पहले ही हुआ था। उच्च पदस्थ सूत्रों की माने तो सहारनपुर के कमिश्नर को भी जल्द बदला जा सकता है।

हालात काबू करने में नाकाम रहे सुभाष चंद्र दुबे

आईपीएस सुभाष चंद्र दुबे को सहारनपुर का एसएसपी बनाने का फैसला राज्य सरकार को भारी पड़ा और बीते कुछ दिनों से जारी घटनाक्रम के बाद उन्हें सस्पेंड कर दिया गया। मालूम हो कि सुभाष चंद्र दुबे की गिनती तेज-तर्रार आईपीएस अफसरों में की जाती है, लेकिन मुजफ्फरनगर दंगे में उनकी नाकामी साबित होने के बाद तत्कालीन सपा सरकार ने उन्हें सस्पेंड कर दिया था। उनकी जगह प्रवीण कुमार को मुजफ्फरनगर का एसएसपी बनाया गया था। इसके बाद सुभाष चंद्र दुबे कई दिनों तक महत्वहीन पदों पर रहे। चुनाव के दौरान चुनाव आयोग के निर्देश पर उन्हें झांसी का एसएसपी बनाया गया था। वहीं सूबे में भाजपा सरकार बनने के बाद उन्हें सहारनपुर भेजा गया था जहां भड़की जातीय ंिहंसा पर वह काबू नहीं पा सके।

अबकी बार 'मुसीबत' में सरकार

योगी सरकार के दो महीने के कार्यकाल में लखनऊ, गोरखपुर, मथुरा, बनारस में बढ़ते अपराधों और कानून-व्यवस्था की नाकामी को लेकर तमाम सवाल उठे लेकिन सरकार अपने ठोस कदमों के जरिए इन पर काबू पाने में कुछ सफल दिखी। सहारनपुर में भड़की जातीय चिंगारी ने पहली बार भाजपा सरकार को मुसीबत में डाल दिया है। सहारनपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही। स्थानीय प्रशासन द्वारा बसपा सुप्रीमो मायावती को शब्बीरपुर गांव का दौरा करने की इजाजत देना महंगा फैसला साबित हुआ और उसके बाद दोबारा हिंसा भड़क गयी। वहीं सहारनपुर कांड को लेकर विपक्ष ने भी योगी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।