--DJ i next ऑफिस में एक्सपर्ट के तौर पर मौजूद CA संतोष सिंह ने जीएसटी से जुड़े सवालों का दिया जवाब

-बताया, नये नियम से होंगे कई फायदे, व्यापारियों को भी मिलेगी राहत

- GST में अभी भी बहुत सी चीजें स्पष्ट नहीं, समय के साथ हो सकता है आवश्यक संशोधन

एक जुलाई से लागू हो रहे गुड्स सर्विस टैक्स जीएसटी पर खूब हाय-तौबा मची हुई है। टैक्स परसेंटेज को लेकर कारोबारी असमंजस में हैं। यही वजह है कि लगातार जीएसटी का विरोध भी कर रहे हैं। विरोध में छोटे से लेकर बड़े कारोबारी तक शामिल हैं। किन-किन स्लैब में टैक्स का परसेंटेज बढ़ेगा? कितने लाख पार के कारोबार पर टैक्स लगेगा? कारोबारियों को जीएसटी से लाभ क्या होगा? ऐसे ही तमाम सवालों को लेकर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ऑफिस में मंगलवार को 'फोन इन' का आयोजन किया गया। एक्सपर्ट के तौर पर सीए संतोष कुमार सिंह ने जीएसटी से जुड़े सवालों का जवाब बहुत ही सहजता के साथ दिया। उनका मानना था कि जीएसटी से कारोबार जहां आसान होगा तो वहीं कारोबारियों को भी बहुत राहत मिलेगी। हालांकि अभी इसमें बहुत सी जटिलता है और बहुत से मुद्दों पर तस्वीर साफ नहीं है। फिर भी यदि इसकी जटिलताएं सरलता में बदल गई तो ये काफी सुविधाजनक होगा।

क्वेश्चन-

क्या वर्क जॉब भी जीएसटी के दायरे में आएगा? और आएगा तो कितना टैक्स लगेगा?

राजेश कुमार गुप्ता, जैतपुरा

आंसर-

यदि टर्नओवर ख्0 लाख से कम है तो कोई टैक्स नहीं देना होगा।

छोटे जॉब वर्कर्स जो घर ले जा कर जॉब वर्क करते हैं उनके ऊपर भ् परसेंट का टैक्स है लेकिन वह टैक्स उस माल के मालिक को रिवर्स चार्ज के तहत देना होगा जिसके माल का जॉब वर्क किया जाएगा।

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क्वेश्चन-

माल अगर बाहर से मंगाते हैं तब कितना टैक्स देना होगा और जीएसटी की लिमिट क्या है?

प्रदीप कुमार, खोजवां

आंसर-

क्भ्-क्म् लाख तक में जीएसटी अप्लीकेबल नहीं है। यदि ट्रांसपोर्ट एजेंसी से माल मंगाते हैं और आप भी ट्रांसपोर्टेशन चार्ज देते हैं तो पांच परसेंट टैक्स रिवर्स चार्ज के तहत देना होगा। जिसके लिए आपको जीएसटी की धारा ख्ब् के तहत अनिवार्य रजिस्ट्रेशन लेना होगा और एक बार रजिस्ट्रेशन होने के बाद आप पर जीएसटी के सारे प्रावधान लागू होंगे। इस बात पर व्यापारियों को खास ध्यान देना होगा।

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क्वेश्चन-

हैंडमेडेड पापड़ व नमकीन जैसी वस्तुओं पर कितना टैक्स लगेगा?

संतोष कुमार, विशेश्वरगंज

आंसर-

पापड़ पर कोई टैक्स नहीं है। आप ये समझ लें कि घरेलू उत्पाद के तौर पर खान पान की चीजों पर कोई टैक्स नहीं है। लेकिन यदि इसे ब्रांड के तौर पर पैकिंग के रूप में बेचा जाता है तो यह जीएसटी के दायरे में आ सकता है।

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क्वेश्चन-

क्या ट्रांसपोर्टर जीएसटी से बाहर हैं? यदि नहीं हैं तो कितना टैक्स देना होगा?

पिंटू यादव, रामनगर

आंसर-

ट्रांसपोर्ट के सम्बन्ध में रजिस्टर्ड व्यापारी जो ट्रांपोर्टर का पेमेंट करेगा उसको रिवर्स चार्ज के तहत भ् परसेंट टैक्स देना होगा। लेकिन जब घरेलू सामान और बिना व्यापार की गतिविधियां होंगी तब ट्रांसपोर्टर को रजिस्ट्रेशन लेना होगा और टैक्स भी देना होगा।

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क्वेश्चन-

यदि चॉकलेट गुड्स ग्वालियर या इंदौर से मंगा रहे हैं तो उस पर टैक्स कैसे लगेगा?

गौरव राठी, भेलूपुर

आंसर-

उत्तर प्रदेश के बहार से माल मांगने पर आईजीएसटी लगेगा जिसका इनपुट क्त्रेडिट उत्तर प्रदेश में लगने वाले सीजीएसटी और एसजीएसटी में आपको मिल जाएगा, चॉकलेट के केस में ख्8 परसेंट टैक्स है

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क्वेश्चन

यदि पार्ट्स खरीदकर बेचते हैं तो इस पर कितना टैक्स लगेगा?

आनंद, लहरतारा

आंसर-

ख्0 लाख तक कारोबार में जीएसटी में रजिस्ट्रेशन करने की आवश्यकता नहीं है। आप जीएसटी से बाहर हैं। बिल की जगह अब बिल ऑफ सप्लाई देना पड़ेगा।

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क्वेश्चन-

जीएसटी लागू होने पर खाद्य पदाथरें पर कितना टैक्स लगेगा?

सतीश सिंह, शिवपुर

आंसर-

बिना ब्रांड के खाद्य पदार्थो पर कोई टैक्स नहीं है। ब्रांडेड खाद्य पदार्थ लेने पर पांच परसेंट तक का टैक्स लगेगा

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क्वेश्चन-

क्या देशी घी के ओल्ड स्टॉक पर भी टैक्स लगेगा?

सौरभ कुमार,

आंसर-

एक जुलाई के बाद क्ख् परसेंट टैक्स देना होगा। हालांकि ओल्ड स्टॉक पर इनपुट क्त्रेडिट भी ले सकते हैं, इसमें छह माह तक स्टॉक बेचना जरूरी है।

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किस पर कितना लगेगा टैक्स

-बिल्डर पर क्ख् परसेंट टैक्स

-वर्क कांट्रैक्ट पर क्ख् परसेंट टैक्स

-रेटिंग पर क्8 परसेंट टैक्स

-होटल पर भ् से ख्8 परसेंट टैक्स

-रेस्टोरेंट पर भ् से ख्8 परसेंट टैक्स

-रेल में गुड्स व पैसेंजर्स पर भ् परसेंट

-इकॉनामिक क्लास एयरफेयर में भ् परसेंट

-प्रिंट स्पेस विज्ञापन में भ् परसेंट

तब नहीं मिलेगा इनपुट टैक्स क्त्रेडिट

यहां बहुत ही बारीकी से समझने की जरूरत है। व्यापारियों के लिए एडवांस रूलिंग की व्यवस्था है। एचएसएन कोड के समझ ना आने की स्थिति में कारोबारी को पहले ही आवेदन कर के जीएसटी अधिकारी से एडवांस रूलिंग के माध्यम से पूछ लेना चाहिए। नहीं तो इनपुट टैक्स क्त्रेडिट नहीं मिलेगा और सेलर और परचेसर दोनों को टैक्स देना पड़ जाएगा। इसके अलावा इस पर इंटरेस्ट और पेनल्टी का भी प्रावधान हैं।

पढ़ाई-दवाई पर टैक्स नहीं

शिक्षण संस्थाओं और हेल्थ सेंटर्स पूरी तरह से जीएसटी से एक्सेम्पटेड हैं। बस फर्क इतना है कि स्कूल-कोचिंग अपने यहां से किताब व यूनीफॉर्म का वितरण न कर रहा हो। ठीक इसी तरह हॉस्पिटल या नर्सिग होम यदि अपने यहां दवा की ब्रिकी न हो तो वह जीएसटी से बाहर है वरना उसे भी जीएसटी के तहत टैक्स देना पड़ेगा।

ख्0 लाख तक कारोबार पर जीएसटी नहीं

छोटे व्यापारियों को जीएसटी में बहुत राहत दी गई है। ख्0 लाख रुपये तक के कारोबार को जीएसटी से बाहर रखा गया है। जबकि वैट के तहत यह सीमा पांच लाख एवं सर्विस टैक्स के तहत दस लाख तक ही थी। एनुअल टर्नओवर के हिसाब से व्यापारी जीएसटी से बाहर तो हो जाएंगे लेकिन उनका माल महंगा पड़ेगा क्योंकि उनको इनपुट टैक्स की क्त्रेडिट नहीं मिलेगी। जिन उत्पादों पर जितना ज्यादा टैक्स होगा छोटे व्यापारियों को इनपुट क्त्रेडिट नहीं मिलने की वजह से उतना ही नुकसान होगा।

इन्होंने भी पूछे सवाल

-राजबहादुर सिंह, कपसेठी

-प्रतीक गुप्ता, विशेश्वरगंज

-आशुतोष गुप्ता, पांडेयपुर

-सुरेश जायसवाल, सिगरा

-शुभम केशरी, विशेश्वरगंज