- शासन ने दिया निर्देश, स्कूलों को देना होगा पूरा डाटा

- बताना होगा आखिर कितने स्टूडेंट्स रहते हैं उपस्थित

आई स्पेशल

मेरठ- अब अगर सरकारी स्कूलों ने विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन डाटा अपडेट नहीं किया तो उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। यही नहीें, डाटा अपडेट न करने वाले स्कूलों की मान्यता को रद्द कर दिया जाएगा। ऐसा पारदर्शिता रखने के लिए किया जा रहा है, ताकि स्कूलों में टीचर के पढ़ाने की पद्धति को सुधारा जाए और बच्चों की उपस्थिति अधिक संख्या में दर्ज कराई जा सके।

करना होगा अपडेट

अब शासन के निर्देशों पर सभी स्कूलों को विभाग की वेबसाइट पर खुद को अपडेट करना होगा। इसके तहत स्कूलों को अपने यहां पढ़ने वाले बच्चों की उपस्थिति का डाटा अपडेट करना होगा। हर छह मंथ में ये डाटा अपडेट करना होगा। इसके साथ ही अगर स्कूल में किसी क्लास में उपस्थिति कम है तो ऐसा क्यों इसका कारण भी अपडेट करना होगा।

कितनी लगती है क्लास

यहीं नहीं स्कूलों को ये भी अपडेट करना होगा कितने टीचर कितने घंटे की क्लास लेते हैं। क्लास में वो कितने समय में कितने चेप्टर पढ़ाते हैं। ये सभी जानकारी छह मंथ में वेबसाइट पर अपडेट करनी होगी। जानकारी अपडेट करने के लिए लॉगइन आईडी व पासवर्ड होगा।

आएगी पारदर्शिता

शासन के अनुसार इससे स्कूलों का डाटा अपडेट रहेगा तो पारदर्शिता बनी रहेगी । पता लगेगा कि वास्तव में टीचर बच्चों को पढ़ाते है या नहीं। इसके साथ ही सॉल्यूशन भी दिए जाएंगे कि वो किस तरह से बच्चों की अटेंडेंस बढ़ा सकते हैं। अगर कोई अपडेट नहीं करेगा तो स्कूल की मान्यता रद्द की जाएगी।

वर्जन

शासन के निर्देशों के अनुसार कार्य किया जाएगा। उन स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई भी होगी जो इस निर्देश को मानने में लापरवाही बरतते हैं।

श्रवण कुमार यादव, डीआईओएस