-गर्मी बढ़ने के साथ ही पीने के पानी की गहराने लगी समस्या

-शहर में लगे 40 फीसदी से ज्यादा हैंडपंप पड़े हैं खराब

-फंड होने के बाद भी इन्हें नहीं कराया जा रहा ठीक

Varanasi@inext.co.in

VARANASI

गर्मी तेज होने के साथ ही पीने के पानी की समस्या गहराने लगी है। इसके बाद भी शहर में खराब पड़े 40 फीसदी से ज्यादा हैंडपंपों को अब तक ठीक नहीं कराया गया है। जो चालू हालत में हैं उनमें से भी अधिकतर हैंडपम्पों से खराब पानी आ रहा है। इससे पब्लिक की हेल्थ खराब हो रही है। यह हाल तब है जबकि फंड होने के बावजूद खराब व चालू हैंडपम्पों, बड़े व मिनी टयूबवेल का रिबोर और मेंटीनेंस अब तक शुरू नहीं कराया जा सका है।

600 हैंडपम्प खराब होने का दावा

जिम्मेदार विभाग शहर में महज 600 हैंडपम्प खराब होने का दावा करते हैं। लेकिन हकीकत यह है कि 40 फीसदी से ज्यादा हैंडपम्प खराब पड़े हैं। पब्लिक प्लेस, चौराहों और मोहल्लों में खराब पड़े ये हैंडपम्प इसकी गवाही दे रहे हैं। कुछ अच्छी कंडीशन में हैं भी तो उनमें से गंदा पानी आ रहा है। जिसके सेवन से संक्रामक बीमारियां फैल रही हैं।

कम बोरिंग की वजह से खराबी

हैंडपम्पों के जल्द खराब होने की वजह उनकी मानक से कम बोरिंग है। हैंडपम्प की बोरिंग का मानक मिनिमम 120 फुट है। लेकिन ठेकेदार मानक के हिसाब से काम नहीं कराते। जिससे हैंडपम्प जल्द ही पानी देना छोड़ देते हैं। विभागीय जांच में कई बार ठेकेदारों की लापरवाही सामने आई है। वहीं गर्मी में वाटर लेवल नीचे खिसकने से भी यह स्थिति आती है।

दो विभागों की है जिम्मेदारी

बता दें कि यूपी जल निगम का नलकूप डिवीजन शहर में हैंडपम्प, बड़े व निजी नलकूपों की बोरिंग कराता है। जबकि गांवों में यह काम ग्राम पंचायतों के जिम्मे है। सिटी में बोरिंग कराने के बाद नलकूप डिवीजन हैंडपम्पों व नलकूपों का एक साल तक मेंटिनेंस व रिबोर कराता है। साल भर बाद मेंटीनेंस वर्क जलकल के जिम्मे आ जाता है। इस दौरान जरूरत पड़ने पर जल निगम रिबोर भी करवाता है।

मांगा 12 करोड़, मिला पांच करोड़

यूपी जलनिगम ने पिछले वित्तीय वर्ष में जिला योजना मद से 12 करोड़ एक लाख की डिमांड की थी। इसमें शहर, रामनगर व गंगापुर नगर पंचायतों में दो सौ नए हैंडपम्पों, तीन बड़े नलकूपों की बोरिंग, 240 हैंडपम्प, दस बड़े व सात मिनी टयूबवेलों का रिबोर कराना था। लेकिन एक साल बीतने के बाद सिर्फ पांच करोड़ बीस लाख रुपये ही मिले। विभागीय अफसरों ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में 13 करोड़ 45 लाख का प्रस्ताव भेजा गया है।

लगेंगे नए हैंडपम्प

इस बार प्रदेश सरकार ने विधायकों को सौ-सौ हैंडपम्प एलॉट किए हैं। शहर के उत्तरी, दक्षिणी व कैंट विधायकों के एरिया में हैंडपम्प लगने से पब्लिक को काफी सहूलियत होगी। हैंडपम्पों के बोरिंग की जिम्मेदारी यूपी एग्रो को दी गई है। जबकि मेंटीनेंस यूपी जलनिगम करेगा। अफसरों के मुताबिक हैंडपम्पों की सूची मिलते ही काम शुरू हो जाएगा।

बाक्स

गंदे पानी से होंगी पेट की बीमारियां

हैंडपम्पों से निकल रहा गंदा पानी हेल्थ को खराब कर सकता है। दीनदयाल हॉस्पिटल के सीएमएस डॉ। आरपी कुशवाहा के मुताबिक दूषित पानी के सेवन से अधिकतर पेट से जुड़ी बीमारियां होती हैं। इसमें उल्टी-दस्त कोलाइटिस, पेट दर्द, गैस, अपच व बुखार की समस्या हो सकती है। स्किन भी खराब हो सकती है। लम्बे समय तक अगर पानी का सेवन किया तो हड्डी से जुड़े रोग भी अपनी चपेट में ले सकते हैं।

एक नजर

3,980

हैंडपम्प हैं शहर में

600

हैंडपम्प हो गए खराब

148

बड़े टयूबवेल सिटी में

118

मिनी टयूबवेल

5.20

करोड़ मिला पिछली बार का बजट

13.45

करोड़ का इस बार भेजा प्रस्ताव

वर्जन

पिछले वित्तीय वर्ष में जिला योजना के तहत मिले धन से हैंडपम्प व नलकूपों की बोरिंग, मेंटीनेंस और रिबोर का काम जल्द शुरू होगा। इसकी कार्ययोजना तैयार हो चुकी है।

एके मिश्रा, सहायक अभियंता, जलनिगम