- वर्ष 2012 से प्लांट का संचालन दायर पीआईएल के चलते एनजीटी ने कराया था बंद

- प्रदूषण बोर्ड को नगर निगम ने नहीं दी है संचालन के अनुबंध की प्रति, मांगा जवाब

BAREILLY:

नगर निगम ने हरी भरी कंपनी को सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट संचालन का जिम्मा तो दे दिया लेकिन इसकी सूचना नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को नहीं दी। जबकि संबंधित प्लांट संचालन को लेकर मामला एनजीटी में चल रहा है। ऐसे में अब उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नगर निगम से प्लांट संचालन का जिम्मा दिए जाने पर नगर निगम से जवाब तलब किया है। जिसमें यूपीपीसीबी ने हाईकोर्ट में चल रहे मामले की प्रतियां भी संलग्न की हैं। यूपीपीसीबी की ओर प्राप्त पत्र में पूछे गए सवालों का जवाब अधिकारी तैयार करने में जुट गए हैं।

छिन सकता है संचालन का जिम्मा

सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट रजऊ परसपुर स्थित है। यहां स्थिति कूड़े को दूसरी जगह ले जाने, प्लांट स्थापित करने और कूड़ा निस्तारण करने का जिम्मा हरी भरी संस्था का है। यही नहीं डोर-टू-डोर कलेक्शन का भी काम यही संस्था कर रही है। अब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने निगम को कहा है कि समाचार पत्रों के जरिए जानकारी मिल रही है कि प्लांट का संचालन हरी भरी संस्था करेगी जबकि इसके संचालन के अभिलेखों की एक प्रति प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भी मिलनी चाहिए थी। उन्होंने इस मामले में कोर्ट के चल रहे प्रकरण का भी जिक्र किया है। सूत्रों का कहना है कि यदि नियमों की अनदेखी निगम ने की होगी तो हरी भरी संस्था के लिए दिक्कत खड़ी हो सकती है।

यह है मामला

वर्ष 2012 में हाईकोर्ट में सिविल मिस रिट पिटीशन संजय कुमार बनाम नगर निगम दायर हुई थी, जो आज भी विचाराधीन है। नियमानुसार, संबंधित मामले पर फैसला आने से पहले सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट के संचालन पर हाईकोर्ट ने यह कहते हुए रोक लगाई थी कि प्लांट का संचालन पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन प्राधिकरण से स्वीकृ ति के बाद ही किया जा सकता है। जबकि संबंधित मामले पर नगर निगम ने कोई स्वीकृति नहीं ली। ऐसे में प्लांट का संचालन नियम विरुद्ध माना जाएगा। जारी पत्र में कहा गया है कि संबंधित प्लांट का संचालन नहीं किया जा सकता है। वहीं, अगर नगर निगम प्लांट स्थापना करना चाहता है तो उसे नई जगह तलाश करनी होगी। जिसके लिए उसे तमाम विभागों से एनओसी लेना अनिवार्य होगा।

स्वच्छता की जानी हकीकत

नगर आयुक्त राजेश श्रीवास्तव के नेतृत्व में फ्राइडे को नगर निगम टीम दो दर्जन से अधिक वार्डो में पहुंची। खुले में शौच यानी ओडीएफ की हकीकत जानी। गंदगी मिलने पर सफाई निरीक्षकों को सफाई करवाने के आदेश दिए। साथ ही सफाई से जुड़े अधिकारियों से कहा कि वह सुबह मॉर्निग फालोअप करें।

नई जमीन तलाशी जा रही है। जब तक वह नहीं मिलती तब तक विकल्प के तौर पर पुराने प्लांट का संचालन करने की योजना थी। पत्र प्राप्त हुआ है। जल्द ही जवाब बोर्ड को भेजा जाएगा।

राजेश कुमार श्रीवास्तव, नगर आयुक्त