-जल्द ही बनेगा शोध संस्थान, सीनियर प्रोफेसर्स को दी जाएगी कमान

-कार्यपरिषद के गठन को शासन के पास भेजा गया प्रपोजल

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KANPUR : हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय (एचबीटीयू) में शोध के लिए अध्ययन केंद्र बनाने की योजना है। जिससे अब संस्थान में रुके हुए शोधों को नई गति मिलेगी। विश्वविद्यालय में अब इसके निर्माण की तैयारी है, अध्यादेश में इस बिंदु को शामिल कर लिया गया है। कार्यपरिषद के गठन को मूर्तरूप देने के लिए विश्वविद्यालय ने दो शिक्षाविद् व उद्योगपतियों के नाम पर मुहर लगाने के लिए शासन के पास प्रपोजल भेजा है।

बीटेक को मजबूत िकया जाएगा

डीन आरएंडडी की नियुक्ति होते ही शोध अध्ययन केंद्र अस्तित्व में आ जाएगा। इस शोध केंद्र की कमान सीनियर प्रोफेसर्स को दी जाएगी। कुलपति प्रो। एमजेड खान ने बताया कि विश्वविद्यालय बनने के बाद शोध के ग्राफ को बढ़ाने के लिए योजना बना ली गई है। इसके लिए सबसे पहले नींव यानी बीटेक को मजबूत किया जाएगा क्योंकि इस सीढ़ी को पार कर छात्र पीएचडी तक पहुंचते हैं। बीटेक के बाद एमटेक की पढ़ाई को बेहतर किए जाने के लिए शोध कार्य को बढ़ाया जाएगा, जबकि इस कार्य में चार चांद लगाने का काम डा। एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय की ओर से अनुदानित इनोवेशन सेंटर महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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गिर रहा है शोध ग्राफ

विश्वविद्यालय बनने से पहले एचबीटीआई में साल दर साल शोध का ग्राफ गिर रहा है। संस्थान में संचालित कोई भी ब्रांच ऐसी नहीं है जो इससे अछूती हो। इसका सबसे बड़ा कारण शिक्षकों की कमी व उन सीनियर प्रोफेसर्स का लगातार सेवानिवृत्त होना है, जिनके कंधों पर संस्थान की शोध प्रक्रिया जिंदा थी। एक साथ कई पुराने प्रोफेसर के सेवानिवृत्त होने के बाद शोध कार्य में काफी गिरावट आई है। विश्वविद्यालय बनने के बाद इन्हें मिलाकर अन्य सभी ब्रांच में शोध कार्य बढ़ाने की तैयारी शुरू हो चुकी है।