- हाउस टैक्स के मामले में नगर निगम और बिजली विभाग आमने सामने

- नगर निगम ने अपनी ही बिल्डिंग पर लगाया 36 लाख रुपये का हाउस टैक्स

- टाउन हॉल में नगर निगम ने बिजली विभाग को किराए पर दे रखी है जगह

- बिजली विभाग कई बार दे चुका है हाउस टैक्स को हटाने के लिए पत्र

मितेंद्र गुप्ता

आई एक्सक्लूसिव

मेरठ। नगर निगम के कारनामे भी हैरानी भरे हैं। नगर निगम ने अपनी ही बिल्डिंग पर 36 लाख रुपये का टैक्स लगा दिया। एक दो दिन नहीं बल्कि यह 30 साल से अधिक समय का हाउस टैक्स है।

टाउन हॉल में थे तीन ऑफिस

तीन दशक पहले घंटाघर स्थित टाउन हॉल में तीन ऑफिस थे। इसमें नगर निगम, एमडीए और बिजली विभाग का ऑफिस था। उसके बाद एमडीए और नगर निगम ने अपना ऑफिस तो अलग बना लिया। लेकिन बिजली विभाग का ऑफिस अभी भी वहीं पर है। जिसे नगर निगम ने किराए पर दे रखा है।

किराए की बिल्डिंग पर हाउस टैक्स

दरअसल, टाउन हॉल पर नगर निगम का ही स्वामित्व है। नगर निगम ने बिजली विभाग, एक लाइब्रेरी और पीएसी को जगह किराए पर दे रखी है। नगर निगम की जमीन होने के कारण उस पर हाउस टैक्स नहीं बनता है। बावजूद इसके नगर निगम लगातार हाउस टैक्स लगाए जा रहा है।

गलती मान रहे पर खत्म नहीं करते

नगर निगम अधिकारियों की माने तो अपनी ही बिल्डिंग पर टैक्स नहीं लगा रखा है। पुराने समय से यह टैक्स लगा आ रहा है। सबको इस बात का पता है। लेकिन इसको बकाया सूची से हटाया नहीं जा रहा है।

वर्जन

मामला संज्ञान में नहीं है। यदि ऐसा हो रहा है तो बहुत बड़ी गलती है.निगम अपनी बिल्डिंग पर टैक्स नहीं लगा सकता है। संबंधित अधिकारी से बात कर इसको खत्म कराया जाएगा।

डीकेएस कुशवाहा नगर आयुक्त

नगर निगम को कई बार इस बात को लेकर पत्र लिख चुके हैं। बावजूद इसके हर बार निगम के अधिकारी हाउस टैक्स की रसीद भेज देते हैं।

आरके राणा, अधीक्षण अभियंता पीवीवीएनएल