RANCHI : झारखंड राज्य आवास बोर्ड 26 अप्रैल को नए सिरे से लॉटरी के जरिए मकान और फ्लैट का आवंटन करेगा। हरमू स्थित आवास बोर्ड के मुख्यालय में 11 बजे से रांची में 48 व हजारीबाग में 179 आवासों के आवंटन के लिए लॉटरी की प्रक्रिया शुरू होगी। इसके लिए बोर्ड ने अपने खाली पड़े मकान व फ्लैट के लिए पिछले साल सितंबर में ही लोगों से आवेदन मांगे थे। हालांकि, बोर्ड द्वारा लॉटरी के माध्यम से आवास आवंटन करने का मामला फिर से फंस सकता है, क्योंकि जिन वजहों से पिछली बार जिस वजह से मकान आवंटन को रद किया गया था, वैसे ही हालात इस बार भी बन रहे हैं।

हाईकोर्ट का है आदेश

झारखंड राज्य आवास बोर्ड वर्ष 2011 के 1500 आवंटियों के बीच नए सिरे से लॉटरी करेगा। हाईकोर्ट के निर्देश पर यह कदम उठाया जा रहा है। दरअसल आवंटन प्रक्त्रिया में धोखाधड़ी के आरोप के बाद सरकार ने जांच बैठाकर इस आवंटन को रद कर दिया था। इसे लेकर आवंटी हाईकोर्ट चले गए। हाईकोर्ट ने आवंटन प्रक्त्रिया को सही बताते हुए फिर से पुराने आवंटियों को ही फ्लैटों और प्लॉटों का आवंटन करने की बात कही है।

मकान-फ्लैट की लिस्ट सार्वजनिक नहीं

आवास बोर्ड द्वारा जारी किए गए विज्ञापन में उन फ्लैट अथवा आवास का कोई जिक्र नहीं किया गया था, जिसका आवंटन किया जाना है। सिर्फ, फ्लैट के कैटेगरी की जानकारी सार्वजनिक की गई थी। इसके अलावा विज्ञापन में बताया गया था कि आवास या फ्लैट जिस हालत में है, उसी हालत में आवेदकों को दिया जाएगा। वैसे लोग ही आवेदन के पात्र होगे, जिन्हें अपने स्वयं या पत्‍‌नी तथा आश्रित बच्चे के नाम से झारखंड राज्य के किसी भी जिले में निकाय एरिया, अधिसूचित क्षेत्र, आवासीय भूसंपदा सुधार न्यास या अन्य सरकारी उपक्त्रम की परिधि में कोई मकान, प्लैट, भूखंड लीज होल्ड बेसिस पर न हो।

किस सिस्टम से होगी लॉटरी, नहीं है कोई जिक्र

झारखंड राज्य आवास बोर्ड अपने मकान व फ्लैट के आवंटन के लिए किस सिस्टम से लॉटरी निकालेगी, इसकी भी कोई जानकारी आवेदकों को नहीं दी गई है। अगर पिछली बार की बात करें तो आवेदकों के नाम पर्चे पर लिखे थे और उन्हें बॉक्स से निकाला गया था। इसे बाद में सरकार ने गलत करार दिया था। ऐसे में आवेदक इस बात को लेकर संशय में हैं कि इस बार बोर्ड किस माध्यम की लॉटरी से मकानों का आवटंन करेगा।

2011 में भी हुआ था लॉटरी से आवंटन

आवास बोर्ड की लॉटरी इससे पहले वर्ष-2011 में निकाली गई थी जिसमें 2088 आवेदकों में से 209 लोगों को मकान अथवा फ्लैट आवंटित किए गए थे। जिन लोगों ने लॉटरी से फ्लैट लिए हैं उनका कब्जा भी उस पर है, लेकिन बोर्ड द्वारा उनका क्लियर नही किया गया है। सरकार ने लॉटरी का मामला को लटका दिया है। फिर से वही गलती दुबारा से किया जा रहा है।