- आईईआरटी में रिटायर्ड कर्मचारियों को आवास से हटाने की कार्रवाई पर बखेड़ा

- कर्मचारियों का अटका पड़ा है फंड व अन्य देयक का भुगतान

ALLAHABAD: इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड रूरल टेक्नोलॉजी (आईईआरटी) के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को आवास खाली कर देने की चेतावनी दी गई है। उन्हें यह चेतावनी आवास में अवैध तरीके से काबिज होने के चलते दी गई है। इससे विरोध में स्वर भी बुलंद होने लगे हैं। कर्मचारी बिना बकाया भुगतान के बाहर जाने को तैयार नहीं हैं। कर्मचारियों को बाहर निकालने के आदेश से टीचर्स में भी खलबली है। उन्हें डर है कि भविष्य में इस तरह की कार्रवाई उन्हें भी झेलनी पड़ सकती है।

पहले पूर्व निदेशक को हटाओ

आईईआरटी प्रशासन की मंशा के अनुरूप जिला प्रशासन और पुलिस बल को थर्सडे को आवास खाली कराने पहुंचना था। लेकिन किसी कारणवश एक्शन नहीं लिया जा सका। एक्शन से नाराज कर्मचारी धीरे धीरे एकजुट हो रहे हैं। चर्चा है कि रिटायर्ड कर्मचारी इसलिए आवास में हैं कि उन्हें पेंशन, फंड, एरियर आदि का बकाया भुगतान नहीं मिला है। उन्हें भय है कि आवास खाली कर देने पर उनका भुगतान न अटक जाए। यह धनराशि काफी बड़ी है। कर्मचारियों में करोड़ों रुपए के घोटाले के आरोपी पूर्व निदेशक पीके सिंह का आवास अभी तक खाली न होने से भी आक्रोश है।

शिक्षकों में भी मची खलबली

संस्थान और प्रशासन के तेवर से टीचर्स भी सकते में हैं। कुछ टीचर्स का कहना है कि पांचवें वेतनमान का बड़ा हिस्सा शिक्षकों को अभी तक नहीं मिल सका है। इससे उन्हें भी भविष्य में इस तरह की चीजें झेलनी पड़ सकती हैं। इस बावत सिटी मजिस्ट्रेट राम भरत तिवारी का कहना है कि जो अवैध रूप से रह रहे हैं, उन्हें बाहर करने का आदेश हुआ है। एक दो दिन में कार्रवाई होगी। चीफ प्रॉक्टर केपी शुक्ला का कहना है कि कर्मचारियों की बकाया धनराशि में कई तरह के डिस्प्यूट हैं। आवास को खाली कराने का आदेश कमिश्नर राजन शुक्ला की ओर से है।