आई एक्सक्लूसिव
- रात में 12 बजे के आसपास ही हो गई थी अनुराग तिवारी की मौत
- खाने के डेढ़ से दो घंटे बाद हुई थी मौत, मृतक के पेट में था अधपचा भोजन
- पीएम रिपोर्ट और एक्सपर्ट्स कर रहे हत्या का इशारा
sunil.yadav@inext.co.in
LUCKNOW : आईएएस अनुराग तिवारी की मौत की गुत्थी अभी तक भले जांच के फेर में फंसी हो, लेकिन फॉरेसिंक और पोस्टमार्टम टीम में शामिल एक्सपर्ट्स दबी जुबान से हत्या का इशारा कर रहे हैं। नाम न छापने की शर्त पर पोस्टमार्टम में शामिल एक्सपर्ट ने दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट रिपोर्टर को बताया कि इस बात की आशंका प्रबल है कि अनुराग के मुंह पर तकिया या अन्य कोई सामान रखकर उनकी सांस रोकी गई है। जिससे दम घुटने से उनकी मौत हो गई। यही नहीं पीएम के दौरान उनके पेट में मौजूद अधपचा भोजन भी ये गवाही दे रहा है कि डिनर के डेढ़ से दो घंटे के भीतर ही उनकी मौत हो चुकी थी। हालांकि, विसरा रिपोर्ट आने के बाद मौत की वजहों से पूरी तरह से पर्दा उठ सकेगा।
नीले पड़ गए थे नाखून
हाई प्रोफाइल अनुराग तिवारी केस में केजीएमयू स्थित मच्र्युरी में चार डॉक्टर्स के पैनल ने पोस्टमार्टम किया था। इसकी वीडियोग्राफी भी कराई गई थी। जिसमें सामने आया कि उनकी मौत दम घुटने यानी सांस न ले पाने से हुई। फारेंसिक एक्सपर्ट के अनुसार, उनके नाखून नीले पड़ गए थे। आंखों में पिन प्वाइंट ब्लीडिंग (पेटीकियल हेमरेज) और शरीर के अंदर ऑर्गन्स में कंजेशन था। यह आमतौर पर दम घुटने पर ही होता है। सांस न ले पाने या दम घुटने का कारण गला दबाने, मुंह, नाक या हैंगिंग से होता है। लेकिन इनके कोई लक्षण नही थे। इशारा साफ है कि मुंह और नाक को बाहर से बंद करके दम घोटा गया। आमतौर पर तकिया से दबाने पर होंठो में घाव नहीं होता। लेकिन केस में निचले होठ में अंदर की ओर इंसीजर दांत के सामने लैसेटिव वुंड यानी छिलने वाला घाव था। यह इस ओर इशारा कर रहा है कि उनके साथ छीनाझपटी की गई। यह किसी हार्ड तकिया जैसी वस्तु या हाथ के बल से भी किया जा सकता है। इसके अलावा उनके ठोड़ी पर भी खाल फटी होने और लैसेटेड वुंड के निशान मिले हैं।
रात 12 बजे के करीब हो गई थी मौतत!
एक्सपर्ट्स ने बताया कि अनुराग के पेट में अधपचा भोजन मिला था। मतलब साफ है कि खाने के डेढ़ से दो घंटे के अंदर ही उनकी मौत हो गई थी। असल में खाना पचना तो शुरू हुआ था, लेकिन वह पूरी तरह पच नहीं पाया था। पाचन की यह क्रिया मौत के साथ ही रुक जाती है। जबकि उनकी बाडी रोड पर सुबह मिली थी। यानि कि पुलिस की यह थ्योरी भी गलत साबित हो रही है कि सुबह मॉर्निग वाक के दौरान अनुराग की मौत हुई थी। बता दें कि अनुराग हजरतगंज स्थित रेस्टोरेंट से रात सवा दस बजे डिनर कर बाहर निकले थे।
कोट
किसी भी नॉर्मल इंसान के स्टमक में खाना डाइजेस्ट होने में करीब 4 घंटे का समय लगता है। पेट में खाना अगर अधपचा है तो ये इंगित करता है कि उस व्यक्ति को खाना खाए हुए 4 घंटे से कम ही हुआ है।
-सुमित रुंगटा, गैस्ट्रो फिजीशियन, केजीएमयू
ये निशान भी दे रहे गवाही
पीएम रिपोर्ट के अनुसार एक हाथ और एक पैर में भी चोट के निशान हैं। यह ऐसे निशान हैं कि अंदर खून जम गया है। यानी उन्हें इन स्थानों पर मारा गया है या तेज चोट लगी है। जिसमें ऊपर स्किन हल्की छिल जाए और अंदर ब्लड भी वहीं का वहीं जम जाए।
उठ रहे सवाल
-पेट में अधपचा भोजन यानी खाने के डेढ़ से दो घंटे के अंदर मौत
-अनुराग के पेट में खाना था, जबकि कोई भी फ्रेश होने के बाद ही मॉर्निग वॉक पर निकलता है।
-अनुराग की जेब में 5 हजार से अधिक रुपए मिले, जबकि मॉर्निग वाक पर शायद ही अधिक पैसे रखकर निकलता हो
-अनुराग का मोबाइल पास न होना, सवाल ये कि मोबाइल उन्होंने कमरे में क्यों छोड़ा
-अनुराग के होठ का अंदर से कटा होना
टाइमलाइन
मंडे
9.30 पीएम- डीएसओ ऑफिस के करीब स्थित आर्यन रेस्टोरेंट पहुंचे
10.15 पीएम- डिनर कर बाहर निकले
ट्यूजडे
05.50 एएम- दूधिये ने बीच सड़क अनुराग को पड़ा देख पुलिस को सूचना दी
06.10 एएम- कॉन्सटेबल हरवीर सिंह मौके पर पहुंचा
06.50 एएम- एंबुलेंस से उन्हें सिविल हॉस्पिटल पहुंचाया गया, डेड डिक्लेयर