--IIT BHU का रिसर्च स्कॉलर हॉस्टल से लापता, कमरे से मिला मोबाइल व लेटर

--GV रमन हॉस्टल में रहता था, शिकायत पर पड़ताल में जुटी पुलिस

VARANASI

आईआईटी बीएचयू के रिसर्च स्कॉलर रामजी ओमर ख्फ् मार्च से लापता है। बांदा निवासी रामजी ओमर का मोबाइल और एक पत्र पुलिस को हॉस्टल के कमरे से बरामद हुआ है। पुलिस ने रामजी को हॉस्टल में आवंटित कमरे को सील कर दिया है। परिजनों की गुहार पर लंका पुलिस ने लापता रिसर्च स्कॉलर की तलाश शुरू कर दी है। पुलिस को कमरे से मिले लेटर में लिखा मिला है मेरा जीवन भगवान को समर्पित।

ताला बंदकर हुआ गायब

बांदा जिला स्थित पइलानी थाना क्षेत्र के खपतिहां गांव निवासी राम अवतार ओमर का ख्म् वर्षीय बेटा रामजी आईआईटी के मेटलरजी विभाग में प्रो। ओपी सिन्हा के अंडर में रिसर्च कर रहा था। गुरुवार को दोपहर बाद वह जेवी रमन हॉस्टल के कमरा नंबर ख्00 का ताला बंद कर कहीं चला गया और शाम तक नहीं आया। इस बीच परिजनों ने दिन में कई बार संपर्क करने की कोशिश की लेकिन बात नहीं हो पाई। तब परिजनों ने संस्थान के अधिकारियों से संपर्क किया। इसकी जानकारी मिलते ही प्रॉक्टोरियल बोर्ड व संस्थान के अन्य अधिकारी हरकत में आ गए। इसकी सूचना तत्काल पुलिस को दी गई। रामजी का कहीं पता नहीं चलने पर परिजन काफी परेशान हो उठे। पिता ने बताया कि रामजी पांच भाई व दो बहनों में दूसरे नंबर पर है।

मम्मी कुछ बात करनी है

रामजी ने गुरुवार की सुबह 9.फ्0 बजे अपनी मां को फोन किया था। कहा कि मम्मी आपसे कुछ बात करनी है। उस वक्त मां खाना बना रही थी, इसलिए उसने कहा कि बाद में बात कर लेना। जब उसके पिता घर आए तो मां ने कहा कि रामजी कुछ बात करना चाह रहा है। इस पर उसके पिता ने क्क्.फ्0 बजे कॉल किया तो फोन उठा नहीं। इसके बाद जब वे क्ख्.फ्0 बजे दोबारा फोन किए तो स्वीच ऑफ मिला। शाम तक परिजन फोन लगाते रहे, लेकिन बात नहीं हो पाई। इसके बाद परिजनों ने संस्थान में संपर्क साधा और यहां आ गए।

अपनी जिंदगी जीने जा रहा

लंका पुलिस ने जब रामजी के कमरे की तलाशी ली तो मोबाइल और एक पत्र मिला जिसमें लिखा था कि 'मैं अपनी जिंदगी जीने जा रहा हूं। मैं अपनी मर्जी से ईश्वर की शरण में जा रहा हूं। मुझे किसी से कोई शिकायत नहीं है। किसी को परेशान नहीं किया जाए.' फिलहाल पुलिस रामजी के मित्रों के जरिए उस तक पहुंचने की कोशिश में जुटी है।