दैनिक जागरण आई नेक्स्ट एक्सक्लूसिव

-- केडीए इम्प्लाइज की मिलीभगत से काकादेव कोचिंग मंडी ही नहीं आसपास मोहल्लों में बन गए सैकड़ों हॉस्टल

--ज्यादातर ने यूनिट हाउस के नाम पर मैप पास कराकर तान दिए मल्टीस्टोरी हॉस्टल

- घरों को हॉस्टल में कर डाला है तब्दील, ज्यादा कमाई के लिए हालात बना दिए खतरनाक

- न इलेक्ट्रिकल सेफ्टी की परवाह, न ही फायर सेफ्टी का ध्यान, वेंटीलेशन तक न होने से स्थिति भयावह

KANPUR@Inext.co.in

KANPUR: काकादेव और इसके आसपास मोहल्लों में नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए दो हजार से अधिक हॉस्टल चल रहे हैं, लेकिन इनमें से शायद ही किसी एक भी बिल्डिंग का मैप हॉस्टल के रूप में पास हो। बावजूद इसके खुलेआम चल रहे इन हॉस्टल्स के खिलाफ कार्रवाई की केडीए ने जहमत नहीं उठाई। जब कभी नोटिस भी जारी की तो केवल अपने फायदे के लिए। फायदा होने के बाद वह अवैध रूप से तने हॉस्टल्स को भूल गए।

बड़ा बिजनेस बना हॉस्टल

काकादेव कोचिंग मंडी में इंजीनियरिंग के अलावा कैट, क्लैट, सीए, सीएस, बैंक, एसएससी, ऑर्मी, मेडिकल आदि एंट्रेस एग्जाम की तैयारी कराने वाली सैकड़ों की संख्या में कोचिंग है। इन कोचिंग्स में कानपुर ही नहीं आसपास के डिस्ट्रिक्ट के अलावा दूसरे स्टेट्स से भी स्टूडेंट्स पढ़ने आते हैं। इसी वजह से काकादेव कोचिंग मंडी के आसपास मोहल्लों में तेजी से हॉस्टल खुलते रहे हैं। इस एरिया में हॉस्टल एक बड़ा बिजनेस बन चुका है।

लोगों ने घरों को भी हॉस्टल में तब्दील कर दिया है।

काकादेव ही नहीं इसके आसपास मोहल्लों में लोगों ने घरों के छोटे-छोटे कमरों में टेम्परेरी पार्टीशन लगा रखे। जिससे ज्यादा से ज्यादा स्टूडेंट्स को रखा जा सके और अधिक से अधिक कमाई हो सके। इसके लिए बॉलकनी, आंगन तक को भी नहीं छोड़ा है। इन जगहों पर टेम्परेरी पार्टीशन लगा रखे हैं। फायर व इलेक्ट्रिकल सेफ्टी तो दूर की बात है वेंटीलेशन तक नहीं है। यही वजह है कि वेडनेसडे की देर रात हॉस्टल में आग लगने पर वह रह रहे ज्यादातर स्टूडेंट्स दमघोंटू धुएं की चपेट में आ गए।

मिलीभगत से अवैध निर्माण

केडीए इम्प्लाइज की मिलीभगत से लंबे समय से हॉस्टल्स के लिए बिल्डिंग्स तानी जा रही हैं। ज्यादातर हॉस्टल रेजीडेंशियल लैंडयूज वाले प्लाट्स पर बने हैं। केडीए एनफोर्समेंट टीम की मिलीभगत से अवैध बिल्डिंग्स के बनने का सिलसिला अभी भी जारी है। लेकिन सेटिंग-गेटिंग की वजह से केडीए इम्प्लाइज अवैध रूप से बन रही बिल्डिंग्स की तरफ नहीं देखते हैं। हादसे वाले हॉस्टल वाली रोड पर ही कई बिल्डिंग अवैध रूप से बन रही हैं।

नोटिस जारी कर भूल गए

अवैध रूप से चल हॉस्टल के खिलाफ कार्रवाई के लिए केडीए ने दो बार नोटिस जारी की। वर्ष ख्008-09 में तत्कालीन केडीए वीसी मो.मुस्तफा व ज्वाइंट सेक्रेटरी शैलेन्द्र कुमार सिंह के समय हॉस्टल की लिस्ट बनाई गई। नोटिस जारी कर हॉस्टल ओनर्स से मैप मंगाए गए। लेकिन फायदा देख केडीए इम्प्लाई कार्रवाई करना भूल गए। कमोवेश यही हाल करीब दो साल पहले हुआ। तत्कालीन एक्सईएन मनोज मिश्रा ने भी हॉस्टल्स की लिस्ट तैयारी कराई। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।

कोचिंग हब बन गया

मेडिकल, इंजीनियरिंग, एसएससी, एमसीए, आर्मी, कैट, क्लैट, सीए, सीएस, बैंक आदि की एग्जाम्स की तैयारियों की कोचिंग का क्षेत्र कहलाने लगा है काकादेव

इन मोहल्लों में हॉस्टल

काकादेव, तुलसी नगर, ए-क् बड़ा बाजार, रानीगंज, नवीन नगर, गीता नगर, शारदा नगर, पुरानी बस्ती काकादेव, छपेड़ा पुलिया, आरएसपुरम, राजीव नगर, विनायकपुर, छोटा लखनपुर

हॉस्टल के लिए बिल्डिंग बाईलॉज में

नियम

क्- सार्वजनिक एवं अर्ध सार्वजनिक भू प्रयोग (एजूकेशनल) में हॉस्टल अनुमन्य

ख्- व्यवसायिक भू उपयोग वाले प्लाट्स में हॉस्टल अनुमन्य

फ्- केन्द्रीय क्रियाओं भू प्रयोग वाले प्लाट्स में (गवर्नमेंट ऑफिस) में हॉस्टल अनुमन्य

ब्- रेजीडेंशियल में इम्पैक्ट फीस के साथ क्ख् मीटर चौड़ी रोड पर हॉस्टल अनुमन्य

(इम्पैक्ट फीस-डीएम सर्किल रेट के मुताबिक प्लॉट एरिया की टोटल कीमत का ख्भ् परसेंट)

वर्जन-वर्जन (फोटो अभिनव फोल्डर में काकादेव हादसा नाम)

--अवैध रूप से हॉस्टल चल रहे हैं, इसकी शिकायत कई बार केडीए से की गई है। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.- सुमित कुमार सरोज, कारपोरेटर

--केडीए इम्प्लाइज की मिलीभगत से हॉस्टल के लिए छोटी-छोटी जगह में ऊंची-ऊंची इमारतें तन रही है- अतुल सिंह

-- हॉस्टल के नाम पर कमाई तो खूब की जा रही, लेकिन सुरक्षा का कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है-- रामदुलारे

-- छोटे-छोटे को कमरों, आंगन, बॉलकनी के पार्टीशन से हालात खतरनाक हो चुके है। पुलिस-प्रशासन को बच्चों की सुरक्षा के लिए कदम उठाने चाहिए-- अमित कुमार

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(केडीए वीसी का वर्जन)

''काकादेव व आसपास मोहल्लों में चल रहे अवैध हॉस्टल का सर्वे कराया जाएगा। उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। पहले जारी की जा चुकी नोटिस, सीलिंग व डेमोलेशन ऑर्डर्स पर कार्रवाई होगी.''

के। विजयेन्द्र पाण्डियन, केडीए वीसी