अप्रैल में पूरे 25 दिन पारा रहा 40 के पार
अभी और तपाएगा अप्रैल, मई में बारिश के आसार
ALLAHABAD: इसे संयोग कहें या कुछ और, ऊपर वाला चाह ले तो इंसान के सारे कयास बेमानी हो जाते हैं। समूचे उत्तर भारत में पड़ रही तगड़ी गर्म तो कुछ इसी ओर इशारा कर रही है। मार्च के लास्ट वीक से शुरु हुई तेज गर्मी लोगों को पहले ही चौका चुकी है। वहीं इलाहाबाद की गर्मी भी अपने आप में एक मिसाल कायम कर रही है। गंगा-यमुना के मध्यवर्तीय भाग में बसी संगम नगरी में अप्रैल के सभी दिनो में अब तक पारा चालीस या चालीस से ऊपर रहा है। इलाहाबाद की गर्म ने रेगिस्तान की गर्माहट को भी पीछे ढकेल दिया है। एग्जाम्पल के तौर पर राजस्थान का चुरु सबसे गर्म इलाका माना जाता है। लेकिन यहां का टेम्परेचर और इलाहाबाद का टेम्परेचर लगभग बराबर ही चल रहा है।
30 अप्रैल 2013 रहा सबसे गर्म
वैसे बात टेम्परेचर के रिकार्ड की करें तो भले ही गर्माहट पूरी कंटीन्यूटी के साथ पड़ रही हो। लेकिन यह रिकार्ड ब्रेकिंग नहीं है। इससे पहले इलाहाबाद में 30 अप्रैल 2013 में 45.9 डिग्री सेल्सियस का रिकार्ड अभी भी अपने जगह पर कायम है। मौसम विज्ञान विभाग की माने तो करेंट वेदर कंडीशन में हाल फिलहाल कोई बड़े बदलाव के आसार नहीं लग रहे। मतलब साफ है कि पूर्व के वर्षो में अप्रैल के अंतिम सप्ताह में भी जोरदार गर्म पड़ती रही है। ऐसे में इसके बने रहने की संभावना है। वर्ष 2008, 2009, 2012, 2013 और 2014 ऐसे वर्ष रहे हैं। जब इन वर्षो में 30 अप्रैल के दिन टेम्परेचर सर्वाधिक रहा। हालांकि, मौसम विज्ञान विभाग प्री मानसून के निर्धारित समय के पहले ही आ जाने की संभावना प्रकट कर रहा है।
2006 में हुई थी बारिश
बात बरसात की करें तो मौसम विज्ञान विभाग की ओर से जारी वर्ष 2006 से 2015 के बीच के आंकड़े बताते हैं कि अप्रैल का महिना कभी भी अच्छी बरसात का नहीं रहा। इन वर्षो में इलाहाबाद में सबसे अधिक बारिश पूरे अप्रैल माह में वर्ष 2006 में 23.7 मिलीमिटर ही हुई। वहीं एक दिन यानि 24 घंटे की सर्वाधिक बारिश 15 अप्रैल 2015 को 15.8 मिलीमिटर की हुई थी। इस बावत इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में आटोमेटिक वेदर सेंटर के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ। सुनीत द्विवेदी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इलाहाबाद में रेगिस्तान से भी ज्यादा गर्मी पड़ने का कारण गंगा और यमुना का रेतिला मैदान है।
प्रायद्वीप व समुद्र के बीच तालमेल
डॉ। सुनीत द्विवेदी ने कहा कि प्रायद्वीप और समुद्र के बीच बेहतर मौसमी तालमेल दिख रहा है। इससे अच्छे मानसून की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि हवा में ह्यूमिडीटी 10 से 20 फीसदी होने के कारण ड्राई हीट का मौसम देखने को मिल रहा है। कहा कि बारिश होने की स्थित में पूरा एनवायरमेंट मासचराइज हो जाता है और लोगों को उमस के साथ पसीना भी खूब आता है। लेकिन ड्राई हीट के कारण पसीना नहीं आ रहा और हवा भी अच्छी लग रही है। सूरत ढलते ही गर्मी का गायब हो जाना इसी वजह से हो रहा है। डॉ। सुनीत ने लोगों को सलाह दी कि ड्राई वेदर में सूरज से बचे रहने की जरुरत है। क्योंकि सूरज की रोशनी धरती पर सीधे पड़ रही है। ऐसे में शरीर का पानी सूख जाता है।
अप्रैल में दस साल का अधिकतम तापमान
21 अप्रैल 2015- 43.2
30 अप्रैल 2014- 45.1
30 अप्रैल 2013- 45.9
30 अप्रैल 2012- 42.6
17 अप्रैल 2011- 41.7
18 अप्रैल 2010- 44.6
30 अप्रैल 2009- 44.7
30 अप्रैल 2008- 44.7
25 अप्रैल 2007- 42.8
09 अप्रैल 2006- 42.8
अप्रैल में अब तक का तापमान
25 अप्रैल- 42.2
24 अप्रैल- 42.3
23 अप्रैल- 41.2
22 अप्रैल- 44.0
21 अप्रैल- 44.0
20 अप्रैल- 45.3
19 अप्रैल- 45.2
18 अप्रैल- 44.2
17 अप्रैल- 43.3
16 अप्रैल- 45.3
15 अप्रैल- 45.3
14 अप्रैल- 41.4
13 अप्रैल- 40.0
12 अप्रैल- 40.3
11 अप्रैल- 43.1
10 अप्रैल- 42.7
09 अप्रैल- 42.5
08 अप्रैल- 40.7
07 अप्रैल- 40.3
06 अप्रैल- 40.0
05 अप्रैल- 43.3
04 अप्रैल- 42.0
03 अप्रैल- 41.0
02 अप्रैल- 40.0
01 अप्रैल- 40.0ं