-हर नए स्वयं सहायता समूहों को मिलेगा मौका

-पूर्ववर्ती शासनकाल में शुरू की गई थी इंदिरा अम्मा कैंटीन्स

-दोबारा आवेदन करने वाले आवेदकों को चार साल बाद मिलेगा मौका

DEHRADUN: जरूरतमंदों को सस्ते भोजन की थाली उपलब्ध कराने के उद्देश्य से पूर्ववर्ती सरकार द्वारा शुरू किए गए इंदिरा अम्मा भोजनालय अब हर साल बदलेगी। आवेदन करने वाले स्वयं सहायता समूहों को एक बार मौका मिलेगा। जिससे इससे जुड़ी महिलाएं अपने रोजगार को सुचारु कर सकें। इस बावत शासन से सभी जिलों को आदेश जारी कर दिए गए हैं।

दो साल पहले हुई थी शुरुआत

दो साल पहले आम लोगों को महज ख्0 रुपए में भोजन की थाली उपलब्ध कराने के लिए शुरुआत की गई थी। इसकी सबसे पहले राज्य में शुरुआत भी दून के घंटाघर स्थित एमडीडीए कॉम्प्लेक्स से की गई। ख्0 रुपए में क्0 रुपए सरकार की तरफ से सब्सिडी दिए जाने का निर्णय लिया गया। तब से लेकर अब तक दून में लगातार इंदिरा अम्मा कैंटीन्स संचालित हो रहे हैं। जिसमें एक घंटाघर के पास स्थित एमडीडीए कॉम्प्लेक्स, दूसरा दून अस्पताल, तीसरा ट्रांसपोर्ट नगर, चौथा सचिवालय में खोले गए हैं। ऐसे ही डोईवाला, सेलाकुई, विकासनगर, ऋषिकेश में इंदिरा अम्मा कैंटीन्स संचालित हो रहे हैं। हालांकि सेलाकुई, ऋषिकेश व सचिवालय में बिना सब्सिडी के कैंटीन्स संचालित हो रहे हैं। यहां कैंटीन चलाने वाले संचालकों को सरकार की तरफ से कोई सब्सिडी नहीं दी जाती है।

अब तक बना हुआ था सस्पेंस

राज्य में नई सरकार आने के बाद माना जा रहा था कि इंदिरा अम्मा कैंटीन का या तो नाम बदल जाएगा या फिर आवंटन व्यवस्था में नई सरकार की तरफ से नई व्यवस्था शुरू की जाएगी। अब सरकार ने इंदिरा अम्मा कैंटीन आवंटन व्यवस्था में नई आदेश जारी किए हैं। बताया गया है कि इंदिरा अम्मा कैंटीन के लिए आवेदन करने वाले स्वयं सहायता समूहों को हर साल आवेदन करना पड़ेगा। साफ है कि जिस स्वयं सहायता समूह को एक बार कैंटीन्स खोलने का मौका मिला है, उन्हें चार साल बाद ही दोबारा मौका मिल पाएगा। हर साल आवेदन मांगे जाएंगे। सीडीओ जीएस रावत के मुताबिक शासन से आदेश इस बावत जारी किए गए हैं।

दून में इंदिरा अम्मा कैंटीन्स

-दून में कुल कैंटीनों की संख्या--क्0

-दून मिड सिटी में--0ब्

-विकासनगर में--0क्

-ऋषिकेश में---0क्

-सेलाकुई में--0क्

-सचिवालय में--0क्

-पित्थुवाला में--0क्

-डोईवाला में--0क्

सब्सिडी को लेकर संचालकों में रही नाराजगी

इंदिरा अम्मा कैंटीन संचालकों के सामने कई बार सब्सिडी का भुगतान समय पर न किए जाने को लेकर पर नाराजगी सामने आती रही है। हाल में दून के कैंटीन संचालकों ने ग्राम्य विकास प्रमुख सचिव मनीषा पंवार के सामने अपना दुखड़ा भी रोया था। हालांकि बताया जा रहा है कि जल्द ही कैंटीन संचालकों की बकाया सब्सिडी धनराशि जल्द अवमुक्त कर दी जाएगी।