- भारत-तिब्बत सहयोग मंच की दो दिवसीय बैठक शुरू

- चीनी उत्पादों के बजाय स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग करें भारतीय

आगरा: भारत-तिब्बत सहयोग मंच की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक में संरक्षक इंद्रेश ने कहा कि तिब्बत और कैलाश मानसरोवर की आजादी के लिए भारतीय स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग करें। चीन के उत्पादों से परहेज करें, ताकि चीन को आर्थिक रूप से कमजोर किया जाए। चीन भारत के खिलाफ आतंक के साथ है। वह अब भारत को हड़पना चाहता है।

रहना होगा चीन से सतर्क

शनिवार को होटल ताज ओरियंट में आयोजित मंच की बैठक में इंद्रेश ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अधिकांश देश भारत के साथ हैं। पूर्व में पंडित जवाहर लाल नेहरू ने चीन के प्रति नरम रुख रखा, वो भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अवार्ड पाने को, आज तक उसी नरम रुख का दंश भारत झेल रहा है। वर्तमान में पाकिस्तान के बजाय हमें चीन से सतर्क रहना होगा। पाकिस्तान को सर्जिकल स्ट्राइक कर हमने बता दिया है कि हम कुछ भी कर सकते हैं। यह संदेश दे दिया है कि लाहौर में उतरने के लिए हमें किसी की अनुमति नहीं चाहिए। अगर पाकिस्तान नहीं माना, तो भविष्य में अंतरराष्ट्रीय नक्शे में उसे अपना वजूद खोजना पड़ेगा। चीन पावरफुल है, लेकिन भारत भी कम नहीं है। अब 1962 जैसी स्थिति नहीं है। चीन दिखा-दिखाकर डराता है। इंद्रेश ने कहा तिब्बत और कैलाश मानसरोवर की आजादी के लिए भारतीय प्रतिदिन प्रभु से कामना करें। देवों के देव को चीन की कैद से मुक्त कराना है। चीन द्वारा पूर्व में कब्जाई गई भूमि को प्राप्त करना है, वो भी 2022 तक। बैठक में अनुसूचित जाति आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामशंकर कठेरिया ने कहा कि हमें वर्तमान हालात को देखते हुए चीन की सोच का ध्यान रखना होगा।

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