-भीषण गर्मी के बाद भी सरकारी ऑफिसेज में आने वाले फरियादियों के लिए पीने के पानी का नहीं है कोई arrangement

- दैनिक जागरण i next के reality check में सच्चाई आई सामने

VARANASI

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विकास भवन

जिले के लगभग सभी सरकारी ऑफिसेज का एक सेंटर है विकास भवन। इस वजह से यहां डेली पब्लिक का आना ज्यादा होता है। पांच फ्लोर के इस दफ्तर के हर फ्लोर पर कई महत्वपूर्ण ऑफिसेज हैं। इसलिए अपने रियलिटी चेक में हमने इसके दो फ्लोर पर पब्लिक के लिए पीने के पानी की व्यवस्था चेक की लेकिन हम तब शॉक्ड रह गए जब यहां दोनों फ्लोर पर लगी वाटर फिल्टर मशीनें खराब मिलीं।

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डीएम दफ्तर

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने यहां पीने के पानी की व्यवस्था जानी तो पता चला कि यहां लगा वाटर फिल्टर काफी समय से खराब पड़ा है। हां, एक नल जरूर लगा मिला लेकिन इतने नीचे कि वृद्ध या महिलाओं का इस तक पहुंचना मुश्किल है वो भी छत पर लगी एक टंकी से अटैच था। जिससे पानी कितना साफ आता होगा ये तो भगवान ही जाने।

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एडीएम सिटी व एसएसपी दफ्तर

अपने रियलिटी चेक के क्रम में हमने एडीएम सिटी जितेन्द्र मोहन सिंह के दफ्तर का भी हाल जाना। यहां बाहर फरियादियों के बैठने की व्यवस्था तो दिखी लेकिन गर्मी में गला सूखने पर पानी का कोई इंतजाम नहीं था। जबकि एसएसपी ऑफिस में पीने के पानी की व्यवस्था दुरुस्त मिली।

ये हमारे सरकारी ऑफिसेज में फरियादियों को मिलने वाली सुविधा की वो सच्चाई है जिसको जानना शायद हर उस ऑफिसर के लिए जरूरी है जो खुद तो एयरकंडीशनर रूम या गाड़ी में बैठता है। क्योंकि अपनी छोटी-छोटी फरियादों को लेकर दूर दराज से डेली दर्जनों लोग इन सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटते हैं। इस दौरान कई बार अधिकारी भी नहीं मिलते और फरियादी गर्मी में दफ्तर के बाहर ही बैठे रह जाते हैं। इस दौरान यहां अगर इनके पीने के पानी की भी व्यवस्था न हो तो निश्चित तौर पर ये मानवता को शर्मसार करने वाली बात होगी। वो भी तब जब सीएम योगी आदित्यनाथ ने सरकारी दफ्तरों में हर हाल में फरियादियों के लिए उचित और बेहतर व्यवस्था मुहैया कराने का आदेश दिया है।

पीने का साफ पानी फरियादियों को मिले इसके लिए बेहतर व्यवस्था की जायेगी अगर दो फ्लोर पर लगी वाटर फिल्टर मशीनें खराब हैं तो उन्हें चेंज कराया जाएगा।

पुलकित खरे, सीडीओ

हर सरकारी ऑफिस में आने वाले फरियादियों के लिए पीने के साफ पानी की व्यवस्था होना बेहद जरूरी है। इसके लिए हर विभाग से अपने लेवल पर प्रयास करने को कहा गया है।

योगेश्वर राम मिश्र, डीएम

चाहे डीएम दफ्तर हो या फिर विकास भवन पीने का पानी नहीं मिलता है। अगर आपको प्यास लगती है तो मजबूरी में या तो गंदा पानी पीना पड़ेगा या फिर पानी की बॉटल खरीदनी पड़ती है।

विवेक राठौर, फरियादी

सरकारी कार्यालयों में तो हर हाल में पीने के पानी की सुविधा होनी चाहिए क्योंकि लोग बहुत दूर-दूर से आते हैं और अगर इस दौरान हमारे घर भी कोई आता है तो उसे पानी तो जरूर पिलाते हैं।

अनुपम केशरी, फरियादी