- नियामक आयोग ने पांच किलोवॉट पर खत्म किया था लोडिंग चार्ज
- विभाग ने माना सॉफ्टवेयर अपडेट न होने के कारण हुई गलती
मेरठ। सिस्टम लोडिंग चार्ज समाप्त होने के बाद भी बिजली विभाग कंज्यूमर से पैसा वसूल रहा है। नियामक आयोग ने पांच किलोवॉट पर करीब एक दशक पहले लोडिंग चार्ज को समाप्त कर दिया था। विभाग की माने तो सॉफ्टवेयर अपडेट न होने के कारण ऐसा हो रहा है।
विभाग वसूलता है पैसा
दरअसल पीवीवीएनएल घरेलू व कामर्शियल कनेक्शन पर प्रति किलोवाट की दर से निर्धारित की गई प्रोसेस फीस, मीटर मूल्य, जमानत राशि सिस्टम लोडिंग चार्ज और लाइन चार्ज वसूलता है। लेकिन पांच किलोवॉट पर लोडिंग चार्ज समाप्त हो गया था।
इतना है लोडिंग चार्ज
प्रत्येक किलोवॉट पर लोडिंग चार्ज अलग-अलग है। इसमें एक किलोवॉट कनेक्शन पर 50 रुपये, दो किलोवॉट पर 120 रुपये, तीन किलो वॉट पर 450 रुपये, चार किलोवॉट पर 600 रुपये तथा पांच किलोवॉट पर 15 सौ रुपये लोडिंग चार्ज लिया जाता है।
क्या वापस होगा पैसा?
विभाग की माने तो पांच किलोवॉट के पश्चिमांचल में करीब पांच हजार कनेक्शन होंगे। ऐसे में सवाल यह उठता है कि जो लोडिंग चार्ज लिया गया है, वह वापस किया जाएगा या नहीं। एमडी अभिषेक प्रकाश ने दावा किया है कि सिस्टम अपडेट कर पैसा वापस कराया जाएगा।
बिजली विभाग क्या बहुत से ऐसे नियम व कानून है जिनका हमें मालूम ही नहीं है। यदि नियम मालूम हो तो ऐसे कभी भी नहीं होगा।
-अजय
इस नियम के बारे में हमें मालूम नहीं है। कभी बिजली का बिल देखते ही नहीं। जितना बिल आता है वह पैसे देखे और जमा कर दिया।
-बालकिशन
हम क्या शहर में अधिकांश जनता ऐसी है, जिसको नियम व कानून के बारे में पता ही नहीं है। यही कारण है भ्रष्टाचार पनप रहा है।
-धर्मपाल
बिजली विभाग के नियम व कानून के बारे में पब्लिक को अधिक नहीं पता। कर्मचारी जैसा बता देता है वैसा लोग कर देते हैं।
-सोनू
लोडिंग चार्ज समाप्त होने का आदेश है। यदि कंज्यूमर से इसका पैसा लिया जा रहा है तो गंभीर मामला है। सिस्टम को अपडेट कराकर पैसा वापस कराया जाएगा।
-अभिषेक प्रकाश
एमडी पीवीवीएनएल