'चक दे' की तर्ज पर मिली जीत

बॉलीवुड फिल्म चक दे इंडिया के क्लाइमेक्स में फाइनल मैच से पहले शाहरुख खान अपनी टीम की खिलाडिय़ों से कहते हैं कि वो उन्हें नहीं बताएंगे कि उन्हें कैसे खेलना है लेकिन जैसे भी खेलो दिल खोलकर खेलो, अपने जीवन की सबसे बेहतरीन हॉकी खेलो। फिल्म का यह सीन रविवार को हैदराबाद के उप्पल स्टेडियम में मुंबई इंडियंस और पुणे सुपरजायंट के बीच हुए आईपीएल-10 के मुकाबले में जीवंत हो गया, जब कुछ ऐसा ही भरोसा मुंबई के कप्तान रोहित शर्मा ने अपने गेंदबाजों पर जताया। दरअसल, जब मुंबई इंडियंस की टीम महज 129 रन ही बना सकी तो फील्डिंग करते समय पूरी पारी के दौरान रोहित खासे व्याकुल नजर आए। एक रन की जीत के बाद रोहित ने भी माना कि वह बहुत बेचैन थे, लेकिन उन्होंने ये भी बताया कि उन्हें अपने गेंदबाजों पर भरोसा था। इस दौरान रोहित ने ये भी खुलासा किया कि आखिरी तीन ओवर्स में जब पुणे को जीत के लिए 30 रन की दरकार थी तो उन्होंने अपने गेंदबाजों को पूरी तरह फ्रीडम दे दी और कहा कि वो करो जो तुम्हें करना हो और अपने हिसाब से फील्ड भी सेट कर लो। इसके बाद गेंदबाजों ने अपना काम किया और अंत में मुंबई एक रन से जीत दर्ज करने में सफल हो गया।

आईपीएल फाइनल में 'हॉकी वाला' गेम प्‍लॉन बनाकर जीते मुंबई इंडियंस

गेंदबाजों को क्रेडिट

मैच के दौरान प्रत्यक्ष रूप से परेशान दिख रहे रोहित शर्मा ने बताया, 'ईमानदारी से कहूं तो मैं काफी बैचेन था, लेकिन लड़कों ने बेहतरीन जीत दिलवाई। 130 के स्कोर का बचाव करना एक बेहतरीन प्रयास का नतीजा है। मैं खुश हूं। हमें अपनी योजना को बदलने की कभी जरूरत महसूस नहीं हुई। अगर आप एक विकेट लेते हो तो दो से तीन आते हैं। हमने इसके बारे में बातें की थीं। हमने अच्छी वैरायटी के साथ गेंदबाजी की। बहुत सारा श्रेय गेंदबाजी यूनिट को जाता है। जब आपकी टीम में जसप्रीत बुमराह और लसिथ मलिंगा जैसे गेंदबाज हों तो आपको विश्वास हमेशा रहता है। हमारे स्पिनर्स ने भी पूरे सीजन में बेहतरीन गेंदबाजी की।

 

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गेंदबाजों को दी फ्रीडम

खराब बल्लेबाजी के बाद रोहित ने अपने गेंदबाजों को क्या कहा था? इसके बारे में बताते हुए रोहित ने कहा, 'जब भी आप इस तरह के स्कोर को बचाते हो तो पहली चीज जो आपको करनी होती है वो है विश्वास। मैंने लड़कों को बताया था अगर हमने ये केकेआर के खिलाफ किया (मुंबई ने केकेआर को क्वालीफायर 2 में 107 रनों पर ऑलआउट कर दिया था) तो यहां भी एक रास्ता है और हम कर सकते हैं। वहां पिच से भी मदद मिल रही थी इसलिए ये जरूरी था कि हम परिस्थितियों को भुनाएं। जब तीन ओवर बचे थे, मुझे गेंदबाजों पर विश्वास था। जहां भी वे खेले हैं उन्होंने अपना काम बखूबी किया है। मुझे वहां उन्हें स्वतंत्रता देनी थी और कहना था कि करो जो तुम्हें करना हो और अपने हिसाब से फील्ड भी सेट कर लो। मुंबई इंडियंस ने पकड़ मजबूत बनाए रखी और अंतिम तीन ओवर्स में पुणे को 30 रनों की दरकार थी। ये ओवर लसिथ मलिंगा, जसप्रीत बुमराह और मिचेल जॉनसन को फेंकने थे। आरपीएस को आखिरी ओवर में 11 रनों की दरकार थी। स्मिथ और तिवारी क्रीज पर थे, लेकिन मिशेल जॉनसन ने इस ओवर में सिर्फ  9 रन दिए और अपनी टीम को मैच जितवा दिया।

जोस बटलर ने टॉवेल उतारकर मनाया जश्न

मुंबई इंडियंस रविवार रात आईपीएल का खिताब जीता तो मैदान के अलावा विदेश में मौजूद उसके खिलाड़ी भी खुशी से झूम उठे। ऐसे ही एक खिलाड़ी थे जोस बटलर, जो चैंपियंस ट्रॉफी की तैयारियों के मद्देनजर बीच में ही आईपीएल छोड़कर इंग्लैंड वापस लौट गए थे। वह आईपीएल का फाइनल अपने घर में टीवी पर देख रहे थे। विकेटकीपर बल्लेबाज बटलर ने एक वीडियो अपलोड किया है, जिसमें टीम की जीत के बाद उनकी प्रतिक्रिया दिखाई दे रही है। जैसे ही पार्थिव पटेल ने आखिरी गेंद पर बेल्स को उखाड़ा, वैसे ही बटलर ने अपनी टॉवेल उतारकर जश्न को अंजाम दिया। विस्फोटक बल्लेबाज बटलर ने आईपीएल के 10 मैचों में हिस्सा लिया और 272 रन बनाए थे। मुंबई इंडियंस को फाइनल में पहुंचाने में बटलर का अहम योगदान रहा था।

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